20 दिसंबर को मृतक किसानों को दी जाएगी श्रद्धांजलि
किसान आंदोलन अब आर-पार की लड़ाई में बदल गया है। किसान नेताओं ने मंगलवार को कहा कि सरकार कानून वापसी को तैयार नहीं है और हम उनसे ऐसा करवाकर ही रहेंगे। किसान नेता इंद्रजीत ने सिंघु बॉर्डर पर कहा, ‘हम बातचीत से भाग नहीं रहे हैं, लेकिन सरकार को हमारी मांगों पर ध्यान देना होगा और वो हमारे सामने पुख्ता प्रस्ताव रखे।’
इंद्रजीत ने कहा, ‘आंदोलन के दौरान 20 दिनों में 20 किसानों ने अपनी जान गंवाई है यानी करीब हर दिन एक किसान ने जान गंवाई। हम 20 दिसंबर को देशभर के गांवों में लोगों को रोककर इन किसानों को श्रद्धांजलि देंगे। लड़ाई अब उस मुकाम पर पहुंच गई है, जहां से हमें हर हाल में जीत हासिल करनी है।’
आन्दोलन का प्रभाव : कुछ अहम बातें
- जिस चिल्ला बॉर्डर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अपील पर शनिवार रात को खोला गया था, उसे किसानों ने पूरी तरह बंद करने का ऐलान किया है।
- किसान आन्दोलन से दरी सरकार, संसद का शीतकालीन सत्र हुआ स्थगित। देश में कोरोना की वजह से कोई गतिविधि, समारोह, पब्लिक जमावड़ा नहीं रुक रहा है, लेकिन मोदी सरकार ने एलान कर दिया है कि कोरोना की वजह से संसद का शीतकालीन सत्र नहीं होगा।
- जिओ के खिलाफ किसानों की मुहिम रंग लाई, रिलायंस ने ट्राई से गुहार लगाई। दरअसल आन्दोलनकारी किसानों ने जियो के उत्पादों का बहिष्कार करने का फैसला लिया है।
- मंगलवार को दिल्ली बॉर्डर पर रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की टुकड़ियां तैनात की गई है। अभी तक यहां पर सिर्फ दिल्ली पुलिस ही तैनात थी।
- दिल्ली बॉर्डर के पास कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 4 किसानों की घर लौटते वक्त दो अलग-अलग सड़क हादसों में मौत हो गई। इनमें 2 पटियाला, एक मोहाली और एक फतेहागढ़ साहिब के बताए जा रहे हैं।