भीषण आग से फैक्ट्री खाक, दूसरे दिन मज़दूर का मिला नरकंकाल

जान हथेली पर लेकर काम करने को मजबूर हैं मज़दूर
पंतनगर (उत्तराखंड)। औद्योगिक क्षेत्र सिडकुल स्थित दुर्गा फाइबर कंपनी में सोमवार को लगी भीषण आग में फंसे 23 वर्षीय श्रमिक देवस्वरूप की दर्दनाक मौत हो गई है। मृतक के परिजनों की सूचना के बाद कंपनी में चले सर्च अभियान में आज मंगलवार को उसका कंकाल मिला।
मूलरूप से ग्राम चुटकुना, थाना बिसलपुर पीलीभीत और हाल ट्रांजिट कैंप निवासी 23 वर्षीय मज़दूर देवस्वरूप पुत्र हरपाल का कंकाल मिलने के बाद पुलिस ने पंचनामा भरकर डीएनए जांच के लिए सेंपल लिए।
दरअसल सोमवार को सिडकुल पंतनगर के सेक्टर सात स्थित थर्माकोल की प्लेट, गिलास बनाने वाली श्री दुर्गा फाइबर प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड में दोपहर पहली मंजिल में बने गोदाम में आग लग गई थी। देखते-देखते आग ने पूरी तीन मंजिली बिल्डिंग को अपनी चपेट में ले लिया।
पूरे सिडकुल क्षेत्र में आसमान में कई घंटों तक काला गुबार फैला रहा। आस-पास की फैक्ट्रियों में भी इसकी धधक पहुँचने लगी। दमकल की दर्जनों गाड़ियों ने घंटों मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया था, तब तक फाइबर फैक्ट्री में सब कुछ जलकर राख हो चुका था।
इस बीच कल देर शाम तक मज़दूरों के हताहत होने का अंदेशा लगाया जा रहा था जिसकी आज पुष्टि हो गई है। हालांकि प्रशासन व प्रबंधन ने किसी के हताहत होने से इनकार किया था।
बताया जा रहा है कि गोदाम में सात श्रमिक काम कर रहे थे। आग लगने के बाद छह श्रमिकों ने कूदकर अपनी जान बचाई। जबकि सातवां फंस गया था। करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद दमकल के 12 वाहनों ने आग पर काबू पाया।
परिजनों द्वारा लापता की शिकायत पर मिला नर-कंकाल
मंगलवार सुबह श्रमिक देवस्वरूप के पिता हरपाल और छोटा भाई संदीप आदि सिडकुल चौकी में उसके लापता होने की सूचना दी। जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और सर्च अभियान चलाया। इस दौरान गोदाम में पुलिस को एक कंकाल मिला। बाद में पुलिस ने पंचनामा भरकर डीएनए जांच के लिए सेंपल लिए। इस दौरान मृतक के स्वजनों की मांग पर 7.21 लाख का मुआवजा का चेक दिया गया।
खबर के मुताबिक 6 से 7 लोग जब आग लगी उस वक्त फैक्ट्री के भीतर थे, जिनमें से सारे लोग निकल गए लेकिन देव स्वरूप अंदर ही रह गया। जिसके बाद फैक्ट्री ने भीषण अग्निकांड का नजारा फिलहाल मृतक के परिजनों ने मृतक देव स्वरूप के लिए न्याय की मांग की है।
ज्ञात हो कि फैक्ट्री में फाइबर की डिस्पोजेबल प्लेटें व गिलास बनाए जाते हैं। कंपनी में 100 श्रमिक काम कर रहे थे। अधिकतर श्रमिकों को छुट्टी दी गई थी। दोपहर डेढ़ बजे अचानक कंपनी में आग लग गई। कंपनी के अंदर धुआं देखकर कर्मचारियों व अधिकारियों ने भागकर जान बचाई।