फैक्ट्री में हादसा; पट्टे में फंसकर महिला श्रमिक की दर्दनाक मौत

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यह हादसा इतनी जल्दी हुआ कि बचाने का कोई मौका नहीं मिल पाया। काम के दौरान वह मशीन के पट्टे में फंसकर खिंचती हुई बॉयलर तक जा पहुंची और उसकी मौत हो गई।

गुना. शहर के औद्योगिक क्षेत्र कुशमोदा स्थित भूसे की फैक्ट्री में शनिवार दोपहर करीब 12.30 बजे एक बड़ा हादसा हो गया। जिसमें महिला की दर्दनाक मौत हो गई। बताया जाता है कि महिला का पैर फिसला और वह मशीन में लगे पट्टे के साथ खिंचती हुई बॉयलर में चली गई। इस घटना को वहां मौजूद मजदूरों ने भी देखा लेकिन कोई बचा नहीं सका। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भिजवाया।

जानकारी के मुताबिक कुशमोदा निवासी भूरी बाई (35) पत्नी चंदन लोधा भूसा फैक्ट्री में काम करती थी। साथ में उसकी बड़ी बहन भगवान बाई भी इसी फैक्ट्री में काम करती है। घटना के समय वह भी फैक्ट्री में काम कर रही थी। प्रत्यक्षदर्शी मजदूरों की मानें तो यह हादसा इतनी जल्दी हुआ कि बचाने का कोई मौका नहीं मिल पाया। भूरिया जब फैक्ट्री में काम कर रही थी तब अचानक उसका पैर फिसला तो वह मशीन में लगे पट्टे की चपेट में आ गई। जिससे वह खिंचती हुई बॉयलर तक जा पहुंची और उसकी दर्दनाक मौत हो गई। घटना के बाद मजदूरों ने फैक्ट्री स्टाफ को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद महिला के परिजनों और पुलिस को खबर दी गई। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर मामला विवेचना में ले लिया है। परिजनों के अनुसार भूरी के दो बच्चे हंै जिनमेेें एक लड़की और एक लड़का।

्रप्रत्यक्षदर्शी मजदूरों के अनुसार घटना उस समय हुई जब भूरी कन्वेयर बेल्ट पर भूसा डाल रही थी। उसी दौरान भूसे पर पैर पड़ने से वह फिसल गई और मशीन में लगा पट्टा साड़ी सहित उसे खींच ले गया। यह देखते ही वहां मौजूद भूरी की बड़ी बहन ने मशीन को बंद भी कर दिया। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। भूरी की मौके पर ही मौत हो गई। मजदूरों ने बताया कि सूचना मिलने के बाद भी फैक्ट्री मालिक काफी देर तक नहीं आए।

मृतक भूरी बाई की बड़ी बहन भगवान बाई ने बताया कि उसकी छोटी बहन पिछले कुछ समय से आर्थिक रूप से परेशान थी। इसलिए उसने भी फैक्ट्री में काम करने की बात कही। यहां उसे 200 रुपए प्रतिदिन की मजदूरी मिलती थी। पिछले 6 साल से वह बड़ी बहन के साथ ही भूसा फैक्ट्री में मजदूरी कर रही थी।

भगवान बाई के मुताबिक कुशमौदा स्थित शीतल इंडस्ट्रीज में भूसे के गट्टे बनाकर बाहर भेजे जाते हैंं। दोनों बहनों को कन्वेयर बेल्ट पर भूसे डालने का काम दिया गया था। एक कन्वेयर बेल्ट पर भूरी बाई काम कर रही थी और दूसरे पर भगवान बाई। जब भूरी उर्फ भुरिया बाई बेल्ट पर भूसा डाल रही थी, उसी दौरान भूसे पर पैर पड़ने से वह फिसल गई और कन्वेयर बेल्ट में फंसकर उसके साथ ही आगे चली गई। जब तक बड़ी बहन ने मशीन बंद करवाई तब तक काफी देर हो चुकी थी।

इस घटना ने फैक्ट्री संचालन के दौरान होने वाली सुरक्षा व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है। हालांकि पत्रिका ने एक दिन पहले 22 अप्रेल के अंक में ही उक्त फैक्ट्री की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ते हुए चेताया था। सबसे बड़ी बात तो यह है कि फैक्ट्री में भूसे का काम होता है। लेकिन आग बुझाने के कोई इंतजाम नजर नहीं आए। इसके अलावा मजदूरों के लिए आकस्मिक दुर्घटना से बचने के इंतजाम भी नहीं थे।

पत्रिका से साभार

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