चुनाव खत्म, महँगाई की मार, कुछ राज्यों में पेट्रोल ₹102 के पार

चुनावी दौर में स्थिर, परिणाम के बाद से लगातार बढ़ रही कीमत
राजस्थान और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में पेट्रोल का दाम 102 रुपए प्रति लीटर की ऊंचाई तक पहुंच चुका है। तेल कंपनियों के लगातार चौथे दिन पेट्रोल, डीजल के दाम बढ़ाने से यह स्थिति बनी है। हालांकि, इससे पहले पांच राज्यों में जारी विधानसभा चुनावों के दौरान दो सप्ताह से अधिक समय तक दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक शुक्रवार को पेट्रोल के दाम में 29 पैसे और डीजल के दाम में 31 पैसे प्रति लीटर की तेज वृद्धि की गई। इस वृद्धि के बाद दिल्ली में पेट्रोल का खुदरा मूल्य 91.27 रुपए प्रति लीटर हो गया जबकि डीजल का दाम 81.73 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया।
राजस्थान के गंगानगर जिले में इस वृद्धि के बाद पेट्रोल का दाम 102.15 रुपए लीटर पर पहुंच गया। तेल कंपनियों के मूल्य चार्ट में यह दर्शाया गया है। वहीं मध्य प्रदेश के अनूपपुर में पेट्रोल का दाम 101.86 रुपए लीटर हो गया है जबकि महाराष्ट्र के परभनी में यह 99.95 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच चुका है।
इस साल यह दूसरा मौका है जब देश के कुछ हिस्सों में पेट्रोल का दाम 100 रुपए प्रति लीटर से ऊपर निकल गया। इससे पहले फरवरी मध्य में पेट्रोल का दाम इस आंकड़े से ऊपर निकला था। ईंधन के खुदरा दाम अलग-अलग राज्यों में भिन्न होते हैं। राज्यों में मूल्यवर्धित कर (वैट) की दर और माल पहुंचाने का भाड़ा अलग होना इसकी मुख्य वजह होती है। देश में राजस्थान में पेट्रोल पर सबसे अधिक वैट लगता है, उसके बाद मध्य प्रदेश का स्थान आता है।
शुक्रवार को लगातार चौथा दिन रहा है जब तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाए हैं। वहीं इससे पहले विधानसभा चुनावों के दौरान 18 दिन तक इनके दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया। चार दिन की वृद्धि में पेट्रोल के दाम 88 पैसे और डीजल के दाम में एक रुपए प्रति लीटर की वृद्धि हो चुकी है।
इस वृद्धि से 24 मार्च से लेकर 15 अप्रैल के बीच दाम में जो कमी आई थी वह समाप्त हो चुकी है। इस दौरान तेल कंपनियों ने पेट्रोल का दाम 67 पैसे और डीजल के दाम में 74 पैसे प्रति लीटर की कटौती की थी। तेल कंपनियों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम लगातार ऊंचा बना हुआ है। कच्चे तेल का दाम 70 डालर प्रति बैरल के आसपास चल रहा है।
जनसत्ता से साभार