मेडिकल कालेज के सरकारी अधिग्रहण के बाद एक असंवैधानिक कानून लाकर कर्मचारियों को निकाल दिया गया है। जिससे कर्मचारी आंदोलित हैं, जिन्हें व्यापक समर्थन मिल रहा है।
भिलाई। चंदूलाल चंद्राकार मेमोरियल मेडिकल कालेज कचांदूर जिला दुर्ग के सरकारी अधिग्रहण के बाद बाहर निकाले गए कर्मचारी द्वारा किया जा रहा आमरण अनशन चौथे दिन भी जारी रहा। रविवार को आंदोलन कारियों व प्रशासनिक अधिकारियों के बीच जमकर बहस हुई।
आमरण अनशन बंद कराने रविवार को तहसीलदार एवं जेवरा सिरसा चौकी प्रभारी पंडाल पर 11 बजे से पहुंचे। अनशनकारियों और प्रशासन के बीच काफी गहमागहमी का माहौल रहा। आंदोलनरत कर्मचारियों ने मांग पूरी हुए बिना उठने से इंकार कर दिया। कहा कि अब वे जिला कलेक्टर से ही बात करेंगे।
इससे पहले सरकारी डाक्टर ने अनशन कर्ता का स्वास्थ्य चेक कर उसे अस्पताल रेफर करने की सलाह दी। बताया गया कि आमरण अनशन पर बैठे सुमीत परगनिहा 2013 से स्टोर इंचार्ज के पद पर कार्यरत था। आंदोलनकारियों की तरफ से सुमीत परगनिहा के द्वारा आमरण अनशन किया जा रहा है। विभिन्ना संगठनों, ट्रेड यूनियन, किसान आंदोलन के पदाधिकारी का समर्थन आंदोलन को मिल रहा है।
इससे पहले कर्मचारी अपनी मांग को लेकर धरना प्रदर्शन, आंदोलन, चक्का जाम, मशाल रैली निकाल चुके हैं, बावजूद आंदोलनकारियों को कोई सकरात्मक जवाब नहीं मिला। शासन प्रशासन तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए कर्मचारियों ने आमरण अनशन शुरू किया है। छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के कला दास डेहरिया ने कहा कि इस मेडिकल कालेज का सरकारी अधिग्रहण के उपरांत एक असंवैधानिक कानून लाकर कर्मचारियों को काम से निकाल दिया गया है।
नई दुनिया से साभार