डॉल्फिन अनशनकारी महिलाओं की प्राण रक्षा हेतु सामूहिक क्रमिक अनशन; प्रशासन को दी चेतावनी

विभिन्न मज़दूर-किसान यूनियनों, सामाजिक संगठनों और राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों ने शासन प्रशासन को जगाने के लिए सामूहिक रूप से क्रमिक अनशन किया। डीएम को ज्ञापन दिया।
रुद्रपुर (उत्तराखंड)। आज 4 नवंबर को डॉल्फिन मजदूरों के आमरण स्थल पर विभिन्न मजदूर -किसान यूनियनों, सामाजिक संगठनों और राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों ने अनशनकारियों की प्राणरक्षा करने हेतु शासन प्रशासन को जगाने के लिए सामूहिक रूप से क्रमिक अनशन किया। ततपश्चात् जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर से मुलाक़ात करके उन्हें ज्ञापन सौंपा गया।
इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि पूरा समाज भलीभांति जनता है कि डॉल्फिन कंपनी सिडकुल पंतनगर में बुनियादी श्रम कानूनों के हो रहे घोर उल्लंघन के खिलाफ सैकड़ों श्रमिक विगत लम्बे समय से आंदोलित हैं। 4 महिला श्रमिकों सहित अन्य श्रमिक विगत 15 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं।
कहा कि गाँधी पार्क रुद्रपुर में आमरण अनशन पर बैठी दो सगी बहनों पुष्पा और प्रेमवती की कंपनी मालिक ने विगत 7 माह से इसलिए अवैध गेटबंदी कर रखी है कि वो अपने पिताजी के देहांत होने पर उनके अंतिम दर्शन करने को छुट्टी लेकर गईं थी और ऐसे ग़मगीन माहौल में भी मात्र 5 दिन बाद ही 2 अप्रैल 2024 को ड्यूटी पर उपस्थित हो गई थीं। किन्तु कंपनी मालिक प्रिंस धवन ने उनके साथ सहानुभूति से पेश आने के स्थान पर उनके साथ क्रूरता दिखाते हुए उनकी गेटबंदी कर दी। जो कि मानवीय नैतिकता को तार-तार करके मानवता के विरुद्ध जघन्य अपराध और पाप है।
आमरण अनशन पर बैठी कृष्णा देवी का कम्पनी में ड्यूटी जाते समय हुईं दुर्घटना में हाथ टूट गया था। उनका हाथ आज भी निर्जीव सा ही है। कम्पनी मालिक द्वारा ना तो उनका इलाज कराया गया और ना बैठे दिनों में भरण पोषण भत्ता दिया गया। ज़ब वो फिटनेस लेकर वापस काम पर आई तो उनका भी करीब 9 माह पूर्व गेटबंद कर दिया गया। जो कि कंपनी मालिक की क्रूरता और अपराधों का स्पष्ट उदाहरण है।
आमरण अनशन कारी पिंकी गंगवार पर ठेकेदार की नौकरी स्वीकार करने को दबाव बनाया गया, उनका घोर उत्पीड़न किया गया। अंततः उन्हें फर्जी आरोप पत्र देकर उत्पीड़न किया गया।
आमरण अनशन पर बैठे स्थाई श्रमिक देव कुमार सहित हजारों स्थाई श्रमिकों की अवैध रुप से सेवा समाप्त करके उनको जबरदस्ती ठेकेदार की नौकरी में धकेल दिया गया। आमरण अनशन पर बैठे स्थाई श्रमिक ललित कुमार सहित 48 स्थाई श्रमिकों को कारण बताओ नोटिस, आरोप पत्र दिए बिना ही उनकी करीब सात-आठ माह से अवैध गेटबंदी की गईं है। कंपनी द्वारा न्यूनतम वेतन और बोनस भुगतान अधिनियम के किए जा रहे घोर उल्लंघन का प्रकरण भी जगजाहिर हो चुका है।

वक्ताओं ने कहा कि डॉल्फिन कंपनी द्वारा बुनियादी श्रम कानूनों के उपरोक्त घोर उल्लंघन करने के पश्चात् भी श्रम विभाग, जिला प्रशासन और उत्तराखंड सरकार द्वारा कंपनी मालिक के विरुद्ध कोई भी कानूनी कार्यवाही ना करना अत्यंत चिंताजनक और आश्चर्यजनक है।
दिनांक 26/09/2024 को जिला स्तरीय कमेटी द्वारा थोपे गए अन्यायपूर्ण समझौते से जबकि दोनों पक्ष सहमत हैं। श्रमिक पक्ष के अनुरोध पर उपश्रमायुक्त महोदय द्वारा उक्त समझौते का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु सेवायोजक को नोटिस /निर्देश जारी करने के पश्चात् भी सेवायोजक द्वारा उक्त समझौते को मानने से इंकार करना और श्रम विभाग, जिला प्रशासन द्वारा स्वयं भी कंपनी मालिक के सुर में सुर मिलाना अत्यंत हैरान परेशान करने वाला है।
जबकि सेवायोजक द्वारा संराधन अधिकारी /सहायक श्रमायुक्त महोदया रुद्रपुर के समक्ष दिनांक 14/10/2024 और दिनांक 15/10/2024 को हुईं संराधन वार्ताओं के दौरान प्रस्तुत लिखित पत्र में साफ-साफ लिखा है कि सेवायोजक को उक्त समझौता पूर्णतः स्वीकार है और वो उसकी सभी शर्तो को लागू करने को प्रतिबद्ध है। फिर सेवायोजक उक्त समझौते से किस आधार और किस नैतिकता से मुकर सकता है, यह सोचनीय विषय है। यह अनुचित श्रम व्यवहार की पराकाष्ठा है।
श्रम विभाग को सेवायोजक के विरुद्ध तत्काल उत्तर प्रदेश औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा -14(A) के तहत सक्षम न्यायालय में वाद दायर करना चाहिए था।
वक्ताओं ने कहा कि डॉल्फिन कंपनी मालिक की उपरोक्त निर्दयता, छल कपट भरे व्यवहार और बुनियादी श्रम कानूनों के उपरोक्त उल्लंघन एवं श्रम विभाग, जिला प्रशासन और उत्तराखंड सरकार की घोर लापरवाही के कारण ही आज आमरण अनशनकारियों का जीवन संकट में है।
वक्ताओं ने एक स्वर में मांग की कि ऐसे में जिलाधिकारी महोदय को न्यायहित में अनशनकारियों की प्राण रक्षा हेतु तत्काल हस्तक्षेप करके समझौते के तहत सभी श्रमिकों की तत्काल कार्यबहाली करानी चाहिए। डॉल्फिन कम्पनी में बुनियादी श्रम कानूनों को सख़्ती से लागू कराना चाहिए।
आज आमरण अनशनकारियों के समर्थन में क्रमिक अनशन में मजदूर सहयोग केंद्र (CSTU) से सावित्री, आम आदमी पार्टी के महानगर अध्यक्ष सतपाल ठुकराल, प्रदेश संगठन मंत्री कुलवंत सिंह, जिलाध्यक्ष जनार्दन सिंह,महिला जिलाध्यक्ष किरन पांडे विश्वास, भाईचारा एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष के पी गंगवार, श्रमिक संयुक्त मोर्चा उधमसिंह नगर के कार्यकारी अध्यक्ष दलजीत सिंह, लुकास टीवीएस मजदूर संघ के महामंत्री बसंत बल्लभ गोस्वामी और दीपक सिंह, इंटरार्क मजदूर संगठन के उदयसिंह और अनूप कुमार, परिवर्तनकामी छात्र संगठन के महासचिव महेश, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के नगर अध्यक्ष शिवदेव सिंह, यजाकि वर्कर यूनियन के महामंत्री रविन्द्र कुमार, हैंकल मजदूर संघ के महामंत्री कमल पांडेय, इंकलाबी मजदूर केंद्र के कैलाश भट्ट, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की नेत्री रविन्दर कौर और पूजा, मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा) से दिनेश चन्द्र, विकलांग कल्याण समिति के अध्यक्ष सलीम खान, नन्ही दुनिया सोशल वैलफेयर सोसाइटी की अध्यक्षा सोना गुंजन पवार, कांग्रेस के जिला प्रवक्ता साजिद खान, समाजवादी छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष ओसियन सिंह यादव, तराई किसान संगठन के अध्यक्ष तेजेन्द्र सिंह विर्क, कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेत्री काजल गंगवार, वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजीज खां, इन्टरार्क मजदूर संगठन किच्छा के महासचिव पान मोहम्मद, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केन्द्रीय महासचिव दिनेश उपाध्याय व दीवान सिंह खन्नी, ठेका मजदूर कल्याण समिति के अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह, प्रगतिशील युवा संगठन बिन्दुखत्ता के महासचिव शम्भू धोनी, मनोज कुमार, भूमि बचाओ मुहिम के संयोजक जगतार सिंह बाजवा व शेर सिह, भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के प्रदेश अध्यक्ष बलजिंदर सिंह मान, महासचिव योगेंद्र कुमार यादव, लघु उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजीव कुमार गुप्ता, आटोलाइन इम्प्लाइज यूनियन के गिरीश गुप्ता, एरा श्रमिक संगठन के महेश कुमार, भाकपा माले के जिला सचिव ललित मटियाली, सीपीआई के पूर्व जिला सचिव एड. राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता, सर्वश्रमिक निर्माण कर्मकार संगठन के नन्दकिशोर, सीएनजी टैंपो यूनियन के अध्यक्ष सुब्रत विश्वास, हिमालय क्रांति पार्टी के रामदत्त आदि साथी बैठे। साथ में सैकड़ों की संख्या में श्रमिक साथी उपस्थित थे।