विरोध के बावजूद मोदी सरकार ने रेलवे स्टेशनों के निजीकरण के लिए 140 कंपनियों से चर्चा की

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छह लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मुद्रीकरण,निजीकरण के खिलाफ रेल कर्मियों ने चेतावनी दिवस मनाया, लेकिन मोदी सरकार ने स्टेशनों को निजी कम्पनियों को सौंपने की तैयारी शुरू कर दी।

नई दिल्ली। भारत सरकार द्वारा घोषित छह लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन में 400 रेलवे स्टेशन शामिल किये गए हैं और इन स्टेशनों को निजी भागीदारी से विकसित करने, उन्हें निजी कम्पनियों को सौंपने की तैयारी शुरू हो गई हैं। साल 2021-22 में 40 स्टेशनों को निजी भागीदार के हाथों में सौंपने का लक्ष्य रखा गया है।

सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड के माध्यम से स्टेशन विकास के लिए मॉडल रियायत समझौते (एमसीए) को अंतिम रूप देने के संबंध में रेल मंत्रालय, रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए ) और भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम लिमिटेड ( आईआरएसडीसी ) ने स्टेकहोल्डर्स  के साथ बैठक, परामर्श किया।

 ऑनलाइन वेबिनार में आई-स्क्वायर कैपिटल, ब्रुकफील्ड ग्लोबल एसेट मैनेजमेंट, भारती रियल्टी लिमिटेड, एंकोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट होल्डिंग्स लिमिटेड, अडानी इंफ्रा जैसे दिग्गज कम्पनियों सहित 140 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। वेबिनार मॉडल रियायत समझौते (एमसीए) को सरल बनाने के लिए माननीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के मार्गदर्शन में रेल मंत्रालय द्वारा उठाए गए विस्तृत अभ्यास का एक हिस्सा था। इससे पहले एमसीए के प्रारूप को रेल मंत्रालय की वेबसाइट पर 27 अगस्त 2021 को अपलोड किया गया था और स्टेकहोल्डर्स से प्रतिक्रिया मांगी गई थी।

अधिकांश स्टेकहोल्डर्स ने इंडस्ट्री के विचारों को शामिल करने के लिए एमसीए के प्रारूप और रेल मंत्रालय की प्रक्रिया को सराहा। वेबिनार को ओपी सिंह, अतिरिक्त सदस्य/भूमि एवं सुविधाएं/रेलवे बोर्ड एवं वीपी डुडेजा, वाइस चेयरमैन/आरएलडीए और संजीव लोहिया, एमडी और सीईओ/आईआरएसडीसी ने संबोधित किया। आरएलडीए के वाइस-चेयरमैन वेद प्रकाश डुडेजा ने स्पष्ट तौर पर कहा, ‘भारत सरकार द्वारा घोषित 6 लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन में 400 स्टेशन शामिल हैं, जहां 76000 करोड़ रुपये के निवेश की परिकल्पना की गई है।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2021-22 में 40 स्टेशनों और 2022-23 में अन्य 120 स्टेशनों को बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसे सफल बनाने के लिए, स्टेकहोल्डर्स की चिंताओं को दूर करने की आवश्यकता है। इसीलिए एमसीए के प्रारूप को साझा किया है।“ आरएलडीए फिलहाल विकास और मोनेटाईजेशन के लिए 112 स्टेशनों, 84 कॉलोनियों और 100 से अधिक ग्रीनफील्ड कॉमर्शियल साइट्स पर काम कर रहा है।

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