बिजली बिलों में भारी बढ़ोत्तरी और निजीकरण के खिलाफ आक्रोश प्रदर्शन

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कोरोना संकट के दौर में आम उपभोक्ताओं के बिजली बिल माफ करने की जगह बिलों में तरह-तरह के शुल्क लगा कर जनता को लूटा जा रहा है, बिजली का निजीकरण हो रहा है, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है।

कोरोना काल के बिजली बिल माफ करो!

रामगढ़ (राजस्थान)। बिजली कम्पनियों की मनमानी व बिजली बिलों में भारी बढ़ोतरी के खिलाफ बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति की अगुवाई में 18 अगस्त को उपतहसील रामगढ़ पर विशाल विरोध प्रदर्शन किया गया। रामगढ़ उपतहसील कार्यालय में नायब तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया।

विरोध प्रदर्शन में रामगढ़ के साथ साथ नेठराना, बरवाली, भरवाना, खचवाना, उज्जलवास, मुनसरी, गोगामेड़ी आदि कई गांवों से उपभोक्ता शामिल रहे।

कोरोना संकट में अगस्त माह के बिजली बिलों में हजारों रुपए स्थायी शुल्क व अन्य राशि के रूप में जोड़ कर भेजा गया है। उपभोक्ताओं का कहना है कि इस महीने औसत के मुकाबले दुगुने व तिगुने बिल आये हैं। इतने बड़े-बड़े बिजली के बिल भरना हमारे वश की बात नही है।

संघर्ष समिति के सदस्य ने कहा कि बिजली विभाग द्वारा स्थाई शुल्क के साथ-साथ तरह तरह के शुल्क लगा कर जनता को लूटा जा रहा है। इलाके के चुने हुए जन प्रतिनिधियों ने बिजली के मुद्दे पर चुप्पी साध ली है। कोरोना महामारी के चलते आम आदमी को रोजगार का भारी संकट झेलने के बावजूद भी राज्य सरकार बिजली उपभोक्ताओं को कोई राहत नहीं दे रही है।

संघर्ष समिति ने राजस्थान सरकार से मांग की है कि- कोरोना महासंकट काल के बिजली के बिल माफ किये जायें व नाजायज बिलों को भरवाने के लिए आमजन पर कनेक्शन काटने का दबाव नहीं बनाया जाए; स्थायी शुल्क, विद्युत शुल्क, फ्यूल सरचार्ज व अन्य राशि के रूप में हो रही वसूली तुरंत बंद की जाए; प्रत्येक परिवार को हर महीने 200 यूनिट तक फ्री बिजली दी जाए; घटिया व तेज चलने वाले मीटर तुरंत हटाये जाएं; बिजली सेवा का निजीकरण तुरंत रोका जाए व बिजली अधिनियम 2020 ख़ारिज किया जाए; बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति के सदस्यों पर लगाए गए झूठे मुकदमे ख़ारिज किये जायें।