टाइगर से सुरक्षा देने में लापरवाह अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज हो; ग्रामीणों पर फर्जी मुकदमे वापस हो!

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रामनगर (नैनीताल)। संयुक्त संघर्ष समिति के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीणों ने टाइगर के आतंक, वन अधिकारियों की तानाशाही और ग्रामीणों पर दर्ज फर्जी मुकदमों के खिलाफ कोतवाली रामनगर पर प्रदर्शन कर आक्रोश प्रकट किया और कोतवाल को ज्ञापन देकर न्याय की माँग की।

इस दौरान टाइगर से ग्रमीणों को सुरक्षा प्रदान करने में लापरवाही बरतने के लिए जिम्मेदार निदेशक कार्बेट टाइगर रिजर्व साकेत बडौला, उपनिदेशक राहुल मिश्रा व रेंज अधिकारी भानुप्रकाश हर्बोला आदि के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की मांग हुई तथा प्रेम वल्लभ जोशी की तहरीर दर्ज करने व रेंज अधिकारी भानु प्रकाश हर्बाला द्वारा 5 नामजद व 50 अन्य के खिलाफ दर्ज फर्जी मुकदमें को तत्काल रद्द करने की मांग की गई।

रामनगर कोतवाल ने ग्रामीणों को मामले की जांच कर निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया।

इससे पहले दिन में 11 बजे कार्बेट पार्क के सीमावर्ती क्षेत्रों से बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने जंगली जानवरों व बंदरों से सुरक्षा की मांग को लेकर कार्बेट टाइगर रिजर्व कार्यालय पर धरना दिया। निदेशक साकेत बडोला एक बार पुनः अपने कार्यालय पर नहीं उपस्थिति होने पर ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से उनका एक दिन का वेतन काटने की मांग की।

महेश जोशी के संचालन में हुई सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने पार्क प्रशासन पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि लिखित, मौखिक व फोन द्वारा सूचना देने के बावजूद भी हमें सुरक्षा नहीं दी जा रही है। टाइगर, लेपर्ड व अन्य हिंसक जानवर हमारे घरों में आ रहे हैं। कार्यालय में समस्या लेकर आने पर आला अधिकारी मौके से नदारद हो जाते हैं और धरना देने पर फर्जी मुकदमे दर्ज करा दिये जाते हैं।

वक्ताओं ने कहा कि टाइगर व लेपर्ड आदि हिंसक जानवरों की संख्या उत्तराखंड में बहुत अधिक हो गई है। अतः इनकी संख्या को सीमित करने के लिए इनकी बैलेंस हंटिंग करवाई जाए अथवा इन्हें यहां से हटाकर दूसरे देशों को भेजा जाए।

धरने पर ज्ञापन लेने आए पार्क वार्डन द्वारा टाइगर को उसकी मां ने शिकार करना सिखाया है, कहने पर ग्रामीणों ने इसे उकसावे पूर्ण बताते हुए कहा कि हमलों में मरने वाले गरीब ग्रामीण हैं यदि ये हमला किसी अधिकारी या उसके परिजनों के ऊपर होता तब भी क्या वे इसी तरह का असंवेदनशील बयान देते।

आंदोलन की आगामी रणनीति के लिए 17 मार्च को ग्राम सांवल्दे पूर्वी में बैठक होगी।

धरने को तारा बेलबाल, भूवन आर्य, बालम थापा, समिति के संयोजक ललित उप्रेती, उपपा नेता प्रभात ध्यानी, नवीन अधिकारी, पीसी जोशी, कैसर राना, महिला एकता मंच की ललिता रावत, समाजवादी लोक मंच के मुनीष कुमार, एडवोकेट पूरन पांडे, आइसा के सुमित ने संबोधित किया।

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