कंपनियों में न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये घोषित हो! रामलीला मैदान के बाद जंतर-मंतर पर प्रदर्शन

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ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति के बैनर तले दिल्ली में हुआ प्रदर्शन। ईपीएफओ की ईपीएस-95 के तहत मासिक न्यूनतम पेंशन महज 1,000 रुपये है। आइए जानें क्या है पूरा मामला!

दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की ईपीएस-95 योजना के तहत आने वाले श्रमिकों ने 8 दिसम्बर को को न्यूनतम पेंशन मासिक 7500 रुपये करने समेत कई मांगों को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदर्शन के लिए अलग-अलग राज्यों से ईपीएफओ के कर्मचारियों दिल्ली पहुंचे और अपनी मांगों को रखा।

इससे एक दिन पूर्व ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति ने 7 दिसम्बर को अपनी इन्हीं मांगों के लिए दिल्ली के रामलीला मैदान में भी प्रदर्शन किया था। इसमें देशभर के पेंशनर ने 132 रेल गाड़ियों के रद्द होने के बावजूद भी बड़ी संख्या में भाग लिया था।

ज्ञात हो कि सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) की बहाली की मांग को लेकर लगातार आंदोलित हैं। अब कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के दायरे में आने वाले कर्मचारी और पेंशनधारक ईपीएफओ की पेंशन स्कीम ईपीएस-95 के तहत मिलने वाले न्यूनतम पेंशन को हर महीने 7500 रुपये करने की मांग को लेकर आंदोलित हैं। मौजूदा समय में कर्मचारी पेंशन योजना ईपीएस -95 के तहत न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये महीना है।

मांगे नहीं मानी गई तो आंदोलन होगा तेज

ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति ने कहा कि हम लोग लगातार तीस–तीस साल से काम कर रहे हैं और ईपीएस आधारित पेंशन मद में निरंतर योगदान कर रहे हैं। इसके बाद भी कर्मचारियों को मासिक पेंशन के रूप में इतनी कम राशि मिल रही है, जिससे कर्मचारियों और उनके परिजनों का गुजर बसर करना कठिन है। महंगाई काफी बढ़ गई है लेकिन हमारा पेंशन नहीं बढ़ाया जा रहा है।

समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राऊत ने कहा कि ईपीएस-95 पेंशनर्स पिछले 7 वर्षों से न्यूनतम पेंशन 7500 रुपये महीना, महंगाई भत्ता, पति-पत्नी को मुफ्त चिकित्सा सुविधा और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार सभी को समान रूप से हायर पेंशन की मांग को लेकर देश भर में आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये सरकार को ये आखिरी चेतावनी है और मांगे नहीं मानी गई तो आमरण अनशन करेंगे।

महँगाई बेलगाम; पेंशन बेहद कम

तेलंगाना से आए ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति के प्रकाश में कहा कि हम लोग गुरुवार को रामलीला मैदान में भी अपनी मांगों को लेकर गए थे और वहां भी हमने धरना प्रदर्शन किया था। हम फिर से जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं ताकि केंद्र की सरकार हमारे बारे में सोचे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हमारे बारे में पता चल सके और उन तक हमारी आवाज पहुंच सके।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि देश भर में महंगाई लगातार बढ़ रही है, लेकिन हमारा पेंशन फंड बिल्कुल नहीं बढ़ रहा है। हम 30-35 सालों से नौकरी कर रहे हैं, इसके बावजूद हमारा पेंशन फंड बढ़ाया नहीं जा रहा है। इन्हीं मांगों को लेकर हम दिल्ली के जंतर मंतर पर आए हैं और सरकार से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द हमारी मांगे पूरी की जाए।

माँग-

ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति (NAC) की मुख्य माँग है कि न्यूनतम पेंशन हर महीने बढ़ाकर 7,500 रुपये हो। इसके साथ ही महंगाई भत्ता व पेंशनभोगियों के पति या पत्नी को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं देने की भी मांग कर रहे हैं।

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क्या है ईपीएस-95 पेंशन योजना?

केंद्र सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 (1952 का 19) की धारा 6ए के तहत कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 शुरू की थी। ईपीएफओ के मुताबिक यह स्कीम 16 नवंबर 1995 से प्रभाव में आई थी।

यह स्कीम उन कंपनियों और अन्य प्रतिष्ठानों के सभी कर्मचारियों पर लागू होती है जिन पर कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 लागू होता है। ईपीएफओ की ईपीएस 1995 स्कीम के तहत 1 सितंबर 2014 से न्यूनतम पेंशन 1000 रुपये हुई थी।

इसके दायरे में निजी कंपनियों में काम करने वाले सभी मज़दूर व कर्मचारी, निजी संस्थानों व स्कूल-कॉलेज के शिक्षक-कर्मचारी आते हैं। कर्मचारी की इस पेंशन में विधवा पेंशन, बाल पेंशन और अनाथ पेंशन शामिल होती है। कर्मचारी की मृत्यु होने पर पेंशन का लाभ उसके परिवार के सदस्‍यों को दिया जाता है। इस स्थिति में विधवा पेंशन, बाल पेंशन और अनाथ पेंशन दी जाती है।

कर्मचारी पेंशन योजना ईपीएस-95 के तहत आने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन का 12 फीसदी हिस्सा भविष्य निधि में जाता है। जबकि नियोक्ता के 12 फीसदी हिस्से में से 8.33 फीसदी कर्मचारी पेंशन योजना में जमा किया जाता है। इसके अलावा पेंशन कोष में सरकार भी 1.16 फीसदी का योगदान करती है।

ईपीएस कोष में भारी वृद्धि, लेकिन लाभ नहीं

कर्मचारी पेंशन योजना ने पिछले कुछ वर्षों में पेंशनभोगियों की संख्या, भुगतान और कोष में लगातार वृद्धि के साथ अपने दायरे में लगातार वृद्धि दर्ज की है, लेकिन योजना के तहत सार्थक मासिक पेंशन प्राप्त करने वालों की संख्या कम बनी हुई है।

केवल 26,769 सदस्यों को 5,000 रुपये प्रति माह से अधिक की मासिक पेंशन मिली, जबकि 3.64 मिलियन सदस्यों में से अधिकांश को 1,000 रुपये तक की मासिक पेंशन मिली, जो योजना के तहत अनिवार्य न्यूनतम मासिक पेंशन है।

मासिक आधार पर, वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1.8 मिलियन से अधिक पेंशनभोगियों को प्रति माह महज 1,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन से लाभ हुआ है।

उल्लेखनीय है कि ईपीएस 95 पेंशन स्कीम के तहत पेंशन पाने के लिए कर्मचारी को कम से कम 10 साल की सेवा पूरी करनी होती है। इस स्कीम के तहत अवकाश प्राप्ति की उम्र 58 साल है। ईपीएफ सदस्य 50 साल की उम्र से ही कम दर पर अपनी पेंशन शुरू करावा सकता है।