तर्कशील लेखक सुरजीत दौधर पर दर्ज नाजायज और झूठी एफआईआर तुरंत रद्द करने की माँग

विभिन्न संगठनों ने दिया ज्ञापन। जनवादपसंद नेताओं, कार्यकर्ताओं, लेखकों, आम नागरिकों के जनवादी अधिकार की आवाज दबाने वाली, सांप्रदायिक ताकतों की पीठ थपथपाने वाली कार्रवाई बताया।

लुधियाणा (पंजाब)। विभिन्न जनवादी और जन संगठनों के प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस कमिश्नर, लुधियाणा के कार्यालय पर माँगपत्र सौंपकर तर्कशील लेखक सुरजीत दौधर पर धारा 295 ए के तहत दर्ज नाजायज और झूठी एफ.आई.आर. तुरंत रद्द करने की माँग की है।

इस संबंधी प्रतिनिधि मंडल डिविजन नं. 3 के थाणा प्रभारी से भी मिला। इसी के साथ संगठनों ने डी.सी. लुधियाणा के जरिए पंजाब सरकार को भी माँगपत्र भेजा है।

संगठनों ने माँग की है कि धारा 295 और 295 ए पूरी तरह रद्द की जाएँ, इनके तहत सुरजीत सिंह दौधर, भुपिंदर सिंह फौजी, दविंदर राणा, इकबाल धनौला, शायना समेत अन्य के ख़िलाफ़ इन धाराओं के तहत दर्ज केस तुरंत रद्द किए जाएँ, गिरफ्तारियों पर तुरंत रोक लगाई जाए और गिरफ्तार लोगों को तुरंत रिहा किया जाए, लोगों को धर्म के नाम पर बाँटने-लड़ाने, नफ़रत भड़काने, झूठे केस दर्ज करवाने वाले, जनता को गुमराह करने वाले समाज विरोधी हिंदुत्ववादी कट्टरपंथियों के ख़िलाफ़ सख्त से सख्त क़ानूनी कार्रवाई की जाए।

संगठनों ने चेतावनी दी है कि माँगें न मानने पर संगठन सड़कों पर उतरेंगे।

प्रतिनिधिमंडल में तर्कशील पंजाब के राज्य स्तरीय नेता बलबीर लोंगोवाल, जम्हूरी अधिकार सभा के उपाध्यक्ष प्रो. ए.के. मलेरी, कारखाना मजदूर यूनियन के अध्यक्ष लखविंदर, नौजवान भारत सभा से ऋषि, इंकलाबी केंद्र पंजाब से हरप्रीत कौर, पल्स मंच से कस्तूरी लाल, प्रगतिशील लेखक संघ के गुलजार सिंह पंधेर, आल इंडिया किसान फेडरेशन से एडवोकेट कुलदीप सिंह, लोक मोर्चा पंजाब से डा. सुरजीत सिंह, डेमोक्रेटिक लायर्ज ऐसोसिएशन से एडवोकेट हरप्रीत सिंह जीरख, मोल्डर एंड स्टील वर्कर्ज यूनियन से जीएस जोहरी, इंकलाबी मजदूर केंद्र से ललिता, गदरी शही बाबा भान सिंह ट्रस्ट से जगजीत सिंह, देश बचाओ मंच से प्रो. बलविंदर सिंह गरेवाल समेत जनसंगठनों के अन्य अनेकों नेता और कार्यकर्ता शामिल थे।

जारी प्रेस बयान में नेताओं ने कहा कि झूठे पुलिस केस दर्ज करने की यह घटिया कार्रवाई पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार के निर्देशों पर की गई है। पंजाब सरकार और पुलिस की यह सारी कार्रवाई पूरी तरह गैरजनवादी है, विचार जाहिर करने की आज़ादी पर हमला है, जनवादपसंद नेताओं, कार्यकर्ताओं, लेखकों, बुद्धिजीवियों, पत्रकारों और अन्य आम नागरिकों की जनवादी अधिकार की आवाज दबाने वाली, सांप्रदायिक ताकतों की पीठ थपथपाने वाली है।

समाज में वैज्ञानिक, जनवादी और सांप्रदायिकतावाद विरोधी विचारों का प्रचार करना हरेक नागरिक का फर्ज है और संवैधानिक अधिकार भी है। हिंदुत्वी फासीवादी ताकतों द्वारा अपने घटिया सांप्रदायिक फासीवादी राजनीतिक मंसूबों के तहत धारा 295 और 295 ए का इस्तेमाल करके समाज को जागरुक करने वाले लोगों के खिलाफ झूठे केस दर्ज करवाए जा रहे हैं।

ये ताकतें अयोध्या राम मंदिर के बहाने योजनाबद्ध साजिश के तहत देश समेत पंजाब में लगातार सांप्रदायिकतावादी नफरत का माहौल पैदा करने की कोशिश कर रही हैं जिसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

उन्होंने सभी इंसाफपसंद और जनवादपसंद लोगों को सांप्रदायिकतावादी ताकतों की जनविरोधी साजिशों का मुँहतोड़ जवाब देने के लिए आगे आने का आह्वान किया है।