दिल्ली : संघर्ष से सफाई कर्मियों को मिली जीत; सभी कर्मियों की हुई कार्यबहाली

14 सितंबर को नौकरी से निकाले जाने के बाद से सफाईकर्मी लगातार संघर्षरत रहे। आज मुख्यमंत्री आवास पर हुए प्रदर्शन के बाद कार्यबहाली हुई जिन्हें टेंडर बदलने पर भी नहीं निकाला जाएगा।
सफाई कामगार यूनियन(एस.के.यू) और इंदिरा गांधी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी फॉर विमेन (आईजीडीटीयूडबल्यू) के सफाई कर्मचारियों के संघर्ष की आज (गुरुवार) बड़ी जीत हुई और विश्विद्यालय प्रशासन को उनकी नौकरियां वापस देने को विवश होना पड़ा है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने लिखित आश्वासन दिया है, जिसमें कहा गया है कि टेंडर बदलने की स्थिति में भी किसी कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी।
ज्ञात हो कि सफाई कर्मचारियों और एस.के.यू को यह जीत तब हासिल हुई जब उन्होंने कपड़े उतार कर दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास के सामने गुरुवार को विरोध प्रदर्शन किया।
प्रशासन द्वारा जारी नोटिस
एसकेयू के प्रेस रिलीज़ के अनुसार सफाई कर्मचारियों के प्रदर्शन के बाद, सफाई कामगार यूनियन को दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय से बातचीत के लिए बुलाया गया। वार्ता में तय हुआ कि मुख्यमंत्री कार्यालय विश्वविद्यालय को यह निर्देश देगा कि वो कर्मचारियों को यह लिखित आश्वासन दे कि उन्हें टेंडर के बदलने पर काम से नहीं निकाला जाएगा।

यह सब कर्मचारियों के मुखर संघर्ष के बाद ही संभव हो पाया है।
ज्ञात हो कि कल कर्मचारियों को विश्वविद्यालय के प्रो वाइस चान्सलर और रजिस्ट्रार द्वारा मीडिया के सामने मौखिक आश्वासन दिया गया था। मगर जब कर्मचारियों ने अपनी भूख हड़ताल को जारी रख कर लिखित आश्वासन की मांग रखी तो विश्वविद्यालय प्रशासन ने नौकरी में केवल 2 महीने की अवधि बढ़ाने का काम किया था।
14 सितंबर से था संघर्ष जारी
14 सितंबर 2021 को सफाई कर्मचारियों को उनकी नौकरी से निकाल दिया गया था और वे तब से ही लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। दिल्ली सरकार के झूठे आश्वासनों के विपरीत नए ठेकेदार को लाया जा चुका है।
ज्ञात हो कि सफाई कर्मचारियों को लगातार दिल्ली सरकार द्वारा आश्वासन दिए गए थे कि उन्हें नौकरी से नहीं निकाला जाएगा। परंतु कर्मचारियों के मुताबिक विश्वविद्यालय प्रशासन और ठेकेदार की मिलीभगत से सफाई कर्मियों को उनकी नौकरियों से निकाल दिया गया था।
इंदिरा गांधी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी फॉर विमेन (आईजीडीटीयूडबल्यू) के सफाई कर्मचारियों ने बुधवार से विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा नौकरी से निकाले जाने के खिलाफ वाल्मीकि जयंती के अवसर पर विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर भूख हड़ताल पर बैठे थे।
सफाई कर्मियों ने आज मुख्यमंत्री के घर के बाहर कपड़े उतार कर विरोध प्रदर्शन किया और अपनी नौकरियां वापस पाने के लिए मांग उठाई और इस मामले में मुख्यमंत्री से मिलना चाहा। उन्हें जबरन पुलिस ने गिरफ्तार कर के उन्हें बेरहमी से पीटा और उनके विरोध प्रदर्शन को रोक दिया।
इससे पूर्व सफाई कर्मियों ने बुधवार को ऐलान किया था कि दिल्ली सरकार की बर्बर उदासीनता के खिलाफ गुरुवार को दलित महिला कर्मचारी सूर्यास्त के समय मुख्यमंत्री आवास पर अपने बाल मुंडवा कर उनका त्याग करेंगी।
विश्वविद्यालय के सफाई कर्मचारियों ने जीविका के लिए अपने संघर्ष को जारी रखने का प्रण लिया लिया था और कहा था कि चाहे कितना भी भीषण पुलिस दमन और विश्वविद्यालय की उदासीनता का सामना करना पड़े।
धरना समाप्त, स्थाई होने तक संघर्ष रहेगा जारी
यूनियन की इस जीत के साथ सफाई कर्मचारियों ने अपना धरना वापस ले लिया है। और उन्होंने यूनियन के अपने संघर्ष को आगे बढ़ाने और उसे पूरे प्रदेश में ले जाने का निर्णय लिया। साथ ही, तब तक अपना संघर्ष जारी रखने का निर्णय लिया है जब तक सभी कांट्रैक्ट कामगारों को आप सरकार के चुनावी वादे के अनुसार नियमित नहीं कर दिया जाता है।
न्यूज क्लिक से साभार संपादित