किसान आंदोलन के 11 महीने पूरे; देशभर में हुआ विरोध प्रदर्शन; मांगें पूरी होने तक संघर्ष रहेगा जारी

लखीमपुर खीरी हत्याकांड के सूत्रधार अजय मिश्रा की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी की मांग पर सैकड़ों जगहों पर मार्च, रैलियों, धरना आदि सहित विभिन्न रूप से विरोध प्रदर्शन हुए।
सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हत्याकांड में आज फिर यूपी सरकार की खिंचाई की। एसकेएम के आह्वान पर, लखीमपुर खीरी नरसंहार के षडयंत्रकर्ता, अजय मिश्रा टेनी, की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी की मांग को लेकर पूरे भारत में हजारों स्थानों पर किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया।
न्यायपूर्ण संघर्ष के 11 महीने : आजीविका को कॉर्पोरेट लूट से बचाओ!
भारत में 26 नवंबर 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे ऐतिहासिक किसान आंदोलन ने देश के करोड़ों अन्नदाताओं के मुद्दों को लेकर गंभीर कठिनाइयों से गुज़रते हुए आज ग्यारह महीने पूरा किया है। दुनिया के इस तरह के सबसे बड़े विरोध प्रदर्शन में, किसान मांग कर रहे हैं कि उनकी आजीविका को अनियमित बाजारों के कॉर्पोरेट लूट से बचाया जाए।
किसान अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक रूप से उन पर थोपे गए तीन किसान-विरोधी कॉर्पोरेट कानूनों को निरस्त करने और सभी किसानों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी देने वाले कानून की मांग कर रहे हैं।
मोदी सरकार न केवल किसानों की जीवन और मृत्यु और उनकी आने वाली पीढ़ियों से संबंधित जायज़ मांगों को ठुकरा रही है, बल्कि विरोध कर रहे किसानों पर हमला और उनकी अनदेखी भी कर रही है। दूसरी ओर, हर अलोकतांत्रिक और हताश हमले के साथ, आंदोलन केवल मजबूत होता गया और व्यापक होता जा रहा है। एसकेएम ने एक बार फिर जोर देकर कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक किसान घर वापस नहीं लौटेंगे।
पूरे भारत में सैकड़ों जगहों पर विरोध प्रदर्शन
आज मंगलवार को एसकेएम के आह्वान पर लखीमपुर खीरी हत्याकांड के सूत्रधार और षड्यंत्रकर्ता, अजय मिश्रा टेनी की तत्काल गिरफ्तारी और बर्खास्तगी की मांग को लेकर पूरे भारत में सैकड़ों जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए। विरोध प्रदर्शन मार्च, मोटरसाइकिल रैलियों, धरना आदि सहित विभिन्न रूप से आयोजित किए गए।
अजय मिश्र की गिरफ्तारी और बरखस्तगी को लेकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपे गए। किसान विरोध के लिए ट्रैक्टरों के साथ मेरठ कलेक्ट्रेट गए। इस प्रेस नोट को अंतिम रूप दिए जाने तक हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार, ओडिशा, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, उत्तराखंड और आंध्र प्रदेश से रिपोर्टें आई हैं।

उत्तर प्रदेश में आज संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रव्यापी के आह्वान पर आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (आईपीएफ) और मजदूर किसान मंच के कार्यकर्ताओं ने पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन किया। लखीमपुर खीरी में किसानों के नरसंहार के जिम्मेदार केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र को मंत्री परिषद से बर्खास्त कर गिरफ्तार करने, सुप्रीम कोर्ट की प्रत्यक्ष निगरानी में एसआईटी जांच कराने, तीनों काले कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी पर कानून बनाने की मांगों को जोरदार तरीके से उठाया।

उत्तराखंड की राजधानी
देहरादून में किसानों ने प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया। वक्ताओं
ने
लखीमपुर खीरी की घटना की निंदा की। सारे आरोपियों के
खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने, मंत्री को बर्खास्त करने की मांग के साथ
ही तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की गई। किसानों को लेकर हरियाणा के
सीएम की टिप्पणियों की भी कड़ी निंदा की गई।
उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार की एक बार फिर की खिंचाई
इस बीच, लखीमपुर खीरी हत्याकांड पर तीसरी सुनवाई में उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार की एक बार फिर खिंचाई की। मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली बेंच ने इस तथ्य पर आश्चर्य व्यक्त किया कि इस मामले में केवल 23 चश्मदीद गवाह दर्ज किए गए है, जब रैली में सैकड़ों मौजूद थे। यूपी सरकार को और अधिक चश्मदीद गवाहों की पहचान करने, उन्हें सुरक्षा प्रदान करने, और उनके बयान दर्ज करने के लिए कहा गया।
यूपी सरकार ने अपने बयान दर्ज करने के लिए 68 गवाहों को सूचीबद्ध किया है, जिनमें से 23 चश्मदीदों सहित अब तक केवल 30 बयान दर्ज किए गए हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार से फोरेंसिक जांच में तेजी लाने को कहा, नहीं तो वह इसके लिए प्रयोगशालाओं को निर्देश जारी करेगी। अगली सुनवाई 8 नवंबर 2021 के लिए निर्धारित की गई है।
केवल गृहमंत्री का बेटा होने के कारण आशीष मिश्रा को विशेष सुविधा देना गलत
वहीं दूसरी ओर, रिपोर्टों से पता चलता है कि आशीष मिश्रा टेनी के साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है जैसे किसी भी अन्य हत्या-आरोपी के साथ नहीं किया जाता है। उसे शुरू में ‘संदिग्ध’ डेंगू होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, और केवल बाद के नमूने में डेंगू संक्रमण की पुष्टि हुई।
साथ ही उनके साथ रहने के लिए एक अटेंडेंट भी उपलब्ध कराया गया है। जबकि एसकेएम चाहता है कि भारत के सभी कैदियों को ऐसी व्यवस्था मिले, वह यह मांग करता है कि आशीष मिश्रा को केवल गृह मंत्री का बेटा होने के कारण कोई विशेष सुविधा नहीं मिलना चाहिए।
भाजपा नेताओं का विरोध जारी
बागपत जिले के बड़ौत के पास पुसर गांव में यूपी भाजपा सांसद डॉ सत्यपाल सिंह के खिलाफ काले झंडे का विरोध प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर भाजपा के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी हुई।
हरियाणा के सिरसा के ग्राम मल्लेकान में हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह और कृषि मंत्री जेपी दलाल के दौरे के विरोध में भारी संख्या में किसान जमा हो गए। किसानों ने गांव के मुख्य प्रवेश द्वार को बंद कर दिया और सुनिश्चित किया कि कोई भी राजनीतिक नेता इसमें प्रवेश न कर सके। भाजपा नेताओं को कार्यक्रम रद्द करना पड़ा और उसके बाद किसान वापस हुए।
रेवाड़ी में किसानों का अनोखा विरोध
हरियाणा के रेवाड़ी जिले में एक अनोखा विरोध में किसानों ने बाजरे की बोरियों को विधायक लक्ष्मण सिंह यादव के आवास के सामने फेंक दिया और इसके लिए एमएसपी की मांग की। प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा कि एमएसपी होने का दावा गलत है और अगर यह सच है तो विधायक को एमएसपी पर किसानों का बाजरा खरीदना होगा। विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने किसानों को आश्वस्त किया कि वह इस मामले में मुख्यमंत्री से बात करेंगे।
मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में 28 अक्टूबर को किसान महापंचायत
मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा तहसील में 28 अक्टूबर को किसान महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है जिसमें कई एसकेएम नेताओं के भाग लेने की संभावना है। इसी दिन हरियाणा के सिरसा जिले के नाथूसारी चौपटा की अनाज मंडी में एक और किसान महापंचायत है। जींद जिले के खटकर टोल प्लाजा में 31 अक्टूबर को क्षेत्र के युवाओं के नेतृत्व में किसान महापंचायत का भी आयोजन किया जा रहा है।
शहीद किसान अस्थि कलश यात्राएं तमाम राज्यों में जारी
शहीद किसान अस्थि कलश यात्राएं विभिन्न मार्गों से निकाली जा रही हैं जैसा कि एसकेएम द्वारा प्रतिदिन सूचित किया जा रहा है। कल ऐसी यात्राएं उत्तर प्रदेश के सीतापुर, कौशांबी और अलीगढ़ जिलों से होकर निकलीं।
मध्य प्रदेश के ग्वालियर से मुरैना और अन्य जिलों के लिए अस्थि कलश यात्रा निकाली। तमिलनाडु में आज यात्रा का आखिरी दिन है और अस्थियां वेदारण्यम में समुद्र में विसर्जित की जाएंगी।
शहीद कलश यात्रा आज ओडिशा में दया नदी में विसर्जित होने के बाद समाप्त हो गई, जिसे ऐतिहासिक रूप से उस नदी के रूप में प्रलेखित किया जाता है जिसने सम्राट अशोक के हृदय को बदल दिया था। यात्रा में शामिल हुए नेताओं ने प्रार्थना की कि आज की अहंकारी सरकार का भी हृदय परिवर्तन हो।
आंध्र प्रदेश में, एक अस्तिकलश यात्रा विजयवाड़ा के पास कृष्णा नदी में अस्थि विसर्जन के साथ समाप्त हुई।
महाराष्ट्र की लखीमपुर खीरी शहीद कलश यात्रा कल पुणे में महात्मा ज्योतिराव फुले के घर से शुरू होगी, जिसका समापन 18 नवंबर 2021 को हुतात्मा चौक पर मुंबई में एक विशाल किसान मजदूर महापंचायत में होगा। इस महापंचायत को एसकेएम नेताओं द्वारा संबोधित किया जाएगा।
यह यात्रा 36 जिलों से होते हुए पूरे राज्य का भ्रमण कर मुंबई पहुंचेगी। पूरे राज्य में सैकड़ों जनसभाएं आयोजित करने की योजना है।
संयुक्त किसान मोर्चा की प्रेस विज्ञप्ति (334वां दिन, 26 अक्टूबर 2021) के साथ
जारीकर्ता – बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हन्नान मोल्ला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, शिवकुमार शर्मा (कक्का जी), युद्धवीर सिंह।