मज़दूर वर्ग का संग्रामी संघर्ष आगे बढ़ाने के नए संकल्प के साथ CSTU का प्रथम सम्मेलन संपन्न

CSTU का उद्देश्य, लक्ष्य और संविधान तथा वर्तमान परिस्थितियां और कार्यभार संबंधी दस्तावेज और तीन प्रस्ताव पारित। अखिल भारतीय कार्यकारी समिति (AIWC) हुआ गठित।
कोलकाता। जोश, उल्लास और संग्रामी एकजुटता के साथ ‘सेन्टर फॉर स्ट्रगलिंग ट्रेड यूनियंस’ (CSTU) का प्रथम सम्मेलन संपन्न हो गया। इस दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से जुटे मज़दूर साथियों ने बेहद संजीदगी के साथ अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई।
7-8 दिसंबर, 2024 को कोलकाता के कॉलेज स्ट्रीट रोड स्थित अरोड़ा समाज हाल में हुए सम्मेलन में सीएसटीयू के उद्देश्य, लक्ष्य और संविधान तथा वर्तमान राजनीतिक-सामाजिक परिस्थितियां और कार्यभार संबंधी दस्तावेज पारित हुए। इसके पश्चात तीन प्रस्ताव भी पारित हुए। साथ ही आगामी तीन साल के लिए अखिल भारतीय कार्यकारी समिति (एआईडब्ल्यूसी) भी गठित हुई।
सम्मेलन के दौरान विभिन्न हिस्सों से आए मज़दूरों की टोलियां द्वारा क्रांतिकारी गीतों की प्रस्तुति तथा जोरदार नारों ने सभागार में संग्रामी ऊष्मा और ऊर्जा का संचार किया।

चार संगठनों की संग्रामी एकता
उल्लेखनीय है कि स्ट्रगलिंग वर्कर्स कोओर्डिनेशन सेंटर (एसडब्लूसीसी) पश्चिम बंगाल; मज़दूर सहयोग केन्द्र (एमएसके) उत्तराखंड, गुड़गांव-नीमराना, राजस्थान, दिल्ली; हिल प्लांटेशन इंप्लाइज यूनियन (एचपीईयू) और संग्रामी घरेलू कामगार यूनियन (एसजीयू) की संग्रामी एकता से सेन्टर फॉर स्ट्रगलिंग ट्रेड यूनियंस (सीएसटीयू) का गठन हुआ है।
विगत डेढ़ साल से जारी आपसी तालमेल और गहन चर्चा-विचार के साथ 7-8 दिसंबर 2024 को कोलकाता में सम्मेलन करने का निर्णय हुआऔर विगत 3 महीने से इसके लिए विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक प्रचार अभियान चला।
अंततः पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों, दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दार्जिलिंग हिल्स आदि स्थानों से ढाई सौ से ज्यादा मज़दूर प्रतिनिधि एकत्रित हुए और मज़दूर-ट्रेड यूनियन आंदोलन के संग्रामी केन्द्र का यह सम्मेलन सफल बनाया।

शुरुआत खुला सत्र से
सम्मेलन के पहले दिन कोलकाता के धर्मतल्ला में खुले सत्र का आयोजन हुआ। हजारों की संख्या में रैली के साथ आम सभा हुई, जिसमें मज़दूर आंदोलन की संग्रामी धारा के विभिन्न संगठनों/ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों ने भागीदारी निभाई और जुझारू निरंतर और निर्णायक संघर्ष के प्रति एकजुटाता प्रदर्शित की।
झंडारोहण के साथ सम्मेलन की शुरुआत
प्रथम सत्र की शुरुआत सम्मेलन स्थल पर सीएसटीयू के झंडारोहण के साथ हुआ। साथ ही मज़दूर आंदोलन के तमाम शहीदों को याद करते हुए शहीद बेदी पर पुष्प अर्पित किए गए और 2 मिनट मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

इस दौराम जोशीले नारों के साथ शहीदों की विरासत को आगे बढ़ने का संकल्प लिया गया।

उद्देश्य-लक्ष्य और संविधान पारित
आंतरिक सम्मेलन की शुरुआत क्रांतिकारी गीत से हुई। इसके पश्चात स्टीयरिंग कमेटी द्वारा नए ट्रेड यूनियन केंद्र के उद्देश्य-लक्ष्य और संविधान को प्रस्तुत किया गया।
सीएसटीयू के इस सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज पर उपस्थित मज़दूर प्रतिनिधियों ने जोरदार भागीदारी निभाई। व्यापक चर्चा के बाद सदन से आए संशोधन प्रस्ताव के साथ यह दस्तावेज सर्व-सम्मति से पारित हुआ।

वर्तमान परिस्थितियां और कार्यभार संबंधी दस्तावेज पारित
दूसरे सत्र में स्टीयरिंग कमेटी द्वारा “वर्तमान समय में भारत में मज़दूर आंदोलन के सामने नई चुनौतियाँ, नए संकल्प” दस्तावेज प्रस्तुत किया गया। मज़दूर प्रतिनिधियों द्वारा व्यापक चर्चा के बाद कुछ संशोधनों के साथ यह दस्तावेज भी सर्वसम्मति से पारित हो गया।

तीन प्रस्ताव पारित
सम्मेलन में मोदी सरकार द्वारा जारी मज़दूर विरोधी नीतियों; धर्म-जाति-संप्रदाय के नाम पर बांटने की बीजेपी-आरएसएस की साजिश और फासीवादी हमले के खिलाफ तथा संघर्षरत मारुति से लेकर चाय बागान मज़दूरों तक के समर्थन संबंधित तीन प्रस्ताव सर्व-सहमति से पारित हुए।
1- CSTU का यह प्रथम सम्मेलन मज़दूरों को गुलाम बनाने वाले 4 श्रम संहिताओं को रद्द करने और मज़दूर समर्थक श्रम क़ानूनों में परिवर्तन और कार्यान्वयन के लिए संघर्ष तेज करने का संकल्प ले रहा है। सीएसटीयू मज़दूर विरोधी नवउदारवादी नीतियों से दृढ़ता से लड़ने और सभी श्रमिकों के लिए स्थायी प्रकृति के कार्यों में स्थायी नौकरियां, समान प्रकृति के कार्यों के लिए समान वेतन, यूनियन बनाने और हड़ताल करने का अधिकार, उचित न्यूनतम, निर्वाह व न्यायपूर्ण मज़दूरी के बुनियादी अधिकारों तथा सुरक्षित व सम्मानजनक कामकाजी परिस्थितियाँ, सामाजिक सुरक्षा और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के अधिकार आदि के लिए सतत संघर्ष का संकल्प लेता है। सीएसटीयू सार्वजनिक क्षेत्र और स्वास्थ्य-शिक्षा-परिवहन जैसे मुख्य क्षेत्रों के निजीकरण के प्रयासों के खिलाफ लड़ेगा। सीएसटीयू सभी के लिए सम्मानजनक स्थायी नौकरियों की मांग करता है तथा बढ़ती महँगाई और बेरोजगारी के खिलाफ संघर्ष जारी रखेगा।

2- यह सम्मेलन मज़दूर वर्ग की एकता और हित को कमजोर करने वाली फासीवादी ताकतों की साजिशों और हमलों का डटकर मुकाबला करने का संकल्प लेता है। सीएसटीयू सांप्रदायिक नफरत और धर्म, जाति, लिंग, क्षेत्र, राष्ट्रीयता आदि के आधार पर श्रमिकों के बीच विभाजन और भेदभाव से लड़ेगा। सीएसटीयू श्रमिकों के अधिकारों और जनता के बुनियादी लोकतांत्रिक अधिकारों पर फासीवादी हमलों से लड़ेगा। सीएसटीयू जनविरोधी नए आपराधिक कोड वापस लेने की मांग करता है।

3- यह सम्मेलन मारुति मानेसर के बर्खास्त मज़दूरों, दार्जिलिंग हिल्स चाय बागान मज़दूरों सहित देश व दुनिया के सभी मज़दूरों के न्यायसंगत संघर्ष का पुरजोर समर्थन करता है। सीएसटीयू मज़दूरों की छंटनी-बर्खास्तगी का तीखा विरोध करता है। सीएसटीयू मज़दूर आंदोलनों के दमन को तत्काल बंद करने और संघर्षरत मज़दूरों की सभी जायज मांगों के तत्काल निस्तारण के साथ मज़दूरों को न्याय देने की माँग करता है।

नई कमेटियों का गठन
अंत में सीएसटीयू के अखिल भारतीय कार्यकारी समिति (एआईडब्लूसी) का सर्वसम्मति से चुनाव संपन्न हुआ। 16 सदस्यों की नई कार्यकारी समिति में अमिताभ भट्टाचार्य अध्यक्ष, सुमेंद्र तमांग उपाध्यक्ष, मुकुल महासचिव, प्रियश्मिता सचिव, उदिता हालदार कोषाध्यक्ष तथा अमित, खुशीराम, मुनमुन, प्रेमानंद डान स्थाई सदस्य और उपेंद्र रावत, धीरज जोशी, बासमती देवी, सोमनाथ नायक, प्रदीप रॉय, सुधा तमांग, दीपक मैती स्थाई आमंत्रित सदस्य शामिल हैं।
इसके साथ ही अलग-अलग हिस्सों से मज़दूर साथियों की भागीदारी बढ़ाने और सुझाव-परामर्श के लिए 45 सदस्यों का अखिल भारतीय जनरल काउंसिल (एआईजीसी) का भी सर्वसम्मति से गठन हुआ।

मौजूदा चुनौतियों से जूझकर आगे बढ़ना होगा
सम्मेलन के अंत में नवनिर्वाचित अध्यक्ष अमिताभ भट्टाचार्य ने कहा कि आज मज़दूर आंदोलन के सामने दो तरह की चुनौतियां सबसे बड़ी हैं- एक तरफ सत्ता के संरक्षण में देसी-विदेशी कॉर्पोरेट पूंजीपतियों द्वारा मज़दूर-मेहनतकश वर्ग पर एक के बाद एक हमले बोले जा रहे हैं; वहीं दूसरी तरफ आरएसएस-बीजेपी द्वारा सांप्रदायिकता का तीखा नफ़रती माहौल बनाकर, मज़दूर को ही मज़दूर के दुश्मन के रूप में खड़ा कर दिया गया है। आज कॉरपोरेट पूंजी और फासीवादी हमला दोनों के खिलाफ मजदूर वर्ग को अपनी संग्रामी एकता के बनाकर संघर्ष को आगे बढ़ाना होगा।
आज समझौतावादी, समर्पणवादी और अवसरवादी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के चरित्र को भी समझना होगा। हमारी विरासत मज़दूर आंदोलन की संग्रामी धार की है, कनोडिया, हिन्द मोटर, मारुति से चाय बागान के वर्तमान जारी मज़दूर संघर्षों की है, जिसे और उन्नत बनाना है। मज़दूरों के छोटे-छोटे आंदोलन से बड़े आंदोलन की तैयारी में जुटना होगा।
साथ ही संग्रामी धारा के बिरादर संगठनों के साथ एकता बनाते हुए एक व्यापक केन्द्र बनाने की दिशा में भी सक्रियता से आगे बढ़ना होगा। मज़दूर वर्ग के सामने अपनी तात्कालिक समस्याओं के खिलाफ संघर्षों को आगे बढ़ाते हुए एक शोषणविहीन समाज बनाने के अपने उस दूरगामी लक्ष्य की ओर भी आगे बढ़ना होगा जहां मानव द्वारा मानव का शोषण ना हो।

अंत में सभी इलाके की टीमों द्वारा संयुक्त रूप से चार भाषा में गाये गये गीत ‘हम होंगे कामयाब’ और जोरदार नारों के साथ सीएसटीयू का यह प्रथम सम्मेलन संपन्न हुआ।
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