मज़दूरों पर बढ़ते हमले और अधिकारविहीन बनाने के खिलाफ एलान
मजदूर संगठनों ने आज घोषणा की है कि वे संसद द्वारा हाल में स्वीकृत श्रम कानूनों के विरोध और आयकर भुगतान न करने वाले सभी परिवारों को नकद हस्तांतरण की मांग को लेकर 26 नवंबर को देशव्यापी हड़ताल करेंगे।
शुक्रवार को केंद्रीय श्रमिक संगठनों की बैठक के बाद हस्ताक्षरित मसौदा घोषणा में कहा गया है, ‘श्रम कानून कामगारों पर आभासी दासता लादने वाले हैं। इससे मजदूर संगठन बनाना कठिन हो जाएगा और हड़ताल के अधिकार खत्म हो जाएंगे।’
10 मजदूर संगठनों द्वारा हस्ताक्षरित इस घोषणा में कहा गया है कि सरकार ने 3 मजदूर विरोधी कानून संसद में अलोकतांत्रिक तरीके से पारित करा दिए, जब विपक्षी दल मौजूद नहीं थे।
हड़ताल का आह्वान करने वाले मजदूर संगठनों में वाम दलों या कांग्रेस से जुड़े संगठन व स्वतंत्र संगठन शामिल हैं। आरएसएस से जुड़ा भारतीय मजदूर संघ इस सम्मेलन का हिस्सा नहीं था।