सेंचुरी में मौत, नेस्ले, पारले, डेल्टा, मिंडा. राकेट आदि में संक्रमण के नए मामले
उत्तराखंड के औद्योगिक क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने से औद्योगिक क्षेत्र में भय का माहौल गहराता जा रहा है। ताजा खब में जहाँ सेंचुरी में एक अधिकारी की मौत की ख़बर आई है, वहीँ, मिंडा, पारले, डेल्टा, नेस्ले, राकेट रिद्धि, सिद्धि में संक्रमण के नए मामले सामने आए हैं।
राज्य के औद्योगिक क्षेत्रों हरिद्वार, देहरादून, पंतनगर, सितारगंज, लालकुआ में संक्रमण के मामले लगातार बढ़ाते जा रहे हैं।
इससे पूर्व हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, हीरो, विप्रो, एकम्स, कॉरल, एचयूएल, से लेकर महिंद्रा, टाटा, ब्रिटानिया, बजाज, महालक्ष्मी, वीएचबी, जेबीएम, सेंचुरी, राकेट रिद्धि सिद्धि, परफेटी, मेटल मैन, बालाजी एक्सन आदि कम्पनियों में संक्रमण के साथ ही डाली और समीर व बालाजी एक्शन में मौत की खबरों से खौफ का माहौल बढ़ रहा है।
संक्रमण के ताजा मामले
देश में तेजी से बढ़ाते संक्रमण के साथ फक्ट्रियों में भी मामले बढ़ाते रहे हैं, लेकिन उन्हें दबाया जाता रहा है। काफी दबाव के बाद कम्पनियों में जैसे-जैसे कोविड-19 टेस्ट बढ़ रहा है, संक्रमण के मामले और तेजी से उजागर हो रहे हैं। कुछ ताजा मामले महज बानगी हैं-
- बजाज की मुख्य वेंडर मिंडा, सिडकुल, पंतनगरमें 30 टेस्ट होने पर 11 मज़दूर पॉजिटिव मिले।
- डेल्टा इलेक्ट्रानिक्स, पंतनगर में 29 मामलों के बाद 2 और मज़दूरों की जाँच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
- पारले बिस्किट कम्पनी, पंतनगर में 25 मज़दूरों की जाँच में 4 मज़दूर पॉजिटिव मिले हैं। इसके बाद प्लांट को सैनिटाइजेशन के लिए बंद कर दिया गया है।
- नेस्ले, पंतनगर में पूर्व में एक संक्रमण के बाद अब 15 टेस्ट में 6 मज़दूर पॉजिटिव पाए गए हैं।
- सेंचुरी पल्प एंड पेपर, लालकुआ (नैनीताल) के जनसंपर्क अधिकारी जगमोहन उप्रेती का हल्द्वानी के सुशीला तिवारी चिकित्सालय में कोरोना संक्रमण के चलते निधन हो गया वह पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे।
- रोकेट रिद्धि सिद्धि, पंतनगर में पूर्व में 3 पॉजिटिव के बाद अभी 80 लोगों के टेस्ट में 4 पॉजिटिव और मिले हैं।
स्थिति भयावह
स्थिति यह है कि लॉकडाउन के बावजूद धड़ल्ले से कारखाने चल रहे हैं, जहाँ कोविड-19 गाइड लाइन का पालन भी नहीं हो रहा है। भौतिक दूरी बनाने, जरूरी सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने जैसी बातें तो दूर, समूह में काम करने के बावजूद कोविड टेस्ट तक की औपचारिकता पूरी नहीं हो रही है। संक्रमण के मामलों को भरसक छुपाया जाता है।