कोरोना/लॉकडाउन : रीको में 119 श्रमिकों का लेऑफ

पिछले 3 सालों से रीको, धारूहेड़ा प्रबंधन मज़दूरों की लगातार कर रहा है छँटनी
धारूहेड़ा। कोरोना/लॉकडाउन के बहाने मजदूरों पर हमले लगातार तेज होते जा रहे हैं। छँटनी, बंदी, ले ऑफ का कहर मजदूरों पर गिर रहा है। इसी क्रम में रिको ऑटो इंडस्टरीज लिमिटेड, धारूहेड़ा प्लांट में 119 श्रमिकों को ग़ैरक़ानूनी ले ऑफ के तहत बैठा दिया गया।
उल्लेखनीय है कि गुडगाँव-मानेसर-धारूहेडा-बावल के औद्योगिक इलाके की प्रमुख कंपनियों में पिछले 3 वर्षों से श्रमिकों के साथ तालाबंदी-छँटनी-लेऑफ के बहाने अत्याचार लगातार जारी रहा है। ऐसे में कोविड-19 ने कम्पनियों का नया बहाना दे दिया है।
रिको कंपनी की नोटिस में प्रबंधन ने लिखा है कि निरंतर वित्तीय हानियों और बिजनेस डिमांड की कमी और महामारी कोविड 19 के कारण प्रबंधन ने 22 मई 2020 से 119 कामगारों को का लेआफ कर दिया है।

नोटिस के साथ संलग्न सूची के साथ प्रबंधन ने औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के प्रावधानों का हवाला दिया है और संकट में घिरे मज़दूरों से औद्योगिक शांति और सद्भाव बनाए रखने की बेहयाईपूर्ण अपील की है।
तीन साल से जारी है छंटनी-ले ऑफ़
करीब डेढ़ साल पहले रिको (धारूहेडा) में 102 स्थाई मज़दूरों को काम से बाहर करने में अन्ततः प्रबंधन को कामयाबी मिली थी। वर्ष 2017 से स्थायी मजदूरों को वीआरएस देकर कम्पनी से निकालने का जो प्रयास प्रबंधन कर रहा था, उस प्रक्रिया में रिको (धारूहेडा) के 95 स्थायी मज़दूर अप्रैल, 2018 तक वीआरएस लेकर कम्पनी छोड़कर जा चुके थे। लेकिन इससे भी प्रबंधन संतुष्ट नही हुआ।

जनवरी, 2018 में रिको, धारूहेड़ा में 375 स्थायी और 150 ठेका मज़दूर काम कर रहे थे। पिछले दो दशक में यहाँ यूनियन बनने के बाद से, हर समझौते में स्थायी मज़दूरों की मज़दूरी बढ़ने के साथ-साथ 20-30 ठेका मज़दूरों का स्थायीकरण होता था। इस तरीके से पिछले 2 दशक में लगभग 200 ठेका मज़दूर स्थायी हो गये थे।

प्लांट में एक शक्तिशाली और समझदार यूनियन की भूमिका के परिणामस्वरुप कम्पनी के अन्दर सभी मज़दूरों को, स्थायी या ठेका, अन्य कम्पनी की तुलना में एक सही वातावरण में काम करने का मौका मिला था। लेकिन यह स्थिति रिको प्रबंधन को बिलकुल भी बर्दास्त नही हुई।

2017 के मध्य में रिको प्रबंधन वीआरएस के तहत कुछ ठेका मज़दूरों को निकालने में सफल हुआ था। तबसे प्रबन्धन लगातार मज़दूरों के प्रति हमलावर है। अब उसने कोविड संकट की आड ली है।