उत्तराखंड : जान जोखिम में डालकर काम करते स्वास्थ्य कर्मियों का आंदोलन
कोरोना काल में भी जोखिम के साथ अपने कामों को पूरी जिम्मेदारियों के साथ कर रहे उत्तराखंड के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) संविदा कर्मचारियों का आंदोलन लगातार जारी है। सभी कर्मचारी एक और दो जून को पूरे दिन होम आइसोलेशन में रहेंगे। उधर प्रदेश की आशा कार्यकत्रियों का भी विरोध प्रदर्शन जारी है और वे 2 जून को होम आइसोलेशन में रहेंगी।
एनएचएम संविदा कर्मचारियों का आंदोलन जारी
एनएचएम संविदा कर्मचारियों का आंदोलन चौथे दिन सोमवार को भी जारी रहा। कर्मियों ने बांह में काला फीता बांधकर सरकार एवं प्रशासन के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन करते हुए मांगों के निस्तारण को आवाज बुलंद की। जिलेभर में स्वास्थ्य अधिकारियों को ज्ञापन दिए।

दरअसल सरकार की हठधर्मिता के बाद एनएचएम संविदा कर्मचारियों ने चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की थी। पहले चरण में 27 मई तक सरकार, शासन, मिशन प्रबंधन को नौ सूत्री मांगों का ज्ञापन भेजा, द्वितीय चरण में 28 से 31 मई तक बाहों में काला फीता बांधकर विरोध जताया अब तृतीय चरण में सभी कर्मचारी एक और दो जून को पूरे दिन होम आइसोलेशन में रहेंगे। इसके बाद प्रदेश स्तरीय संगठन के निर्देश पर अगली रणनीति बनाई जाएगी।
एनएचएम के 4500 कर्मचारी नौ सूत्रीय मांगों को लेकर दूसरे दिन भी आंदोलन पर रहे। विभिन्न अस्पतालों में एनएचएम कर्मचारियों ने दोपहर एक बजे तक बांह पर काली पट्टी बांधकर काम किया। इसके बाद वे होम आइसोलेशन में चले गए। इसके बाद तमाम कार्यालयों में बैठकों के जरिये आगे की रणनीति भी बनाई।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संगठन ने कहा कि कोरोना काल में भी कर्मचारी अपने कामों को पूरी जिम्मेदारियों के साथ पूरा कर रहे हैं। उन्होंने कर्मचारियों की नियमितीकरण, लायल्टी बोनस व समान काम का समान वेतन की मांगों पर ठोस कार्रवाई करने की मांग की है। कर्मचारियों ने कहा कि उनकी मांग पर ठोस कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन को तेज किया जाएगा।
प्रदेश अध्यक्ष सुनील भंडारी ने कहा कि एक और दो जून को वे होम आइसोलेशन में चले जाएंगे। कुछ अधिकारियों की ओर से कर्मचारियों पर दबाव बनाए जाने की सूचना मिली है, जो निंदनीय है। ऐसे अफसरों का विरोध किया जाएगा। कर्मचारी लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन कर रहे हैं।
इस आंदोलन में प्रदेश के आइसोलेशन वार्ड, कोविड हॉस्पिटल, कोविड सैंपलिंग टीम, कोविड टीकाकरण, कोविड दैनिक रिपोर्टिंग- कोविन पोर्टल, आइसोलेशन किट वितरण, कोरोना संक्रमण सर्विलांस, जिला चिकित्सालय, उप जिलाचिकित्सालय, सीएचसी, पीएचसी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से जुड़े कर्मचारी हिस्सा ले रहे हैं।

प्रमुख मांगें
- सामूहिक स्वास्थ्य बीमा/गोल्डन कार्ड सुविधा दी जाए
- सेवा के दौरान मृत्यु पर परिवार को आर्थिक मदद और रोजगार
- वर्ष 2018 से लंबित लॉयल्टी बोनस का भुगतान किया जाए
- वेतन विसंगति दूर हो, विभागीय ढांचे में ‘एक्स कैडर का गठन
- सेवा नियमावली/एचआर पॉलिसी लागू की जाए
- आउटसोर्स/ठेके पर नियुक्ति का फैसला रद्द करें
- ढांचागत पदों की नियुक्ति में एनएचएम कर्मियों को प्राथमिकता।
- वार्षिक वेतन वृद्धि 5% से बढ़ाकर 10% की जाए।
दो जून को आशा कार्यकत्रीय होम आइसोलेशन में रहेंगी
उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन से जुड़ी आशा कार्यकत्रियों व फैसिलिटेटर ने भी राज्यभर में शनिवार को आंदोलन किया। उन्होंने काली पट्टी बांधकर काम किया। दो जून से सभी होम आइसोलेशन में चली जाएंगी।

महामंत्री रेनू नेगी ने कहा कि, आशा कार्यकत्रीय व फैसिलिटेटर कोविड केयर सेंटर, होम आइसोलेशन कोरोना टेस्टिंग और वैक्सीनेशन में अहम भूमिका निभा रही हैं। जान जोखिम में डालकर काम करने वाली इन फ्रन्टलाइन वॉरकर्स को ना तो उन्हें वेतन मिलता है, ना ही सुविधाएं।
उनकी माँग है कि आशा सहित सभी स्कीम वर्कर्स को 10000 मासिक कोरोना भत्ता दिए जाने, कोरोना ड्यूटी में लगी सभी आशा वर्करों को मास्क, सेनेटाइजर, पीपीई किट व अन्य सुरक्षा उपकरण तत्काल मुहैया कराए जाने, कोविड-19 के कार्य में लगी आशा वर्करों का 50 लाख रुपए का जीवन बीमा और 10 लाख का स्वास्थ्य बीमा लागू किए जाने, आशा वर्कर्स का बकाया मानदेय अवमुक्त करने, पारिश्रमिक व अन्य शेष भुगतान तत्काल हो।