मौजूदा दौर की चुनौतियों में संगठन को आगे बढ़ाने का संकल्प
पंजाब। नौजवान भारत सभा का दूसरा सम्मेलन 29 नवम्बर को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के विभिन्न इलाकों से पहुंचे 50 प्रतिनिधियों ने संगठन की पिछले सालों के कार्यों और मौजूदा दौर की चुनौतियों में संगठन को आगे बढ़ाने की ज़रूरत पर विचार किया। मज़दूर-किसान व जनविरोधी नीतियों, बढ़ते दमन और मोदी सरकार द्वारा राज्यों के अधिकारों पर किये जा रहे हमलों के खिलाफ प्रस्ताव पास किये गए।
शहीद भगत सिंह भवन राएकोट पंजाब में सम्मेलन की शुरुआत इंकलाबी नौजवान लहर के शहीदों की याद में दो मिनट का मौन रखकर की गई। इस के बाद पिछले चार सालों की कारगुज़ारी की रिपोर्ट पेश करते हुए संगठन के नेता छिंदरपाल ने राजनीतिक-सांगठनिक रिपोर्ट पेश की।

राजनीतिक-संगठनिक रिपोर्ट
रिपोर्ट से यह बात उभरी कि मौजूदा पूँजीवादी ढाँचा इस वक्त सबसे बुरी आर्थिक मंदी के दौर में दाखिल हो चुका है। करोना/बंदी ने इस ढांचे की हालत और नाज़ुक कर दी है। ऐसे वक्त में पूँजीपति वर्ग द्वारा नव उदारवादी नीतियों को बेरोक बढ़ावा देने के लिए मोदी हुक़ूमत पर दूसरी बार भरोसा दिखाया गया था जो कि इस वक्त पूँजीपतियों के रास्ते की रुकावटों को साफ करके मेहनतकश लोगों की अंधी लूट का रास्ता साफ कर रही है। देश की मेहनतकश आवाम पर हमले के लिए मोदी सरकार ने करोना/बंदी का भरपूर फायदा उठाया और धड़ा धड़ जन विरोधी कानून लोगों के सिर थोप दिए गए।

आज इन क़ानूनों और जारी लूट के खिलाफ जिस किस्म का गुस्सा समाज में दिख रहा है वह हमारे नौजवान संगठन को और अधिक ज़िम्मेदारी से काम करने के लिए ललकार रहा है। ऐसे में इन सालों के दौरान संगठन का हुआ विस्तार हमें तसल्ली कम जिम्मेदार अधिक होने का एहसास करा रहा है।
रिपोर्ट में पिछले साल संगठन में पड़ी फूट के कारणों पर भी बात रखी गई। इस सारी रिपोर्ट पर डैलीगेट साथियों की ओर से गहन विचार चर्चा हुई। इसके बाद संगठन की पिछले चार सालों की वित्तीय रिपोर्ट पेश हुई।

नयी जिम्मेदारियों के साथ नयी कार्यकारिणी का गठन
अगले सत्र में नई चुनौतियों से जूझने और संगठन को आगे बढ़ाने का संकल्प लेते हुए डैलीगेट साथियों की ओर से अगले सम्मेलन तक के काम को सुचारू ढंग से चलाने के लिए 11 मेंबरों की नई परिषद चुनी गई जिसने आपसी सलाह-मशवरे से 7 मेंबरों की कार्यकारणी चुनी। इस परिषद के लिए छिंदरपाल, पावेल, बिन्नी, मानव, कुलविंदर, गुरप्रीत रोड़ी, नवजोत, संदीप, योगेश, अमन और गुरप्रीत को चुना गया।
संगठन के अगले प्रधान की जिम्मेदारी के लिए साथी छिंदरपाल, जर्नल सैकेट्री के लिए मानव, उप प्रधान के लिए पावेल और कोषाध्यक्ष के लिए बिन्नी को चुना गया।

इन्क़लाबी नारों के साथ सम्मलेन समाप्त
सम्मेलन के अंत में हाज़िर साथियों की ओर से मोदी सरकार की नव-उदारीकरण की नीतियों के तहत पास किये गए जन विरोधी खेती, बिजली और श्रम क़ानूनों के खिलाफ, खेती कानूनों के खिलाफ संघर्ष कर रहे लोगों की हिमायत करते हुए पुलिस दमन के खिलाफ और मोदी सरकार की ओर से इन क़ानूनों के ज़रिये राज्यों के अधिकारों पर किये जा रहे हमले खिलाफ प्रस्ताव पास किये गए।
नई चुनौतियों को कबूल करते हुए आगे बढ़ने का संकल्प लेते हुए नौजवान भारत सभा का सम्मेलन इंकलाबी नारों से सम्पन्न हुआ ।