झारखंड: संघर्षरत महिला महाविद्यालय के शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के समर्थन में उतरीं छात्राएं

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महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा इन शिक्षकों-कर्मचारियों को चार वर्ष से वेतन का भुगतान नहीं किया गया हैं। कटौती के बावजूद पिछले 9 वर्षों से ईपीएफ भी जमा नहीं हुआ है।

गढ़वा : गोपीनाथ सिंह महिला महाविद्यालय में कार्यरत कर्मी अपनी मांगों को लेकर पिछले 56 दिनों से आंदोलनरत हैं। हड़ताल के दो माह को होने को है परंतु शिक्षक- शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ की मांग पूरी नहीं हो सकी है। शुक्रवार को शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ के लोगों ने कालेज के मेन गेट पर धरना दे रहे थे। इसी दौरान कालेज की छात्राओं ने इनका समर्थन करते हुए धरना पर बैठ गईं। छात्राओं ने कहा कि संघ के पदाधिकारियों का मांग जायज हैं। छात्राओं ने कहा कि शिक्षक- शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ के आंदोलन के साथ हमलोग हैं। कर्मचारियों का कहना है कि मांगें पूरा नहीं होने पर वे न्यायालय के शरण में जाने पर विवश होंगे। गोपीनाथ सिंह महिला महाविद्यालय के कर्मी चिलचिलाती धूप में कालेज के मेन गेट पर खुले आसमान के नीचे धरना देने पर मजबूर हैं। कर्मियों ने कहा कि महाविद्यालय द्वारा बकाया वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा हैं। गोपीनाथ सिंह महिला महाविद्यालय में लगभग 40 कर्मी कार्यरत हैं। महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा इन सभी कर्मियों को चार वर्ष से लेकर अब तक वेतन का भुगतान नहीं किया गया हैं। ऐसे में यहां कार्यरत कर्मियों को काफी परेशानी की सामना करना पड़ रहा हैं। कर्मियों ने कहा कि पिछले 9 वर्षों से ईपीएफ का भुगतान भी नहीं हुआ हैं। जबकि इसकी कटौती कर्मियों के वेतन से लगातार किया गया हैं। धरनास्थल पर संघ की अध्यक्ष डा. अंजुला कुमारी, कुमारी गीता, डा. संजीता कुमारी, रेणु तिवारी, डा. नीलम केसरी, डा. भारती सिंह, तनवी सिंह, अरविंद कुमार सिंह, अरुण कुमार ,कौशलेंद्र तिवारी सहित कई लोग उपस्थित थे।

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