छत्तीसगढ़: हक़ के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका तीन दिन की हड़ताल पर

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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कहा कि, नियमितीकरण व अन्य 6 सूत्रीय माँगें सरकार जब तक इन्हें पूरा नहीं करती तब तक आंदोलन जारी रहेगा…

छत्तीसगढ़ के बस्तर में 6 सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने धरना दिया है। बस्तर के सभी जिलों में सैकड़ों की संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने रैली निकाली है। नियमितीकरण समेत अन्य 6 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा है। प्रदर्शन में शामिल कार्यकर्ताओं ने कहा कि, कोविड काल में पूरे प्रदेश भर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने शारीरिक श्रम के साथ अपने मानदेय से 1 करोड़ की मदद सरकार को की है। अब बारी सरकार की अपना वादा पूरा करने की है।

दरअसल, बुधवार को बस्तर संभाग के बस्तर, दंतेवाड़ा समेत सातों जिलों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने प्रदर्शन किया। मांग पूरी करने के लिए रैली निकाली गई। कार्यकर्ताओं ने कहा कि प्रदेश में 46660 आंगनबाड़ी केंद्र और 5814 मिनी आंगनबाड़ी है। जिनमें लगभग 1 लाख कार्यकर्ता और सहायिका कार्य करते हैं। पिछले कई महीनों से अपनी मांगों को पूरा करने के लिए रैली निकाले, धरना प्रदर्शन किए, साथ ही अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंप चुके हैं। लेकिन मांग पूरी नहीं हुई है।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने कहा कि, पिछले कई महीनों से हम अपनी मांगों को पूरा करवाने की मांग कर प्रदर्शन कर रहे हैं। आंदोलनरत 2 कार्यकर्ताओं ने अपनी कुर्बानी भी दी है। लेकिन, अब तक मांग पूरी नहीं हुई। कार्यकर्ताओं ने कहा कि, नियमितीकरण से लेकर अन्य जो 6 सूत्रीय मांगें हैं सरकार जब तक इन्हें पूरा नहीं करती तब तक हम आंदोलन करते रहेंगे।

यह है प्रमुख मांग

शिक्षाकर्मियों की तरह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के लिए भी नीति बनाकर शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए।

सामाजिक सुरक्षा के रूप में सामाजिक पेंशन और समूह बीमा योजना हेतु नीति निर्धारित के लागू की जाए।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सूपरवाजर के रिक्त पदों पर बीना किसी उम्र बंधन के बीना परीक्षा के लिया जाए।

मिनी आंगनबाड़ी को पूर्ण आंगनबाड़ी बनाया जाए।

प्रदेश स्तर पर रिक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के पदों पर भर्ती की जाए।

पोषण ट्रैकर ऐप और अन्य कोई भी कार्य जो मोबाइल पर किए जाते हैं, वे तब तक न दें जब तक मोबाइल और नेट रिचार्ज न किया जाए।

दैनिक भास्कर से साभार