चेन्नई: सैमसंग में अबतक 23 श्रमिक निलंबित; दमन के खिलाफ श्रमिकों का आंदोलन जारी

पिछले साल यूनियन मान्यता व वेतन वृद्धि समेत विभिन्न मांगों को लेकर श्रमिक हड़ताल के बाद हुए समझौते के तहत यूनियन मान्यता की जगह प्रबंधन यूनियन तोड़ने के प्रयास में जुटा है।
चेन्नई। तमिलनाडु में दमन और निलंबन के विरोध में सैमसंग श्रमिकों का संघर्ष और 20 फरवरी धरना जारी है। पिछले महीने सैमसंग इंडिया प्रबंधन ने यूनियन गठन के लिए संघर्षरत तीन श्रमिकों गुनासेकरन, शिवनेसन और मोहनराज को निलंबित कर दिया। तबसे सैमसंग इंडिया वर्कर्स यूनियन (एसआईडब्ल्यूयू) का ताजा संघर्ष जारी है। श्रमिक 5 फरवरी, 2025 से हड़ताल पर हैं।
इस अन्याय के खिलाफ श्रमिकों ने फैक्ट्री परिसर में धरना शुरू का दिया, जो लगातार जारी है। दो दिन पहले श्रम विभाग द्वारा आहूत चेन्नई के तेनाम्पेट में त्रिपक्षीय वार्ता में सैमसंग इंडिया प्रबंधन ने साफ कहा था कि वह कुछ और कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा। प्रबंधन के इस जवाब से नाराज स्थाई श्रमिकों के साथ ठेका श्रमिकों ने भी उत्पादन ठप कर दिया।
इस बीच, ठेका श्रमिकों के जरिए उत्पादन रोकने के आरोप में कथित अनुशासनात्मक कार्रवाई के तौर पर सैमसंग इंडिया ने 13 श्रमिकों को निलंबित कर दिया। इससे नाराज सैमसंग इंडिया के श्रमिकों ने फैक्ट्री परिसर के अंदर अपना विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया। वहीं, फैक्ट्री परिसर में पुलिस तैनात कर दी गई है। सूत्रों के अनुसार, शनिवार तक सैमसंग इंडिया के 23 श्रमिक निलंबित हो चुके हैं।

यूनियन तोड़ने के लिए प्रबंध का दमन
यूनियन के अनुसार यूनियन के तीन पदाधिकारियों को इसलिए निलंबित कर दिया गया क्योंकि उन्होंने लंच ब्रेक के दौरान दक्षिण कोरियाई इलेक्ट्रॉनिक्स प्रमुख के प्रबंध निदेशक से मिलने का प्रयास किया ताकि उन्हें भारतीय प्रबंधन द्वारा अपनाई गई “श्रमिक विरोधी नीतियों” से अवगत कराया जा सके।
एसआईडब्ल्यूयू के अध्यक्ष ई मुथुकुमार के अनुसार “यूनियन पदाधिकारियों को 15 दिनों के भीतर एमडी के साथ बैठक की व्यवस्था करने का वादा करके लौटाने के बाद, प्रबंधन ने बिना किसी कारण बताओ नोटिस या जांच के तीन पदाधिकारियों को 4 फरवरी को निलंबित कर दिया।”

8 मार्च से पूरे औद्योगिक इलाके में हड़ताल
यूनियन ने आरोप लगाया कि कंपनी अवैध रूप से ठेका श्रमिकों को नियुक्त कर रही है। उन्होंने कहा कि ठेका श्रमिकों को जबरन बाहर निकालने के बाद फैक्ट्री के श्रमिक अब उत्पादन कार्यस्थल पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। 8 मार्च, 2025 को कांचीपुरम में औद्योगिक इकाइयों में बड़े पैमाने पर हड़ताल की योजना है। विरोध और तेज होगा। अन्य यूनियनों से समर्थन लिया जाएगा। 8 मार्च को कांचीपुरम बेल्ट में सभी 58 औद्योगिक इकाइयों में हड़ताल करने का नोटिस दिया जाएगा।
पिछले साल भी हुई थी हड़ताल
कांचीपुरम जिले के सुंगुवरचत्रम इलाके में सैमसंग इंडिया की फैक्ट्री है। इस फैक्ट्री में एसी, वॉशिंग मशीन, टीवी और अन्य घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्माण होता है। फैक्ट्री में 1500 से अधिक श्रमिक काम करते हैं।
पिछले साल श्रमिक यूनियन मान्यता और वेतन वृद्धि समेत विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए थे। इसके बाद तमिलनाडु सरकार के श्रम कल्याण विभाग ने कर्मचारियों और सैमसंग प्रबंधन के बीच कई दौर की बातचीत की और यूनियन बनाने का आश्वासन दिया था।
ज्ञात हो कि श्रमिकों ने सैमसंग इंडिया में सीआईटीयू द्वारा समर्थित सैमसंग इंडिया वर्कर्स यूनियन (एसआईडब्ल्यूयू) का गठन किया था। इस दौरान तमिलनाडु श्रम विभाग द्वारा आयोजित सैमसंग प्रबंधन और एसआईडब्ल्यूयू के बीच कई दौर की वार्ताएं समाधान निकालने में विफल रही हैं।
प्रबंधन का दमन तेज
सीआईटीयू सूत्रों के अनुसार, यूनियन के जिन सदस्यों को कंपनी प्रबंधन से निलंबन आदेश प्राप्त हुए हैं, उनकी संख्या शनिवार तक 23 हो गई है। श्रमिकों के अनुसार प्रबंधन ने अपने निलंबन पत्र में कहा है कि उन्हें श्रीपेरंबदूर में विनिर्माण संयंत्र में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है, जब तक कि अधिकारियों से ऐसा करने के लिए विशिष्ट निर्देश प्राप्त न हो जाएं।
निलंबन पत्र में निलंबन के कारणों में अवज्ञा, उत्पादन में बाधा और आदेश लेने से इनकार करना, अन्य आरोप शामिल हैं। पत्र में यह भी कहा गया है कि शिकायत पत्र और आरोप पत्र मेल द्वारा भेजे जाएंगे।
सीआईटीयू ने कहा, “इसकी शुरुआत एसआईडब्ल्यूयू के तीन पदाधिकारियों से हुई और गुरुवार रात तक 14 अन्य को मेल द्वारा निलंबन आदेश प्राप्त हो गए। शुक्रवार को छह और को आदेश प्राप्त हुए। हमें नहीं पता कि कितने और आने वाले हैं।” ये निलंबन सोमवार को निर्धारित सैमसंग और एसआईडब्ल्यूयू के प्रतिनिधियों के बीच सुलह वार्ता के अगले दौर की पृष्ठभूमि में आए हैं।
सीआईटीयू के एक अन्य सदस्य ने कहा, “इस बार हमें बताया गया है कि दो मंत्री सी वी गणेशन (श्रम) और ई वी वेलु (राजमार्ग) वार्ता का हिस्सा होंगे। सैमसंग के प्रतिनिधि गुरुवार को पिछली बैठक में मौजूद नहीं थे, इसलिए हम सोमवार को एक सार्थक चर्चा की उम्मीद कर रहे हैं।”
‘यूनियन को कमजोर करने’ का प्रयास
श्रमिकों का आरोप है कि 38 दिन की हड़ताल और 212 दिन की कानूनी लड़ाई के बाद राज्य के श्रम विभाग द्वारा पंजीकृत यूनियन के पदाधिकारियों को निलंबित करने की प्रबंधन की कार्रवाई, यूनियन को कमजोर करने और कठपुतली यूनियन बनाने की कोशिश है। यूनियन ने प्रबंधन पर हड़ताल के बाद बहाल हुए श्रमिकों को सीआईटीयू से संबद्ध यूनियन को छोड़कर प्रबंधन द्वारा गठित ‘कठपुतली यूनियन’ में शामिल होने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है।
ठेका श्रमिकों से उत्पादन करवाने का प्रयास
प्रबंधन श्रम कानून का सम्मान नहीं करता। यूनियन ने आरोप लगाया कि कंपनी अब उत्पादन प्रक्रिया में ठेका श्रमिकों को शामिल कर रही है जो कारखाना अधिनियम के विरुद्ध है। भले ही श्रम आयुक्त ने कारण बताओ नोटिस जारी किया हो, लेकिन प्रबंधन ने कोई स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं किया है। इसका अर्थ यह है कि प्रबंधन श्रम कानून का सम्मान नहीं करता है और श्रम विभाग इस पर हाथ पैर हाथ रख कर बैठा हुआ है। तमिलनाडु सरकार और श्रम विभाग बड़े कॉरपोरेट्स के पक्ष में काम कर रहे हैं, जो श्रमिकों के हितों के साथ विश्वासघात है। पिछली हड़ताल के दौरान पुलिस ने भी श्रमिकों और यूनियन नेताओं को अवैध हिरासत में लेकर हाथ मिलाया था। डीएमके सरकार को श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी नीतियों में बदलाव करना चाहिए।
दूसरी तरफ सैमसंग इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि सभी कर्मचारियों के लिए कंपनी की नीतियों का पालन करना महत्वपूर्ण है, और जो लोग इन नीतियों का उल्लंघन करते हैं, उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।