आखिर क्यों हमारे देश के नाम कोई महत्वपूर्ण आविष्कार नहीं है? क्यों प्रतिभाओं की तलाश और उनको तराशे जाने की...
Read moreफिल्म की कहानी जितनी संवेदनशील और ज़िंदगी की जद्दोजहद से भरपूर है, उतनी ही खूबसूरती से कहानी के माहौल को...
Read more102 नॉट आउट लीक से हटकर एक ऐसी फिल्म है जो नाप तौल कर जिंदगी जीने के नजरिए पर थोड़ा...
Read moreशुभकामना / मोती जैसलमेरी दुनिया में सबसे सुंदर सुबह वह होगी, जब हर सैनिक के हाथ में हथियार नहीं, खेल...
Read moreएक काली कविता / अमिता शीरीं मैं काली हूं मैं बहुत काली हूं लेकिन मैं सुन्दर हूं. बहुत सुंदर. बहुत...
Read moreमहान कथाकार प्रेमचंद के 141वे जन्मदिवस (31 जुलाई) की याद में छुआ-छूत, जातपात का विषाक्त रोग आज भी समाज में...
Read moreहिंदी के विलक्षण कवि देवेंद्र कुमार बंगाली ( 18 जुलाई 33-18जून 1991) बुद्ध भूमि कसया कुशीनगर में पैदा हुए थे।...
Read more“सबको मिले मेहनत के मुताबिक अपना अपना हिस्सा” बीते 7 जुलाई को अभिनेता दिलीप कुमार के निधन से फिल्म जगत...
Read moreमाफ करना / महेश केळुसकर हिंदी अनुवाद : उषा वैरागकर आठले हे आसमानी परमपिता! माफ कर देना उस जाँच आयोग...
Read moreभूख / कुमार विश्वबंधु भूख जरूरी है खाना खाने के लिए खाना जरूरी है जिन्दा रहने के लिए भले जिन्दा...
Read moreआज जहां मज़दूर वर्ग पर ताबड़तोड़ हमले हो रहे हैं। वहीं मेहनतकश आबादी की खबरें मुख्य मीडिया से गायब हैं। दरअसल, उस पर सत्ता संरक्षण में पूँजीपति वर्ग का कब्जा है, जो मेहनतकश आवाम का शोषण कर रही है। ऐसे में मज़दूरों को अपना वैकल्पिक मीडिया खड़ा करना बेहद जरूरी है। देश में मज़दूरों की वैकल्पिक मीडिया खड़ी हुई है या हो रही। उसी प्रक्रिया के एक हिस्से के तौर पर मेहनतकश वेबसाइट आपके बीच सक्रिय है, जो पूरी मेहनतकश आवाम की है। यहाँ मेहनतकश की हर खबर बिना किसी रोक-टोक के प्रकाशित होती है। जहाँ मेहनतकश ही रिपोर्टर है, पत्रकार है। इसलिए आइए www.mehnatkash.in को मजबूत और सशक्त बनाएं! मेहनतकश वर्ग के संघर्ष को मजबूत करने में योगदान अपना योगदान दें। |