आईआईटी दिल्ली में 642 फैकल्टी सदस्यों में से केवल 3.1% (20) अनुसूचित जाति श्रेणी से हैं, और सिर्फ 1.2% (8)...
Read moreगोवा के शिरगांव गांव स्थित श्री लैराई देवी मंदिर के उत्सव के दौरान शनिवार तड़के भगदड़ हुई, जब गोवा, महाराष्ट्र...
Read moreसाल 2025 के लिए इंडिया जस्टिस रिपोर्ट (आईजेआर) कहती है कि देश के विभिन्न राज्यों में लोगों को इंसाफ़ मिलने...
Read moreहिंसाग्रस्त मणिपुर के राहत शिविरों में स्थिति इतनी भयावह है कि कई लोग आत्महत्या कर चुके हैं या चिकित्सा आपात...
Read moreसुप्रीम कोर्ट ने डिनोटिफाइड पारधी जनजाति के 24 वर्षीय देवा पारधी की हत्या में शामिल पुलिसकर्मियों को बचाने के लिए...
Read moreकेंद्र सरकार ने 2030 तक 1.84 करोड़ बंधुआ मज़दूरों की मुक्ति और पुनर्वास का लक्ष्य रखा है, लेकिन 2023-24 में...
Read moreलोक गायिका नेहा सिंह राठौर के खिलाफ लखनऊ में एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें 'राजद्रोह' समेत अन्य धाराएं लगाई...
Read moreछात्रों, प्रोफेसरों और नागरिक समाज के सदस्यों ने भारत के राष्ट्रपति को पत्र लिखकर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य को डी.लिट की...
Read moreमुंबई स्थित ईडी के जोन-1 कार्यालय में रविवार (27 अप्रैल) को 10 घंटे तक आग लगी रही. आग से कार्यालय...
Read moreपहलगाम हमले का कश्मीर के पर्यटन उद्योग पर गहरा असर पड़ा है. कश्मीर होटल एसोसिएशन ने बताया कि हमले के...
Read moreआज जहां मज़दूर वर्ग पर ताबड़तोड़ हमले हो रहे हैं। वहीं मेहनतकश आबादी की खबरें मुख्य मीडिया से गायब हैं। दरअसल, उस पर सत्ता संरक्षण में पूँजीपति वर्ग का कब्जा है, जो मेहनतकश आवाम का शोषण कर रही है। ऐसे में मज़दूरों को अपना वैकल्पिक मीडिया खड़ा करना बेहद जरूरी है। देश में मज़दूरों की वैकल्पिक मीडिया खड़ी हुई है या हो रही। उसी प्रक्रिया के एक हिस्से के तौर पर मेहनतकश वेबसाइट आपके बीच सक्रिय है, जो पूरी मेहनतकश आवाम की है। यहाँ मेहनतकश की हर खबर बिना किसी रोक-टोक के प्रकाशित होती है। जहाँ मेहनतकश ही रिपोर्टर है, पत्रकार है। इसलिए आइए www.mehnatkash.in को मजबूत और सशक्त बनाएं! मेहनतकश वर्ग के संघर्ष को मजबूत करने में योगदान अपना योगदान दें। |