औद्योगिक क्रांति से मेक इन इण्डिया तक... 'संघर्षरत मेहनतकश' पत्रिका से
Read moreफैक्ट्री में आग से मज़दूरों की मौत पर... आदमखोरों से मुल्क बचाना होगा! मुनाफ़े की अंधी हवस में फैक्ट्रियो में...
Read moreसंघर्षरत मेहनतकश पत्रिका - अंक – 42 ( जनवरी – मार्च 2020 ) में प्रकाशित
Read moreइस अंक की प्रमुख सामग्री- अपनी बात : -बजट : मुनाफे की बलिबेदी पर खड़ा मज़दूर वर्ग आवरण कथा :...
Read moreजानिए अपना हक ! न्यूनतम मजदूरी की जरूरत क्यों है ? जानिए अपना हक ! न्यूनतम मजदूरी की जरूरत क्यों...
Read moreआज जहां मज़दूर वर्ग पर ताबड़तोड़ हमले हो रहे हैं। वहीं मेहनतकश आबादी की खबरें मुख्य मीडिया से गायब हैं। दरअसल, उस पर सत्ता संरक्षण में पूँजीपति वर्ग का कब्जा है, जो मेहनतकश आवाम का शोषण कर रही है। ऐसे में मज़दूरों को अपना वैकल्पिक मीडिया खड़ा करना बेहद जरूरी है। देश में मज़दूरों की वैकल्पिक मीडिया खड़ी हुई है या हो रही। उसी प्रक्रिया के एक हिस्से के तौर पर मेहनतकश वेबसाइट आपके बीच सक्रिय है, जो पूरी मेहनतकश आवाम की है। यहाँ मेहनतकश की हर खबर बिना किसी रोक-टोक के प्रकाशित होती है। जहाँ मेहनतकश ही रिपोर्टर है, पत्रकार है। इसलिए आइए www.mehnatkash.in को मजबूत और सशक्त बनाएं! मेहनतकश वर्ग के संघर्ष को मजबूत करने में योगदान अपना योगदान दें। |