कविता

इस सप्ताह केदारनाथ अग्रवाल की चार कविताएं !

मिल मालिक मिल मालिक का बड़ा पेट है बड़े पेट में बड़ी भूख है बड़ी भूख में बड़ा जोर है...

मलयालम कवि रहीम पोन्नाड की भाषा निरोधनम कविता

#भाषा की बंदी एक दिन आधी रात को उन्होंने भाषा पर पाबंदी लगा दी घोषणा हुई आज से सब की...

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।

हिंदी दिवस पर भारतेंदु हरिश्चंद्र की रचना निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल। बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत...

हम लड़ेंगे साथी, उदास मौसम के लिए

हम लड़ेंगे साथी, ग़ुलाम इच्छाओं के लिए हम चुनेंगे साथी, ज़िन्दगी के टुकड़ेहथौड़ा अब भी चलता है, उदास निहाई परहल...

जन गीतकार शैलेन्‍द्र को याद करते हुए

शंकर शैलेंद्र का जन्म 30 अगस्त, 1923 को रावलपिंडी में हुआ था. मूल रूप से उनका परिवार बिहार के भोजपुर...

यह कैसी आज़ादी है, यह किसकी आज़ादी है?

अधिनायक (रघुवीर सहाय) राष्ट्रगीत में भला कौन वहभारत-भाग्य-विधाता हैफटा सुथन्ना पहने जिसकागुन हरचरना गाता है। मखमल टमटम बल्लम तुरहीपगड़ी छत्र...