दक्षिण दिल्ली का निवासी अहमद सुबह 8 बजे घर से निकलता है। रास्ते में वो अपना ज़ोमाटो ऐप ऑन कर...
Read moreकब तक मरते रहेंगे मज़दूर? गुरुवार 22 अगस्त को ग़ाज़ियाबाद के नंदग्राम के कृष्ण कुंज इलाक़े में हुए हादसे में...
Read moreहरियाणा के रोहतक जिले में सीवर टैंक की सफ़ाई करने उतरे चार श्रमिकों की ज़हरीली गैस की चपेट में आने...
Read moreनिकाले गए सभी 120 कर्मियों को रखने का समझौता जयपुर (राजस्थान)। एमएनआईटी के 120 हटाए गए सफाई कर्मचारियों को वापस...
Read moreआज जहां मज़दूर वर्ग पर ताबड़तोड़ हमले हो रहे हैं। वहीं मेहनतकश आबादी की खबरें मुख्य मीडिया से गायब हैं। दरअसल, उस पर सत्ता संरक्षण में पूँजीपति वर्ग का कब्जा है, जो मेहनतकश आवाम का शोषण कर रही है। ऐसे में मज़दूरों को अपना वैकल्पिक मीडिया खड़ा करना बेहद जरूरी है। देश में मज़दूरों की वैकल्पिक मीडिया खड़ी हुई है या हो रही। उसी प्रक्रिया के एक हिस्से के तौर पर मेहनतकश वेबसाइट आपके बीच सक्रिय है, जो पूरी मेहनतकश आवाम की है। यहाँ मेहनतकश की हर खबर बिना किसी रोक-टोक के प्रकाशित होती है। जहाँ मेहनतकश ही रिपोर्टर है, पत्रकार है। इसलिए आइए www.mehnatkash.in को मजबूत और सशक्त बनाएं! मेहनतकश वर्ग के संघर्ष को मजबूत करने में योगदान अपना योगदान दें। |