कृषि बिलों के खिलाफ़ 25 सितम्बर को भारतबंद का आह्वान

Kisan_Protest

234 किसान संगठनों का ऐलान, पंजाब बंदका लुधियाना के विभिन्न जनसंगठनों द्वारा समर्थन

लुधियाना 21 सितम्बर (पंजाब)। कृषि अध्यादेशों/बिलों के खिलाफ़ पंजाब के किसान संगठनों ने 25 सितंबर को पंजाब बंद का आह्वान किया है। लुधियाना के मज़दूरों, मुलाजिमों, नौजवानों के संगठनों ने इस आह्वान का समर्थन करते हुए कृषि अध्यादेशों/बिलों के खिलाफ़ रोष व्यक्त करने का ऐलान किया है और इन्हें तुरंत रद्द करने की माँग की है।

ज्ञात हो कि 25 सितम्बर को को 234 किसान संगठनों ने भारतबंद का आह्ववान किया है। इसी के तहत पंजाब बंद का भी आह्वान हुआ है।

लुधियाना में टेक्सटाइल-हौज़री कामगार यूनियन, मोल्डर एंड स्टील वर्कर्ज यूनियन, इंकलाबी मज़दूर केंद्र, सी.टी.यू., सी.आई.टी.यू, एटक, आज़ाद हिंद निर्माण मज़दूर यूनियन, नौजवान भारत सभा, पंजाब रोडवेज इंप्लाइज यूनियन (आज़ाद), इंकलाबी नौजवान विद्यार्थी मंच, महासभा, तर्कशील सोसाइटी, जम्हूरी अधिकार सभा, कारखाना मज़दूर यूनियन, डेमोक्रेटिक टीचर्ज़ फ्रंट, पलस मंच, मेडीकल प्रेक्टीशनर एसोसिएशन, आदि जनसंगठनों द्वारा 25 सितंबर को सुबह 10 बजे डिप्टी कमिश्नर कार्यालय पर रोष व्यक्त करते हुए भारत सरकार के नाम माँगपत्र सौंपा जाएगा।

यह जानकारी 21 सितम्बर को संगठनों की तरफ से राजविंदर सिंह, हरजिंदर सिंह और सुरिंदर सिंह द्वारा जारी संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में दी गई।

जनसंगठनों का कहना है कि कृषि अध्यादेश/बिल भले ही जनकल्याण के नाम पर लाए गए हैं लेकिन वास्तव में ये घोर जनविरोधी कानून हैं जो देशी-विदेशी पूँजीपतियों के फायदे के लिए लाए जा रहे हैं। संगठनों ने इन अध्यादेशों/बिलों को मज़दूरों, गरीब किसानों व समाज के अन्य मेहनतकश तबकों के खिलाफ और राज्यों/राष्ट्रीयताओं की खुदमुख्तियारी पर हमला करार देते हुए इन्हें तुरंत रद्द करने की माँग की है।

इसके साथ ही संगठनों ने माँग की है कि रेलवे, बिजली और अन्य क्षेत्रों के सरकारी अदारों का निजीकरण, बिजली संशोधन बिल 2020, श्रम कानूनों में संशोधन और नई शिक्षा नीति रद्द की जाए।

ज्ञात हो कि 25 सितम्बर को को 234 किसान संगठनों ने भारतबंद का आह्ववान किया है।