सीएए विरोध : पिंजड़ा तोड़ की दो सदस्या गिरफ्तार

0
0

कोविड-19 संकट की आड़ में विरोध का गला घोंटना हुआ तेज

संविधान विरोधी नागरिकता कानून का विरोध करने वालों का दमन बढ़ता जा रहा है। कोरोना संकट की आड़ में फर्जी मुक़दमों, गिरफ्तारियों का दौर तेज हो गया है। इसी क्रम में संघर्षशील छात्राओं के मंच ‘पिंजड़ा तोड़’ से जुडी दो छात्राओं को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

वरिष्ठ पत्रकार सुशिल मानव फेसबुक पर लिखते हैं कि कोरोना काल में कल जेएनयू की दो छात्राओं को गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया गया है। इन पर आरोप लगाया गया है कि इन्होंने ही 22 फरवरी की रात सीलमपुर में 300-400 महिलाओं को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे बिठाया इसी के बाद उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा भड़की थी, मामले में 24 फरवरी को जाफराबाद थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था।

गिरफ्तार की गईं नताशा और देवांगना ‘पिजड़ा तोड़’ संस्था की सक्रिय सदस्य हैं।

नताशा और देवांगना पर आरोप

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, सीलमपुर में धरने पर बैठी महिलाओं को भड़काकर 22 फरवरी की रात को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे बिठाने पर 24 फरवरी को जाफराबाद थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। पिंजड़ा तोड़ ग्रुप की गुलफिसा फातिमा, नताशा, शुभांगी, देवांगना, परोमा और रुमशा के नाम सामने आए थे।

गुलफिसा जाफराबाद की रहने वाली हैं, जो डीयू की किरोड़ीमल कॉलेज की पूर्व स्टूडेंट थीं। पुलिस इन्हें पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। गुलफिसा पर स्पेशल सेल ने दंगों की साजिश में शामिल होने के लिए गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) लगाया है, वह अभी जेल में हैं।

जनज्वार में छपी ख़बर के अनुसार दिल्ली पुलिस ने शनिवार की शाम पूर्वोत्तर दिल्ली में हिंसा के मामले में जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय की दो छात्राओं को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार की गईं छात्रा नताशा नरवाल और देवांगना कलिता देश की राजधानी में एक महिला छात्र संगठन पिंजरा तोड़ की सक्रिय सदस्य हैं। डीसीपी (उत्तर पूर्व) वेद प्रकाश सूर्या ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है।

23 फरवरी को भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने सीएए समर्थित रैली के लिए प्रेरित किया था इसके एक दिन बाद पूर्वोत्तर दिल्ली में दंगे भड़क उठे थे। ‘पिंजरा तोड़’ ने बताया कि उनके दो कार्यकर्ता देवांगना कलिता (30) और नताशा नरवाल जेएनयू की छात्रा हैं और उन्हें उनके घरों से गिरफ्तार किया गया है।

 इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, जाफराबाद में धरने-प्रदर्शन में बैठने के विरोध में एक एफआईआर पहले दर्ज की गई थी। महिलाओं को आईपीसी की धारा 186 (सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में लोक सेवक को बाधित करना) और 353 (लोकसेवक को अपने कर्तव्य से रोकने के लिए आपराधिक बल इस्तेमाल करना) के तहत गिरफ्तार किया गया है।

देवांगना कलिता सेंटर फॉर वुमेन स्टडीज में एक एमफिल की छात्रा हैं जबकि नताशा नरवाल सेंटर फॉर हिस्टोरिकल स्टडीज में पीएचडी की छात्रा हैं। दोनों 2015 में गठित पिंजरा तोड़ की संस्थापक सदस्य हैं। देवांगना और नताशा ने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई क्रमश: डीयू के मिरांडा हाउस और हिंदू कॉलेज से की है।

Anti-CAA stir: Two boys shot dead by the police in Muzaffarnagar ...

सीएए विरोधियों पर मुक़दमे

इन दो ताजा गिरफ्तारियों से पूर्व लॉकडाउन के दौरान एसआईटी सफूरा ज़रगर, मीरान हैदर, पूर्व पार्षद इशरत जहां और एक्टिविस्ट खालिद सैफ़ी सहित सैकडों आन्दोलनकारियों को गिरफ़्तार कर चुकी है।

दिल्ली पुलिस ने जेएनयू के छात्र नेता उमर ख़ालिद, जामिया को-ऑर्डिनेशन कमेटी की मीडिया को-ऑर्डिनेटर सफूरा ज़रगर, राजद नेता मीरान हैदर और दानिश पर दिल्ली दंगों से जुड़े होने के कथित आरोप में यूएपीए लगा दिया है।

जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी की पीएचडी की छात्रा सफूरा जरगर को गर्भवती होने के बावजूद दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद किया गया है।

Are The Caa Protesters Using Fire Chat Application - CAA Protest ...

ये सभी संविधान विरोधी नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए), एनआरसी, एनपीआर के विरोध में चले शाहीनबाग जैसें आन्दोलन के समर्थक हैं।

इसके विपरीत कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा, रागिनी तिवारी जैसे भाजपा व उसके अनुषंगी संगठनों के नेताओं को छुट्ट्टा छोड़ रखा है, जबकि उनके खि़लाफ़ बाकायदा वीडियो प्रमाण मौजूद हैं, जिनमें वे भड़काऊ व साम्प्रदायिक भाषण या बयान दे रहे हैं। इनमें से कुछ तो बाकायदा हिंसा के लिए भीड़ को उकसा रहे थें।

Delhi Lawyers File Complaint Against Kapil Mishra For Riots ...

पिंजड़ा तोड़ ने की विरोध में खड़े रहने की अपील

पिंजरा तोड़’ ने एक बयान में कहा कि महिलाओं को शाम करीब छह बजे गिरफ्तार किया गया। संगठन ने बताया कि स्पेशल सेल द्वारा पूछताछ के बाद उन्हें उनके घरों से गिरफ्तार किया गया, जाफराबाद पुलिस स्टेशन द्वारा उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए उनके परिवारों को कारण भी नहीं बताया।

यान में आगे कहा गया, ‘पिछले कुछ महीनों में दिल्ली पुलिस ने कई छात्रों और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। हम राज्य द्वारा लोकतांत्रिक कार्यकर्ताओं और छात्राओं की विच हंटिंग की कड़ी निंदा करते हैं और छात्र समुदाय और लोकतांत्रिक सोच रखने वाले नागरिकों से इस दमन के विरोध में खड़े रहने की अपील करते हैं।’

ज्ञात हो कि संविधान विरोधी नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए), एनआरसी, एनपीआर के ख़िलाफ़ चले देशव्यापी प्रतिरोध संघर्ष, जिसका प्रतिक केंद्र शाहीन बाग़ बना था, में पिंजड़ा तोड़ की सक्रिय भूमिका रही है। कोविड-19 संकट से यह आन्दोलन स्थगित हो गया। लेकिन मोदी सरकार कोरोना की आड़ में चुन-चुनकर विरोधियों का दमन कर रही है।

CAA-NRC protest अब एक ही बात पर अटका है... - What ...