प्रधानमंत्री से बुक्सा जनजाति महिलाओं ने कहा; जनजाति महिला जनसंवाद में हमें भी शामिल करो!

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पीएम मोदी द्वारा 15 जनवरी को बुक्सा व वनराजि जनजाति समाज की महिलाओं से बातचीत की सूचना; वीरपुर लच्छी गांव की महिलाओं ने उनकी भी समस्याएं सुनने की गुहार लगाई!

रामनगर (उत्तराखंड)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 15 जनवरी को बुक्सा व वनराजि जनजाति समाज की महिलाओं के साथ बातचीत की सूचना पर वीरपुर लच्छी गांव की महिलाओं ने उनको भी बातचीत में शामिल करने की माँग की है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम लिखे पत्र में वीरपुर लच्छी गांव की महिलाओं ने कहा है कि समाचार पत्रों से हमें जानकारी प्राप्त हुयी है कि आगामी 15 जनवरी को आपके द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से उत्तराखंड की बुक्सा जनजाति व वनराजि जनजाति समाज की महिलाओं से बातचीत की जाएगी तथा बातचीत के माध्यम से आप जनजाति समाज की समस्याओं को जानेंगे। आपके इस निर्णय का हम स्वागत करते हैं।

पत्र में मू;लभूत समस्याओं से अवगत करते हुए लिखा है कि हम भी बुक्सा जनजाति समाज की समस्या से आपको अवगत कराना चाहते हैं। 1 मई 2013 को खनन व्यवसायी व कांग्रेस के पूर्व दर्जाधारी मंत्री सोहन सिंह व उसके पुत्र देवेन्द्रपाल सिंह, सुमितपाल सिंह तथा अन्य दर्जनों लोग हमारे बुक्सा जनजाति बहुल गांव वीरपुर लच्छी, तहसील रामनगर जिला नैनीताल (उत्तराखंड) में शाम के समय बंदूकों, लाठी-डंडों से लैस होकर गांव में घुस आये थे।

उन्होंने हमारी 3 झोपड़ियों में आग लगा दी तथा बंदूकों से फायरिंग कर महिलाओं एवं ग्रामीणों को बंदूक की बटों तथा लाठी-डंडों से बुरी तरह मारा गया। जिसमें आधा दर्जन से भी अधिक महिलाएं व ग्रामीण घायल हो गये थे जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भी भर्ती कराना पड़ा था।

10 वर्ष बाद भी अभी तक बुक्सा जनजाति समाज की हम महिलाओं को न्याय नहीं मिला है। ताकतवर एवं ऊंची पहुंच के कारण सभी आरोपी जिला एवं सत्र न्यायालय द्वारा छोड़ दिये गये हैं। जबकि घटना के फोटा, वीडियो व अन्य सभी साक्ष्य मौजूद हैं। महिलाओं ने माँग की कि आपके द्वारा जनजाति समाज की महिलाओं से बातचीत की पहल किए जाने की खबर पढ-सुनकर हमें न्याय की उम्मीद बनी है। अतः हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि आप आगामी 15 जनवरी,2024 को हमारे बुक्सा जनजाति बहुल वीरपुर लच्छी गांव की महिलाओं को भी अपनी बातचीत में शामिल करें तथा हमारी समस्याएं भी सुनें। ताकि हमें न्याय मिल सके।

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