पंजाब सीमा पर किसानों के खिलाफ क्रूर पुलिसिया दमन बेहद निंदनीय; 3 किसानों की मौत, दर्जनों घायल

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देशभर में मुख्यालयों पर किसानों के जोरदार प्रदर्शन हुई। वहीं दिल्ली कूच और पुलिस द्वारा किसानों के दमन के बीच खनौरी सीमा पर दो किसानों व शंभू सीमा पर एक किसान की मौत हो गई।

किसानों के एक हिस्से द्वारा दिल्ली कूच के आह्वान पर 21 फरवरी को हरियाणा से सटे खनौरी और शंभू सीमा पर भी दिनभर युद्ध की स्थिति बनी रही। कम से कम तीन किसानों की मौत और दर्जनों किसानों व कुछ पुलिस कर्मियों के घायल होने की खबर है।

दूसरी ओर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आज पूरे देश के विभिन्न हिस्सों में जिला मुख्यालयों पर जोरदार प्रदर्शन हुए और जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा गया।

तीन किसानों की मौत

केंद्र सरकार की बर्बरता जारी है। किसानों पर लाठीचार्ज, प्लास्टिक की गोलियों और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल लगातार जारी है। 21 फरवरी को हरियाणा पुलिस और केंद्रीय बलों द्वारा खनौरी और शंभू सीमाओं पर किसानों पर निर्मम व बर्बर दमन और उत्पीड़न व कम से कम तीन किसानों की मौत घोर निंदनीय है।

ज्ञात हो कि जींद के दातासिंह वाला सीमा/खनौरी सीमा पर बल्लो गांव के युवा किसान दो किसानों की गोली लगने से मौके पर ही मौत की सूचना है। इनमें शुभकरण सिंह की सिर में गंभीर चोट लगने से मौत हो गई। वहीं गुरदासपुर के चाचोकी गांव के 78 वर्षीय किसान ज्ञान सिंह की शंभू सीमा विरोध स्थल पर दिल मृत्यु हो गई। इसके अलावा दर्जनों किसानों को चोटें आई हैं।

मौत से आक्रोश तेज, दिल्ली कूच दो दिन स्थगित, 23 फरवरी को काला दिवस

किसान मौत की खबर मिलने पर संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के अध्यक्ष जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि अब हालात का जायजा लेने के बाद ही वह आगे की रणनीति पर विचार करेंगे। वहीं किसान मजदूर संगठन के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने किसानों का दिल्ली कूच आंदोलन को दो दिन के लिए स्थगित करने की बात कही है।

वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने पंजाब सीमा पर किसानों के खिलाफ क्रूर पुलिसिया दमन और हत्या की भर्त्सना की है। एसकेएम ने कहा कि प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार किसानों के साथ समझौते को पूरा नहीं कर रहे हैं और वर्तमान संकट के लिए जिम्मेदार हैं। 22 फरवरी को एसकेएम की राष्ट्रीय समन्वय समिति और आम सभा की बैठक संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए निर्णायक कार्रवाई का फैसला करेगी।

उधर केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साझा मंच ने साझा बयान जारी कर किसान आंदोलन के दौरान हुई पुलिस कार्रवाई के खिलाफ 23 फरवरी को ‘काला दिवस’ मनाने की घोषणा की है।

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) का बयान-

एसकेएम ने किसानों के खिलाफ क्रूर पुलिसिया दमन और हरियाणा पंजाब सीमा पर पुलिस गोलीबारी में भटिंडा जिले के बल्लो गांव के किसान शुभकरण सिंह (23) की हत्या की भर्त्सना की है। उपलब्ध रिपोर्ट के अनुसार दमन में लगभग पंद्रह लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह किसान परिवारों के रोजी-रोटी कमाने वालों पर क्रूर हमला है, जब वे केवल प्रधान मंत्री द्वारा किए गए लिखित वादों के कार्यान्वयन के लिए विरोध कर रहे थे।

प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार जो 9 दिसंबर 2021 को एसकेएम के साथ हस्ताक्षरित समझौते को लागू करने में विफल रहे, वर्तमान संकट के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार हैं।

एसकेएम पंजाब सीमा पर परिस्थिति को गंभीरता से लेता है और 22 फरवरी 2024 को राष्ट्रीय समन्वय समिति और आम सभा की बैठक में स्थिति पर व्यापक चर्चा करेगा और संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए निर्णायक कार्रवाई का फैसला करेगा।

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