बीपीसीएल : मुनाफा डबल, पर कंपनी बेचने में जुटी है मोदी सरकार

मोदी राज में सबकुछ बिकेगा मुनाफाखोरों के हाथ!
कोविड-19 महामारी के भय के बीच मोदी सरकार ने जनता के खून-पसीने से खड़े सभी सरकारी उद्यमों को बेचने की गति तेज कर दी है । इनमे से एक सरकारी तेल कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (बीपीसीएल) को जून तिमाही के नतीजों में जबरदस्त मुनाफा हुआ है। इसके बावजूद मोदी सरकार ने बीपीसीएल में अपनी समूची 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की अनुमति दे दी है।
जारी है बीपीसीएल को बेचने की प्रक्रिया
देश की दूसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी कंपनी बीपीसीएल के निजीकरण की प्रक्रिया जारी है। बीपीसीएल के लिए रुचि पत्र (EOI) जमा करने की डेडलाइन 30 सितंबर है। यह तीसरा मौका है जब सरकार ने ईओआई जमा कराने की तारीख को आगे बढ़ाया है। ईओआई के जरिए ये मालूम होता है कि कौन-कौन सी कंपनियां या निवेशक बोली लगाने को इच्छुक हैं।

पूरा मालिकाना निजी कम्पनी का होगा
सरकार ने बीपीसीएल में अपनी समूची हिस्सेदारी के रणनीतिक विनिवेश का प्रस्ताव किया है। सरकार के पास कंपनी के 114.91 करोड़ शेयर हैं जो कंपनी की 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर है। इसके अलावा रणनीतिक खरीदार को कंपनी का प्रबंधन नियंत्रण भी ट्रांसफर किया जाएगा। यानी पूरा मालिकाना ही निजी कार्पोरेट का होगा!
दूना हुआ बीपीसीएल का मुनाफा
चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही में बीपीसीएल का मुनाफा लगभग दोगुना होकर 2,076.17 करोड़ रुपये हो गया है। कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि साल भर पहले इसी तिमाही में उसे 1,075.12 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। बीपीसीएल के मुताबिक भंडार में रखे कच्चे तेल पर हुए फायदे ने उसके रिफाइनिंग मार्जिन और ईंधन बिक्री में हुए नुकसान की भरपाई कर दी है।

एयर इण्डिया से एलआईसी तक सब बिक रहा है
वित्त वर्ष 2020- 21 के लिए सरकार ने विनिवेश से 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का बड़ा लक्ष्य रखा है। यही वजह है कि इसी साल जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी का भी आईपीओ आने वाला है। आईपीओ के जरिए एलआईसी में सरकार की हिस्सेदारी कम होगी। वहीं, एयर इंडिया को बेचने की प्रक्रिया भी चल रही है।