निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों का कार्य बहिष्कार

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दीवाली में भी बहिष्कार, 26 नवम्बर को देशव्यापी हड़ताल

चंडीगढ़। मुनाफे में चल रहे बिजली विभाग का निजीकरण करने के विरोध में बुधवार को दूसरे दिन भी बिजली कर्मचारियों ने काम का बहिष्कार कर बिजली ऑफिस के सामने रोष रैलियां की। संघर्ष की इसी कड़ी में 13 नवंबर को न्यू पावर हाउस के आगे धरना देने, दीवाली को ड्यूटियों का बहिष्कार करने और 26 नवंबर को देशव्यापी आम हड़ताल के तहत 24 घंटे हड़ताल होगी।

इसका आह्वान पावरमैन यूनियन की ओर से किया गया है। पावरमैन यूनियन के नेताओं ने केंद्र सरकार और प्रशासन के खिलाफ लगातार संघर्ष करने का ऐलान किया है।

रोष रैलियों को संबोधित करते पावरमैन यूनियन के प्रधान ध्यान सिंह, महासचिव गोपाल दत्त जोषी, अमरीक सिंह, दर्शन सिंह, सुखविन्दर सिंह, कष्मीर सिंह, गुरमीत सिंह, रणजीत सिंह, दलेर सिंह ने प्रशासन के फैसले की निंदा की।

उन्होंने कहा कि जब पूरे देश में बिजली एक्ट 2003 के अनुसार सरकारी कार्पोरेशन बनी हैं। ऐसे में चंडीगढ़ में बिजली एक्ट 2003 में संशोधन किए बिना सीधे तौर पर 100 फीसदी शेयर निजी कंपनी को बेचना गैर संवैधानिक और पूंजीपतियों के हाथों में खेलने वाला है।

रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल काल किया गया है। इसमें बिजली विभाग की संपत्ति कौडियों के भाव बेचने की व्यवस्था की है वहीं कर्मचारियों की सेवा शर्ते, जीपीएफ, पेंशन, वेतन आदि प्राइवेट ऑपरेटरों के हवाले किए जा रहे हैं, जोकि सेवा शर्तो का सीधा उल्लंघन है।