बीपीसीएल का निजीकरण, कर्मचारियों के लिए वीआरएस स्कीम
पब्लिक सेक्टर की बड़ी तेल कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपारेशन लिमिटेड (BPCL) अपने कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) लेकर आई है. सरकार देश की तीसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी तथा दूसरी सबसे बड़ी पेट्रोलियम मार्केटिंग कंपनी भारत पेट्रोलियम (Bharat Petroleum) का प्राइवेटाइजेशन करने जा रही है. प्राइवेटाइजेशन से पहले कंपनी ने अपने कर्मचारियों को वीआरएस (Voluntary Retirement Scheme) देने की पेशकश की है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, बीपीसीएल ने अपने कर्मचारियों को भेजे इंटरनल नोटिस में कहा कि कंपनी ने वीआरएस की पेशकश करने का फैसला किया है. यह स्कीम उन कर्मचारियों के लिए है जो कुछ व्यक्तिगत कारणों से कंपनी में अपनी सेवाएं जारी रखने की स्थिति में नहीं हैं. वे कर्मचारी वीआरएस के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
खबर के मुताबिक, भारत पेट्रोलियम वीआरएस योजना-2020 (BPVRS-2020) 23 जुलाई को खुली है. यह 13 अगस्त को बंद होगी. कंपनी के एक सीनियर ऑफिसर ने कहा कि वीआरएस उन कर्मचारियों को बाहर निकलने का ऑप्शन देने लिए लाया गया है, जो प्राइवेट मैनेजमेंट के तहत काम नहीं करना चाहते हैं. उन्होंने कहा, कुछ कर्मचारियों को लगता है कि बीपीसीएल के प्राइवेटाइजेशन के बाद उनका रोल, स्थिति या जगह में बदलाव हो सकता है. यह स्कीम उन्हें बाहर निकलने का ऑप्शन देती है.
बीपीसीएल में सरकार अपनी समूची 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच रही है. कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 20,000 है. अधिकारी ने बताया कि पांच से 10 प्रतिशत कर्मचारी वीआरएस का ऑप्शन चुन सकते हैं. बीपीसीएल के अधिग्रहण के लिए रुचि पत्र (EOI) 31 जुलाई तक दिया जा सकता है. खबर के मुताबिक, वीआरएस नोटिस में कहा गया है कि 45 साल की उम्र पूरी कर चुके कर्मचारी इस स्कीम के लिए एलिजिबल हैं.
हालांकि, एक्टिव खिलाड़ी यानी किसी खेल की वजह से कंपनी में नियुक्त हुए खिलाड़ियों तथा बोर्ड लेवल के एग्जिक्यूटिव इस स्कीम का ऑप्शन नहीं चुन सकते. स्कीम का ऑप्शन चुनने वाले कर्मचारियों को हर पूरे हुए सर्विस ईयर के लिए दो माह का वेतन या वीआरएस के समय तक का मासिक वेतन मिलेगा. सर्विस पीरियड के बाकी बचे महीनों को इसमें गुणा किया जाएगा.
इसके अलावा उन्हें रिटायरमेंट के समय मिलने वाला कंपनी छोड़ने का खर्च भी मिलेगा. वीआरएस लेने वाले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद मेडिकल बेनिफिट स्कीम का फायदा मिलेगा. इसके अलावा कर्मचारी अपने बची छुट्टी मसलन सीएल, ईएल और पीएल के बदले कैश में पेमेंट भी ले सकेंगे. नोटिस में कहा गया है कि जिस कर्मचारी के खिलाफ किसी तरह की अनुशासनात्मक कार्रवाई (Disciplinary Action) चल रही है, वह इस स्कीम का फायदा नहीं ले सकेगा.
ज़ी बिज़नेस से साभार