एसकेएम के आह्वान पर, देश भर में मना विश्वासघात दिवस; पुतला दहन, राष्ट्रपति को ज्ञापन

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संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा अगर भारत सरकार किसानों से किए गए वादों से मुकरती है, तो आंदोलन फिर से शुरू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। “मिशन उत्तर प्रदेश” रहेगा जारी।

पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत आज (31 जनवरी) संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर, देश भर में हजारों स्थानों पर किसानों ने “विश्वासघात दिवस” का आयोजन किया। भारत के सैकड़ों जिलों और तहसीलों में विरोध प्रदर्शन हुए, और जिला कलेक्टरों, एसडीएम और एडीएम के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया, पुतले जलाए गए।

भारत सरकार द्वारा 2020-21 के ऐतिहासिक किसान आंदोलन में किसानों से किए गए वादों से मुकर जाने को लेकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, तमिलनाडु, राजस्थान, गुजरात, त्रिपुरा सहित अन्य राज्यों में प्रदर्शनों, मार्चों और पुतला जलाने के साथ “विश्वासघात दिवस” ​​के रूप में चिह्नित किया गया।

उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर में प्रदर्शन

महामहिम…किसानों के साथ फिर धोखा हुआ है

राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन में कहा गया है कि देश के मुखिया होने के नाते, देश के सबसे बड़े वर्ग अन्नदाता किसानों के हितों की रक्षा करना, और सरकार को किसानों के साथ यह धोखाधड़ी करने के खिलाफ चेतावनी देना, राष्ट्रपति का संवैधानिक दायित्व है। ज्ञापन में याद दिलाया गया है कि किसानों की मेहनत से देश खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर हुआ है।

किसानों के ज्ञापन में कहा गया है “किसानों के अथक प्रयासों से, तालाबंदी और आर्थिक मंदी के बावजूद, देश के कृषि उत्पादन में लगातार वृद्धि हुई है। किसानों के साथ छल करना विनाशकारी हो सकता है”।

Farmers Is Protesting As Betrayal Day Across The Country - किसानों ने मनाया विश्वासघात  दिवस, राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन- Amar Ujala Hindi News Live

मोदी सरकार ने एक भी वायदा नहीं किया पूरा

संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा जारी प्रेस बुलेटिन में कहा गया है कि यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि 9 दिसंबर, 2021 को संयुक्त किसान मोर्चा को लिखे पत्र में भारत सरकार द्वारा किए गए लिखित आश्वासन में से एक भी वादा पूरा नहीं किया गया है।

मोर्चा किसानों के धैर्य को चुनौती देने के खिलाफ भाजपा सरकार को चेतावनी देता है, और घोषणा करता है कि यदि वादे जल्द से जल्द पूरे नहीं किए गए, तो किसानों के पास आंदोलन फिर से शुरू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।

“मिशन उत्तर प्रदेश” रहेगा जारी

जैसा कि पहले बताया गया है, संयुक्त किसान मोर्चा “मिशन उत्तर प्रदेश” जारी रखेगा और राज्य भर में भाजपा को दंडित करने और हराने के लिए अभियान चलाएगा। मिशन के नए चरण की घोषणा 3 फरवरी को संवाददाता सम्मेलन के साथ की जाएगी।

हिमाचल के ऊना में विश्वासघात दिवस पर ज्ञापन देने को एकत्रित किसान।
हिमांचल के ऊना में प्रदर्शन

देशव्यापी हड़ताल में किसान मज़दूरों के साथ

एसकेएम ने चल रहे चुनावों के आलोक में देशव्यापी हड़ताल के दिन को 23-24 फरवरी से 28-29 मार्च को बदलने के केंद्रीय श्रम संगठनों के नोटिस का संज्ञान लिया। एसकेएम श्रम संगठनों के आह्वान का पूरी तरह से समर्थन करता है और पूरे भारत में कामगारों और मजदूरों के साथ खड़ा है।

भारत सरकार अपने झूठ के साथ कायम

भारत सरकार आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021-22 के साथ वर्तमान एमएसपी (घोषणा) व्यवस्था, और ऐसे एमएसपी की घोषणा के लिए उपयोग की जा रही लागत अवधारणा से संबंधित अपने झूठ के साथ कायम है। उपयोग की जा रही लागत अवधारणा उत्पादन की C2 लागत की अनदेखी करते हुए, A2 + पारिवारिक श्रम बनी हुई है, और किसानों को उनके वास्तविक अधिकार से वंचित करती है। यह भी एक झूठा दावा है कि कमतर एमएसपी घोषित किए जाने के खोखले वादों के साथ फसल विविधीकरण हुआ है – किसानों को पता है कि ऐसा विविधीकरण वास्तव में संभव है, यदि तिलहन, बाजरा और दालों सहित सभी फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी दी जाती है। यही एक प्रमुख कारण है कि एसकेएम कानूनी रूप से गारंटीकृत एमएसपी की भी मांग करता है।

https://mehnatkash.in/2022/01/17/governments-disobedience-to-farmers-declaration-of-nationwide-betrayal-day-on-31-january/

दिल्ली सीमाओं पर एक साल जुझारू आंदोलन; केंद्र सरकार के वायदे पर स्थगित

जनविरोधी कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से ज्यादा लंबे जुझारू आंदोलन के बाद मोदी सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी। संयुक्त किसान मोर्चा ने 21 नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर बकाया छह मुद्दों की तरफ उनका ध्यान आकृष्ट किया।

उसके जवाब में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव संजय अग्रवाल ने 9 दिसंबर 2021 को संयुक्त किसान मोर्चा के नाम एक पत्र (सचिव/ऐएफडब्लू/2021/मिस/1) लिखा जिसमें उन्होंने कुछ मुद्दों पर सरकार की ओर से आश्वासन दिए और आंदोलन को वापस लेने का आग्रह किया।

इस चिट्ठी पर भरोसा कर संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली के बॉर्डर पर लगे मोर्चा और तमाम धरना प्रदर्शनों को 11 दिसंबर से स्थगित करने का निर्णय लिया था। साथ ही 15 जनवरी को इसकी समीक्षा कर आगे की रणनीति तय करने की घोषणा की थी। लेकिन मोदी सरकार आंदोलन स्थगित होते ही चुप्पी मार गई।

लंबी प्रतीक्षा के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने 15 जनवरी की अपनी बैठक में 31 जनवरी को देश भर में “विश्वासघात दिवस” के रूप में मनाने का फैसला किया था।

देशभर में प्रदर्शन की झलक

पंजाब

पूरे पंजाब में किसान यूनियनों ने जिला व तहसील स्तर पर किसान विरोध प्रदर्शन कर डीसी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।

अमृतसर

अमृतसर के मजीठा में पुतला जलाते हुए किसान।

चंडीगढ़

संयुक्त किसान मोर्चा

लुधियाना

पंजाब के जलालाबाद में किसान माेदी सरकार का पुतला फूंकते हुए। (जागरण)

उत्तर प्रदेश

लखनऊ। संयुक्त किसान मोर्चा व भारतीय किसान यूनियन ने विश्वासघात दिवस मनाया। सदर से लेकर सरोजनीनगर तहसील तक प्रदर्शन कर सरकार को किसानों से किए गए वादों की याद दिलाई। 

किसानों ने  विश्वासघात दिवस मनाते हुए किया प्रदर्शन
सोनभद्र में प्रदर्शन

मथुरा। उत्तर प्रदेश किसान सभा के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया और एसडीएम को मांगों से युक्त ज्ञापन दिया।

किसानों ने मनाया विश्वासघात दिवस और दिया ज्ञापन

सहारनपुर। जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर केंद्र सरकार के नाम संबोधित ज्ञापन दिया।

Vishwasghaat Diwas सहारनपुर मुख्यालय पर प्रदर्शन करेगी भाकियू।

फतेहपुर जिले में भारतीय किसान संयुक्त मोर्चा के तत्वावधान में किसानों ने विश्वासघात दिवस मानते हुए नहर कॉलोनी में केंद्र सरकार पर विश्वासघात करने का आरोप लगा धरना दिया।

Fatehpur Farmers celebrated Vishwasghat Diwas made allegation on the central government ANN

रामपुर। भाकियू कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए विश्वासघात दिवस मनाया। उन्होंने ने विकास भवन में प्रदर्शन कर धरना दिया। साथ ही राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा।

किसानों ने धरना देकर मनाया विश्वासघात दिवस

हरियाणा

हिसार : जिला संयुक्त किसान मोर्चा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के संगठन ने संयुक्त रूप से लघु सचिवालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, सरकार का पुतला दहन कर अपनी नाराजगी व्यक्त की। किसानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने लघु सचिवालय के मुख्य गेट को बंद करा दिया।

प्रदर्शन करते किसान।

फतेहाबाद में विभिन्न किसान संगठनों ने विश्वासघात दिवस मनाया। लालबत्ती चौक से लघु सचिवालय तक विरोध प्रदर्शन किया, इसके बाद केंद्र सरकार का पुतला जलाया।

प्रदर्शन करते किसान।

चरखी दादरी में सर्वजातीय सर्वखाप और संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने अपनी ताकत दिखाई। प्रदर्शन में भारी संख्या में ट्रैक्टरों से किसान व ग्रामीण शामिल हुए। शहर में प्रदर्शन के बाद लघु सचिवालय में उपायुक्त कार्यालय में ज्ञापन सौंपा।

चरखी दादरी में विरोध प्रदर्शन करते किसान।

करनाल

करनाल में जाट भवन के सामने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए।

सोनीपत

सोनीपत में प्रदर्शन करते किसान।

सिरसा

उत्तराखंड

नैनीताल। चकलुआ नैनीताल में संयुक्त किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं दुआरा विश्वासघात दिवस मे मौजूदा सरकार का पुतला दहन किया। प्रदर्शन में क्रांतिकारी किसान मंच (कालाढूंगी) क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, किसान आंदोलन समर्थन कमेटी, सयुंक्त किसान मोर्चा आदि शामिल थे।

ऊधम सिंह नगर। संयुक्त किसान मोर्चा ने बाजपुर एसडीएम कोर्ट के सामने प्रदर्शन किया।

अल्मोड़ा। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के नेतृत्व में जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेज गया।

झारखंड

धनबाद। जिले के रणधीर वर्मा चौक पर वामपंथी मोर्चा के बैनर तले नेताओं ने किसानों के समर्थन में विश्वासघात दिवस मनाया और केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस अवसर पर मासस सहित अन्य वाम दलों के नेता और कार्यकर्ता भी मौजूद थे।

रणधीर वर्मा चौक पर नारे लगाते वाम दलों के नेता

राजस्थान

झुंझनु। अखिल भारतीय किसान सभा, जय किसान आंदोलन, एसएफआई, डीवाईएफआई और सीटू के कार्यकर्ताओं ने आज संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर झुंझुनूं में विश्वासघात दिवस मनाते हुए जुझारू रैली निकाली। सैंकड़ों की संख्या में झुंझुनूं के शिक्षक भवन से जिला कलेक्ट्रेट तक राष्ट्रव्यापी आह्वान पर यह रैली निकाली गई।

Vishwasghat Diwas: संयुक्त किसान मोर्चा ने मनाया विश्वासघात दिवस, PM Modi का फूंका पुतला

सीकर। किसानों द्वारा ढाका भवन से रैली निकालकर जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया गया और केंद्र सरकार का पुतला जलाया गया।

चुरू। संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर सोमवार को जिला मुख्यालय के सामने केंद्र सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में विश्वासघात दिवस मनाया और प्रदर्शन किया। किसानों ने जिला कलक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।

संयुक्त किसान मोर्चे ने मनाया विश्वासघात दिवस, किया प्रदर्शन

बिहार

समस्तीपुर। भारतीय किसान महासभा से जुड़े किसानों ने शहर के मालगोदाम चौक से नरेंद्र मोदी के खिलाफ़ किसान महासभा ने विश्वासघात मार्च निकाला।

समस्तीपुर: शहर के मालगोदाम चौक पर नरेंद्र मोदी के खिलाफ़ किसान महासभा ने  विश्वासघात मार्च निकाला

दरभंगा। अखिल भारतीय किसान सभा द्वारा संयुक्त किसान मोर्चा के आवाह्न पर राष्ट्रीयव्यापी विश्वासघात दिवस के अवसर पर सोमवार को कामरेड भोगेन्द्र झा चौराहा पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विरोध में प्रदर्शन किया गया। इसके बाद जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया गया। 

PTI

देश के विभिन्न स्थानों पर वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा संयुक्त किसान मोर्चा के साथ हुए समझौते को लागू न करके विश्वासघात किया है। समझौते के मुताबिक केंद्र सरकार ने ना तो एमएसपी पर कानूनी गारंटी के लिए कमेटी बनाई है, ना ही उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और केंद्र सरकार के द्वारा किसानों पर लगाए गए झूठे मुकदमें वापस लिए गए है। इसके अलावा शहीद किसान परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये और एक-एक सदस्य को नौकरी देने के लिए भी सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है, लखीमपुर खीरी हत्याकांड के नामजद अभियुक्त केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त कर गिरफ्तार करने में भी सरकार की कोई दिलचस्पी नहीं है।

संयुक्त किसान मोर्चा प्रेस बुलेटिन (31 जनवरी 2022) के साथ

जारीकर्ता – डॉ दर्शन पाल, हन्नान मोल्ला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, शिवकुमार शर्मा (कक्का जी), युद्धवीर सिंह, योगेंद्र यादव।

फ़ोटो विभिन्न मीडिया से साभार

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