बेंगलुरु: सॉफ्टवेयर कम्पनी विप्रो द्वारा जबरन इस्तीफा देने को मजबूर कर्मचारी के दोबारा बहाली के आदेश जारी

कर्नाटक राज्य आईटी/आईटीईएस कर्मचारी यूनियन (केआईटीयू) को एक कर्मचारी के नौकरी से जुड़े मामले में एक बड़ी जीत हासिल हुई है। बेंगलुरु के श्रम न्यायलय सह औद्यौगिक न्यायाधिकरण ने प्रमुख सॉफ्टवेयर कम्पनी विप्रो टेक्नोलॉजीज को एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को बहाल करने का आदेश दिया है, जिसे कथित तौर पर कंपनी द्वारा इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था। विप्रो टेक्नोलॉजीज के मालिक अजीमजी प्रेमजी हैं।
उक्त कर्मचारी के लिए यूनियन के उपाध्यक्ष टीकेएस कुट्टी पैरवी कर रहे थे। अदालत में प्रार्थी की तरफ से पैरवी कर रहे कुट्टी यह साबित करने में सफल रहे कि विप्रो ने इस कर्मचारी का इस्तीफा जबरदस्ती लिखवाया था। शुक्रवार, 25 जून के आदेश में, कंपनी – विप्रो टेक्नोलॉजीज – को उस व्यक्ति को पूर्ण वेतन और समस्त लाभ- परिलाभ के साथ फिर से काम पर रखने का आदेश दिया गया है, जिसमें वह अवधि भी शामिल है जिसके दौरान कंपनी ने उन्हें काम पर नहीं लिया।
यह आदेश औद्योगिक विवाद अधिनियम की धारा 10(1)(c)(d) के तहत श्रम न्यायालय औद्योगिक न्यायाधिकरण के समक्ष मामले के रेफरेंस होने पर सुनवाई के बाद जारी किया गया। विप्रो द्वारा कर्मचारी से 2 मार्च, 2018 जबरन इस्तीफा लिखवा लिया गया था। यूनियन के अनुसार, वह एक वरिष्ठ कर्मचारी था और उसे बिना किसी स्पष्ट कारण के इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था।
तृतीय अतिरिक्त श्रम न्यायालय ने आदेश में कहा कि, “प्रार्थी का इस्तीफा जबरन, दबाव, जबरदस्ती और उसकी स्वतंत्र इच्छा और सहमति के बिना प्राप्त किया गया इसलिए अप्रार्थी पक्ष प्रबंधन द्वारा इस इस्तीफे की स्वीकृति श्रम कानून के प्रावधानों के खिलाफ और अवैध है। ”
बर्खास्त कर्मचारी को वापस बहाल करने के आदेश में आगे कहा गया है कि ,” प्रबंधन को इस आदेश के प्रकाशन की तारीख से 30 दिनों की अवधि के भीतर, प्रार्थी को सेवा की निरंतरता, समस्त पिछला वेतन, वेतन बकाया और ऐसे अन्य सभी बकाया सहित अन्य सभी लाभ जिसका वह हकदार है आदि के साथ मूल पद पर बहाल करने का निर्देश दिया जाता है।”
कर्नाटक राज्य आईटी/आईटीईएस कर्मचारी यूनियन (केआईटीयू) आईटी और सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में कर्मचारियों के शोषण के खिलाफ अपने श्रम अधिकारों के लिए आईटी पेशेवरों को संगठित करते हुए उन्हें कानूनी तथा अन्य सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।