बंगलुरू: ठेके में लाकर 10 मज़दूरों को बनाया बंधक; वसूले डेढ़ लाख तब किया रिहा

किसी ठेकेदार द्वारा कंपनी से डेढ लाख रुपए की वसूली के लिए इन मजदूरों को बंधक बना लिया और उनसे बेरहमी से मारपीट किया। परिजनों द्वारा किसी तरह पैसा भेजने पर ही रिहा किया।
Giridih : बेंगलुरु में बंधक बने बेंगाबाद के दस मजदूरों से डेढ़ लाख रुपए वसूलने के बाद कंपनी ने करीब आठ घंटे बाद मजदूरों को अपने कब्जे से मुक्त कर दिया है. लेकिन मजदूरों का मोबाइल कंपनी कर्मचारियों ने जब्त कर लिया है. इस बीच मजदूर भूखे-प्यासे तडपते रहे. मजदूरों को भोजन-पानी मिलना तो दूर की बातें थी. ठेकेदार ने पूर्व में मजदूरों के नाम पर लिए गए पैसे की वसूली नहीं होने पर मजदूरों की पिटाई की. मोबाइल पर मजदूरों ने घरों में यह खबर दी तो परिजनों का दिल दहल रहा था. घबराकर परिजनों ने 10 सितंबर को पैसा प्रबंध किया। प्रत्येक मजदूरों के परिजन की ओर से पंद्रह – पंद्रह हजार रूपये कंपनी के भेजे गए. इसके बाद मजदूरों के साथ मार पीट बंद हुई. फिर कंपनी के कर्मचारियों ने मजदूरों को नजरबंद कर एक वाहन से सुनसान स्थान पर ले जाकर छोड़ दिया. किसी तरह से मजदूर अपनी जान बचाकर वहां से भागे और अन्य लोगों के मोबाइल से अपने घरों से संपर्क कर मुक्त होने की जानकारी दी.
बेंगलुरु में फंसे बेंगाबाद कजरो के मजदूर शहजाद अंसारी के पिता जलील अंसारी ने बताया कि एक ठेकेदार ने जींस पैकिंग के काम करने की बात कह कर कजरो से दस मजदूरों को बंगलोर ले गया. इसमें मुख्तार अंसारी, शहजाद अंसारी, अब्बास अंसारी, सल्लाउद्दीन अंसारी, पाचु उर्फ अकबर मियां, इसान अंसारी, डब्बलु अंसारी, अडताज अंसारी, रियाज अंसारी व गुडिया उर्फ रज्जाउद्दीन शामिल हैं. सब एक साथ शुक्रवार को बंगलोर जाने के लिए घर से निकले थे. मधुपुर रेलवे स्टेशन से ये सभी ट्रेन से रविवार की सुबह बंगलोर पहुंच गए.
कंपनी में जाते ही मजदूरों को बंधक बना लिया और इन लोगों के साथ ठेकेदार मार पीट करने लगा। कहा कि मजदूरों के नाम पर कोई ठेकेदार कंपनी से डेढ लाख रूपये पूर्व में लिया था। ठेकेदार द्वारा पूर्व में लिए गए पैसे की वसूली के लिए मजदूरों को बंधक बना लिया और मजदूरों के साथ बेरहमी से मारपीट करने लगा. भुक्तभोगी मजदूरों ने इस बात से परिजनों को अवगत कराया. परिजनों ने बेंगाबाद पुलिस को इस घटना की सूचना दी. लेकिन बेंगाबाद पुलिस ने उसे गिरिडीह अहातु थाना भेज दिया. इधर, परेशान परिजन गिरिडीह जाने के बजाय पैसे का प्रबंध कर पहले कंपनी के स्कैनर पर भेजकर मजदूरों को वहां से मुक्त करा लिया.
जलील अंसारी ने कहा कि बंगलोर में पूर्व से रह रहे मजदूर के रिश्तेदार ने दस मजदूरों को एक साथ बंगलौर के त्रिपुर रेलवे स्टेशन में टिकट कटाकर धनबाद के लिए सोमवार की दोपहर को रवाना कर दिया है. दस मजदूरों में एक शीतलपुर और पांडेयडीह का बताया जाता है. इधर बंधक बने मजदूरों को घर वापसी में स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि शहनवाज अंसारी, चपुआडीह मुखिया मो शमीम व समां प्रवीण की सराहनीय भुमिका बताई जाती है.