भयावह ठण्ड के बीच किसान आन्दोलन में एक और किसान की मौत

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एमपी में एक और खुदकुशी, पाँच दर्जन किसान हो चुके हैं शहीद

केंद्र सरकार के काले कृषि कानूनों व बिजली संशोधन बिल 2020 आदि के विरोध में दिल्ली की अलग अलग सीमाओं पर धरने पर बैठे किसानों की मौत का सिलसिला जारी है। आंदोलन के 37वें दिन उत्तरप्रदेश के गाजीपुर बार्डर पर एक और किसान की मौत हो गई। जबकि मध्यप्रदेश के छतरपुर में एक किसान ने खुदकुशी कर ली।

नए साल के पहले दिन दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर ठंड के चलते 57 साल के किसान गलतान सिंह की मौत हो गई। गलतान सिंह यूपी के बागपत जिले के नांगल भावनपुर गांव के रहने वाले थे।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान अबतक 55 से अधिक किसान शहीद हो चुके हैं और संत बाबा राम सिंह और एडवोकेट अमरजीत सिंह राय आत्महत्या कर चुके हैं। इन दोनों ने अपने सुसाइड नोट में मोदी को इसका जिम्मेदार ठहराया था।

इस बीच मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में बिजली विभाग की कार्रवाई से परेशान किसान ने आत्महत्या कर ली है। मुनेन्द्र राजपूत नामक किसान ने आत्महत्या करने से पहले एक सुसाइड नोट छोड़ा है जिस पर लिखा है कि मरने के बाद उसके शरीर को शासन के हवाले कर दिया जाये ताकि उसके अंग बेच कर शासन अपना कर्ज़ा चुका ले।

मेरे शव को शासन को सौंप दिया जाए ताकि अंगों को बेचकर वह अपने कर्ज वसूल सके: एमपी के किसान का सुसाइड नोट

मुनेंद्र राजपूत ने सुसाइड नोट में लिखा है, ‘मेरी तीन पुत्री और एक पुत्र है। किसी की उम्र 16 वर्ष से अधिक नहीं है। मेरी परिवार से प्रार्थना है कि मेरे मरने के उपरान्त मेरा शरीर शासन के सुपुर्द कर दें, जिससे मेरे शरीर का एक-एक अंग बेच कर शासन का कर्जा चुक सके।’

ज्ञात हो कि दिल्ली में नववर्ष के मौके पर भीषण शीत लहर के कहर और तापमान के 1.1 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचने के बाद भी दिल्ली से लगी सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन जारी है।

किसान आंदोलन : गाजीपुर बॉर्डर पर ठंड से 57 साल के किसान की मौत

सरकार और किसान संगठनों के बीच बुधवार को हुई छठे दौर की वार्ता में बिजली संशोधन विधेयक 2020 और एनसीआर एवं इससे सटे इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के संबंध में जारी अध्यादेश पर सरकार झुकी, लेकिन मुख्य माँग तीन कॉरपोरेटपरस्त कृषि कानूनों को रद्द करने पर सरकार की हठधर्मिता क़ायम है।

4 जनवरी को अगले दौर की वार्ता है। इस बीच संगठन्पों ने आन्दोलन को लगातार जीवंत और गतिमान बनाए रखा है और अपनी माँग के पूरा होने तक संघर्ष में डेट रहने के प्रति दृढ हैं।

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