बिजली बिलों में धांधली के खिलाफ आंदोलन तेज करने का ऐलान

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बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति, हनुमानगढ़ का तीन दिवसीय धरना संम्पन्न

नोहर (राजस्थान)। बिजली बिलों में हो रही धांधलियों के खिलाफ बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति, हनुमानगढ़ ने मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार नोहर को ज्ञापन सौंपा। बिजली बिलों में मनमानी व निजीकरण आदि के ख़िलाफ़ आन्दोलन तेज करने के ऐलान के साथ 3 दिवसीय धरना 26 अगस्त को समाप्त हो गया।

ज्ञात हो कि बिजली बिलों में धांधली, भ्रष्टाचार, बिजली महकमे के निजीकरण, बिजली (संशोधन) अधिनियम 2020 को खारिज आदि माँगों के साथ सोमवार से उपखंड नोहर में बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति, हनुमानगढ़ ने 3 दिन का धरना कार्यक्रम शुरू किया था।

https://mehnatkash.in/2020/08/24/forgive-illegal-electricity-bill-take-back-electricity-amendment-bill/

संघर्ष समिति के सदस्य ने बताया कि राजस्थान में कोरोना महामारी के बाद से ही आम मेहनतकश आबादी के हालात बेहद खराब हो गए हैं। ऊपर से हजारों रुपये के स्थाई शुल्क, फ्यूल सरचार्ज, नगरीय उपकर जल संरक्षण कर आदि नाम पर जनता को लूटा जा रहा है। औसत रीडिंग के नाम पर हजारों के बिल आम जनता को भेजे जा रहे हैं व बिजली कम्पनियों का तानाशाही रवैया बदस्तूर जारी है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में माँग की गई कि स्थाई शुल्क व अन्य कर तुरंत हटाये जाएं, घटिया व तेज चलने वाले मीटर तुरंत बदले जाएं, दिल्ली के अनुसार प्रत्येक परिवार को 200  यूनिट बिजली मुफ्त दी जाए, बिजली अधिनियम 2020 को खारिज कर निजीकरण पर रोक लगाई जाए, बिजली विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जाए।

संघर्ष समिति के सदस्यों ने आरोप लगाया कि इलाके के चुने हुए जनप्रतिनिधियों ने बिजली मुद्दे पर जनता की पीड़ा को सरकार के सामने मजबूती से नहीं उठाया है।

संघर्ष समिति का तीन दिवसीय धरना आज संम्पन्न हो गया। इस मौके पर समिति ने आम जन से आह्वान किया कि जब तक हमारी माँगें नहीं मानी जाती तब तक एकजुटता के साथ इस संघर्ष को आगे बढ़ाना हम सबकी साझी जिम्मेदारी है।

धरने पर नोहर, भरवाना, उज्जलवास, भोगराना, सोनड़ी, नाथवानीया, भगवान व कई अन्य गांवों के ग्रामीण उपस्थित रहे।