उत्तराखंड रोडवेज: चालक-परिचालक भर्ती हेतु आउटसोर्स एजेंसी के विरोध में कर्मचारी करेंगे आंदोलन

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नियुक्त एजेंसी के विरोध में 31 अगस्त को काली पट्टी और ‘मैं परिवहन निगम एजेंसी प्रथा का विरोधी हूं’ का स्टीकर लगाएंगे। 1-2 सितंबर को 48 घंटे सभी डिपो में कार्य बहिष्कार करेंगे।

देहरादून। उत्तराखंड परिवहन निगम में चालक-परिचालकों की आपूर्ति के लिए एजेंसी प्रथा शुरू कर दी गई है। परिवहन निगम आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से भर्तियां करेगा। इसके लिए रुड़की की एजेंसी एमकेएसएसएसएस को जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिसको लेकर रोडवेज कर्मचारियों ने विरोध के स्वर तेज करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।

निगम कर्मचारियों के मुताबिक अगर जल्द ही चालक परिचालक भर्ती के लिए नियुक्त एजेंसी को समाप्त नहीं किया तो 31 अगस्त से कर्मचारी काली पट्टी बांधकर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। फिर भी सरकार नहीं मानी तो 1 और 2 सितंबर को परिवहन निगम के सभी बस डिपो में कार्य बहिष्कार कर आंदोलन तेज किया जाएगा।

उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी यूनियन का आरोप है कि इससे पहले कर्मचारियों के हित में नैनीताल हाईकोर्ट ने जो आदेश दिए थे, उसके विपरीत जाकर परिवहन निगम में अब जिस कार्य योजना में बिंदुवार निर्णय लिए जा रहे हैं वह न सिर्फ परिवहन कर्मियों के खिलाफ हैं बल्कि इसमें नैनीताल हाईकोर्ट के आदेशों की भी अवमानना है।

यूनियन के महामंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि एजेंसियां परिवहन निगम में पहले से कार्य कर रही है. जिनके द्वारा परिवहन निगम के अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके परिवहन निगम को वित्तीय हानि पहुंचाई गई है। जिसकी जांच होने पर एजेंसियों और परिवहन निगम के अधिकारियों को दोषी पाया गया और उनके खिलाफ पुलिस में एफआईआर की गई, लेकिन अधिकारियों द्वारा साक्ष्य छिपाने के कारण कार्रवाई नहीं हो पाई। साथ ही परिवार निगम के अधिकारियों द्वारा परिवहन निगम को हुई वित्तीय हानि वसूलने के विपरीत एजेंसियों की सिक्योरिटी राशि भी वापस कर दी गई थी।

बताया कि पूर्व में कार्यरत एजेंसी द्वारा चालकों और परिचालकों की ईएसआई और ईपीएफ की धनराशि परिवहन निगम को से प्राप्त कर के संबंधित कोष में जमा नहीं कराई गई है, जिससे कर्मचारी और परिवहन निगम को वित्तीय हानि पहुंचाई गई। एजेंसी द्वारा वास्तविक किलोमीटर से अधिक किलोमीटर दर्शा कर वास्तविक भुगतान से अधिक भुगतान प्राप्त किया गया, जिसकी डिपो में जांच होने पर एजेंसी और परिवहन निगम के अधिकारियों को दोषी पाया गया था। एजेंसी द्वारा आपूर्ति के गए चालक व परिचालकों के साथ आर्थिक और अन्य प्रकार का शोषण किया जाता है। जिससे परिवहन निगम का संचालन प्रभावित होता है। परिवहन निगम द्वारा चालकों और परिचालकों को देय मानदेय के अलावा कमीशन और सेवा कर 18 प्रतिशत भुगतान करना पड़ता है, जिससे परिवहन निगम पर अतिरिक्त आर्थिक भार पड़ता है।

नियुक्त एजेंसी की भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ:

उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी यूनियन के मुताबिक परिवहन निगम चालक-परिचालकों की आपूर्ति के लिए नियुक्त एजेंसी (एमकेएसएसएसएस) द्वारा 233 चालकों और 356 परिचालकों सहित 589 रिक्त पदों पर भर्ती करा रहा है। भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। 13 अगस्त से 10 सितंबर 2022 तक आउटसोर्सिंग एजेंसी की वेबसाइट पर आवेदन लिया जा रहा है।

आंदोलन का ऐलान:

इसके खिलाफ कर्मचारी यूनियन ने परिवहन निगम को आंदोलन की चेतावनी दी है। यूनियन ने कहा कि परिवहन निगम में रिक्त पदों से पहले कार्यरत 2968 कर्मचारियों को नियमित करने की मांग की, उसके बाद ही आवश्यकता के अनुसार एजेंसी के द्वारा संविदा कर्मियों की नियुक्ति परिवहन निगम द्वारा की जाएं; जिनके लिए भविष्य के लिए नियमितीकरण की योजना भर्ती के समय ही घोषित किया जाए और वर्तमान एजेंसी योजना को निरस्त किया जाए

उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी यूनियन के महामंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि परिवहन निगम में नियुक्त एजेंसी प्रथा को समाप्त करने के खिलाफ प्रदेश भर के कर्मचारी 31 अगस्त 2022 को काली पट्टी बांधकर कार्य करेंगे। अपनी शर्ट के बांये हिस्से पर ‘मैं परिवहन निगम एजेंसी प्रथा का विरोधी हूं’ का स्टीकर लगाएंगे। 1 सितंबर से 2 सितंबर 2022 तक 48 घंटे सभी डिपो में कार्य बहिष्कार करेंगे।

आंदोलन की मांगें:

  • परिवहन निगम में चालक-परिचालकों की आपूर्ति के लिए नियुक्त एजेंसी के साथ किए गए अनुबंध को तत्काल समाप्त किया जाये,
  • एमकेएसएसएसएस एजेंसी द्वारा की जा रही 233 चालकों और 356 परिचालकों की भर्ती पर रोक लगाई जाये,
  • भविष्य में परिवहन निगम में एजेंसी प्रथा की कार्य योजना समाप्त की जाये,
  • परिवहन निगम में 240 दिन से अधिक निरंतर सेवा में कार्यरत संविदा चालकों परिचालकों की अनुबंध भरने की बाध्यता समाप्त की जाये।