पंतनगर : संघर्ष के बाद ठेका मजदूरों को बढ़ी मजदूरी के मामले में जीत

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ठेका मजदूरों को बढ़ी मजदूरी का एरियर भुगतान होगा

पंतनगर (उत्तराखंड)। पंतनगर कृषि व प्रद्योगिकी विश्वविद्यालय में एक डेढ़ साल के संघर्ष के बाद ठेका मजदूरों को विश्व विद्यालय से बढ़ी मजदूरी के मामले में जीत मिली है। इसी के साथ ठेका मजदूरों को बढ़ी मजदूरी के साथ बकाया वेतन के एरियर भुगतान होगा।

अप्रैल 2020 से अक्टूबर 2020 तक श्रमायुक्त उत्तराखंड के शासनादेश द्वारा बढ़ी मजदूरी पाने में ठेका मजदूरों को विश्व विद्यालय प्रशासन से जीत हासिल हुई है। इस वाबत सह निदेशक श्रम कल्याण विश्व विद्यालय द्वारा दिनांक 13/07/2021 को आदेश जारी कर उक्त अवधि का एरियर भुगतान करने को लेकर विभागों को निर्देशित किया गया है। अब ठेका मजदूरों को बढ़ी मजदूरी का एरियर भुगतान हो सकेगा।

बताते चलें कि श्रमायुक्त उत्तराखंड शासन द्वारा दैनिक वेतन भोगी, ठेका मजदूरों की हर छह माह में परिवर्तनीय मंहगाई भत्ता में वृद्धि कर मजदूरी में वृद्धि की जाती है। इसी क्रम में दिनांक 12/03/2020 को श्रम आयुक्त उत्तराखंड शासन के कार्यालय द्वारा शासनआदेश जारी करके मंहगाई भत्ता में वृद्धि कर उत्तराखंड के दिहाड़ी, दैनिक वेतन भोगी, ठेका मजदूरों को 01 अप्रैल 2020 से  सितम्बर – अक्टूबर 2020 तक बढ़ी मजदूरी भुगतान करने के आदेश दिए थे।

ठेका मजदूर कल्याण समिति पंतनगर द्वारा दिनांक 08/05/2020 को कुलपति को पत्र देकर उपरोक्त शासनादेश के मुताबिक माह 01 अप्रैल 2020 से विश्वविद्यालय में कार्यरत ठेका मजदूरों को बढ़ी मजदूरी दिलाने की मांग की गई थी। बढ़ी मजदूरी न मिलने पर दिनांक 07/10/2020 को पुनः कुलपति को पत्र दिया गया था।

विश्वविद्यालय प्रशासन बढ़ी हुई मजदूरी का भुगतान को लेकर कोई सुनवाई न होने पर ठेका मजदूर कल्याण समिति के कार्यकर्ताओं द्वारा दिनांक 27/11/2020 को सहायक श्रमायुक्त ऊधम सिंह नगर से मुलाकात की गई और पत्र देकर शासन द्वारा बढ़ी मजदूरी का भुगतान कराने की मांग की गई थी। इसी क्रम में श्रम आयुक्त उत्तराखंड, एवं जिलाधिकारी महोदय ऊधम सिंह नगर आदि को भी मजदूरी भुगतान कराने को लेकर पत्राचार किया गया था।

कोशिश के बाद अंततः श्रम कल्याण अधिकारी विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा 07 जनवरी 2021 को वेतन बढ़ोतरी को लेकर आदेश तो जारी कर दिया गया था। परंतु ठेका मजदूरों को उक्त अवधि की बढ़ी हुई मज़दूरी का एरियर भुगतान नहीं किया गया था। मजदूरी दिलाने को लेकर पुनः दिनांक 27/03/2021 को सह निदेशक श्रम कल्याण विश्व विद्यालय को पत्र दिया गया।

श्रमायुक्त उत्तराखंड शासन के शासनादेश और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जारी अपने ही आदेश की अवहेलना, श्रम कानूनों के उलंघन करने पर ठेका मजदूर कल्याण समिति द्वारा दिनांक 06 जुलाई 2021को पुनः सह निदेशक श्रम कल्याण अधिकारी से मुलाकात की और पत्र देकर आदेश के मुताबिक अप्रैल से अक्टूबर तक बढ़ी मजदूरी का एरियर भुगतान कराने की मांग की गई थी।

अंततः डेढ़ साल के संघर्ष के बाद 13 जुलाई 2021 को सह निदेशक श्रम कल्याण अधिकारी विश्व विद्यालय प्रशासन द्वारा आदेश जारी कर उक्त अवधि का एरियर भुगतान कराने को लेकर विभागों को निर्देशित किया गया है।

https://mehnatkash.in/2021/07/14/pantnagar-workers-staged-a-sit-in-for-arrears-of-salary/

यह भी मालूम हो कि पंतनगर विश्वविद्यालय सरकारी संस्था में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा ठेका मजदूरों को श्रम नियमों द्वारा देय बोनस, अवकाश, ग्रैच्युटी, चिकित्सा, ईएसआई जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है। भारत सरकार के शासनादेश होने के वावजूद ठेका मजदूर कल्याण समिति द्वारा पिछले 10– 12 वर्षों से लगातार सड़क और न्यायालय के संघर्ष में माननीय  हाईकोर्ट नैनीताल के न्यायाधीश के निर्देश पर 01 अप्रैल 2021 से पंतनगर के ठेका मजदूरों को ईएसआई सुविधा लागू किया गया है।

शासन द्वारा विश्वविद्यालय की अनदेखी और बजट में लगातार कटौती के कारण विश्वविद्यालय में रात दिन हाड़तोड़ मेहनत के बावजूद ठेका मजदूरों को विश्वविद्यालय प्रशासन छंटनी करने की फिराक में रहता है। माह में मात्र 15 से 20 दिन काम, कि ईएसआई सुविधाएं न देना पड़े लोग खुद ही काम छोड़कर भाग जाएं। कभी समय से वेतन नहीं दिया जा रहा है।

वर्ष 2003 से पूर्व से लगातार कार्यरत ठेका मजदूरों को नियमित करना तो दूर की बात इन्हें सीधे भुगतान कर विश्वविद्यालय कर्मी घोषित नहीं किया जा रहा है। बहरहाल पिछले डेढ़ साल के संघर्ष की बदौलत ही ठेका मजदूरों को प्रशासन से बढ़ी मजदूरी पाने में जीत मिली है।

ठेका मजदूरों को अपने संगठन को मजबूत करना होगा और अपनी मांगों को लेकर शासन प्रशासन से निरंतर संघर्ष करना होगा।