मज़दूर सत्याग्रह: पारले चौक से डीएम कार्यालय तक विशाल पदयात्रा; प्रशासन को दिया ज्ञापन

Dolfin_morcha_Dm_protest

रुद्रपुर (उत्तराखंड)। पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार 3 सितंबर को श्रमिक संयुक्त मोर्चा उधमसिंह नगर के बैनर तले औद्योगिक केंद्र सिडकुल पंतनगर और आसपास के क्षेत्रों की कम्पनियों के मजदूरों का हुजूम अपनी शिफ्ट के अनुसार डॉल्फिन मजदूरों के धरना स्थल निकट पारले जी चौक पर एकत्रित हुआ और ज़ालिम कम्पनी मालिकों और शासन प्रशासन के उत्पीड़न, शोषण और दमन के खिलाफ हुंकार भरी।

शाम को करीब 3 बजे से मोर्चा अध्यक्ष दिनेश तिवारी, कार्यकारी अध्यक्ष अध्यक्ष दलजीत सिंह के नेतृत्व में मजदूर सत्याग्रह के तहत जिलाधिकारी कार्यालय रुद्रपुर तक विशाल पदयात्रा निकाली गईं। तत्पश्चात्  अपर जिलाधिकारी नजूल /प्रशासन को सम्बोधित सामूहिक ज्ञापन प्रेषित किया गया और श्रमिक समस्याओं का तत्काल समाधान कराने और दमन, अनुचित -अविधिक नीति को बंद करने की एकस्वर में मांग की गई।

साथ में सामाजिक और महिला संगठनों, किसान यूनियनों के साथी भी भारी संख्या में एकत्रित हुए और मजदूरों मेहनतकशों की एकता और भाईचारे का प्रदर्शन किया।

इस दौरान हुई सभा को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि सिडकुल पंतनगर में मजदूरों के समस्त लोकतान्त्रिक और संवैधानिक अधिकारों को निरस्त करके उसे मजदूरों की खुली जेल में तब्दील करते हुए मजदूरों के लिए एक तरह से आपातकाल सा लागू कर दिया गया है। जहाँ मजदूरों को धरना देने तक की अनुमति नहीं है। धरना देने पर पुलिस और प्रशासन द्वारा मजदूरों का भारी दमन करके उन पर लाठियाँ बरसाकर उन्हें खदेड़ दिया जाता है, उन पर अनगिनत मुकदमे लाद दिए जाते हैं। कथित शांति भंग के आरोप में एकतरफा कार्यवाही करके पाबंद किया जा रहा है, यहाँ तक कि गुंडा घोषित करके जिला बदर करने की चेतावनी दी जा रही है।

डॉल्फिन कम्पनी के मजदूर ज़ब फुटपाथ पर शांतिपूर्वक धरना देते हैं तो पुलिस द्वारा उन्हें मारने पीटने, मुकदमे लगाने और जेल भेजने की धमकी दी जा रही है। वहीं दूसरी ओर डॉल्फिन कम्पनी के सैंकड़ो गुंडे पुलिस की मौजूदगी में धरना स्थल के सामने की पूरी रोड को हर दिन कई घंटे जाम कर देते हैं, धरना स्थल पर महिलाओं के साथ छेड़खानी करते हैं और महिलाओं को टांगों को पकड़कर बीच से चीर देने की धमकी देते हैं, मजदूरों पर जानलेवा हमले कर रहे हैं।

किन्तु पुलिस मौन धारण करके उक्त गुंडों को खुला संरक्षण दे रही है, गुंडों की पहचान बताने के बावजूद भी पुलिस द्वारा उक्त गुंडों के खिलाफ कार्यवाही करना तो बहुत दूर की बात है मजदूरों की तहरीरों पर प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की जा रही है।

सिडकुल पंतनगर को छोड़कर हरिद्वार, सितारगंज सिडकुल, काशीपुर, कोटद्वार और देहरादून के मिनी सिडकुल की कम्पनियों और औद्योगिक केंद्रों में धरना प्रदर्शन की इजाजत है। लालकुआं की सेंचुरी पेपर मिल हो या पंतनगर विश्विविद्यालय या सरकारी संस्थान, हर जगह मजदूरों को कम्पनी /संस्थानों के गेटों पर धरना प्रदर्शन की इजाजत है किन्तु पूरे उत्तराखंड में सिडकुल पंतनगर ही ऐसी जगह है जहाँ मजदूरों के धरना प्रदर्शन करने के अधिकारों और संविधान को रद्द कर दिया गया है जो कि निंदनीय कृत्य है।

वक्ताओं ने कहा कि डॉल्फिन कम्पनी के मजदूर कम्पनी में न्यूनतम वेतन, बोनस, गेटबंदी, स्थाई मजदूरों को जबरदस्ती ठेके प्रथा में धकेलने, केंटीन आदि से संबंधित बुनियादी श्रम कानूनों को लागू कराने को विगत लम्बे समय से आवाज़ उठा रहे हैं किन्तु श्रम अधिकारी मौन धारण किये हुए हैं। तो लुकास टीवीएस, इंटरार्क, करोलिया, नेस्ले, बड़वे आदि कम्पनियों में जिला प्रशासन और श्रम विभाग द्वारा कराये गए समझौते को लागू नहीं किया जा रहा है और अनगिनत मजदूरों को उक्त समझौतों का घोर उल्लंघन करके नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है।

इंटरार्क और करोलिया कंपनी में संरक्षित कर्मकारों तक को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। लुकास टीवीएस के मजदूर विगत 9 माह से धरना दे रहे हैं और डॉल्फिन कम्पनी के मजदूर भी जनवरी माह से ही न्याय मांग रहे हैं। नील मेटल, इंटरार्क, करोलिया, ऑटोलाइन समेत अनगिनत कम्पनियों में विगत लम्बे समय से मांगपत्रों पर सुनवाई नहीं की जा रही है। शासन प्रशासन और श्रम विभाग समेत सभी जगहों पर कम्पनी मालिकों की ही सुनवाई हो रही है, पीड़ित और गरीब मजदूरों को ही दबाया जा रहा है।

अंत में श्रमिक संयुक्त मोर्चा अध्यक्ष दिनेश तिवारी ने कहा कि कल डॉल्फिन मजदूरों के धरना स्थल पर स्थानीय विधायक शिव अरोरा जी ने बताया कि एडीएम नजूल /प्रशासन के नेतृत्व में श्रमिक समस्याओं के समाधान हेतु जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है और उन्होंने उस दौरान सार्वजनिक रूप से आश्वासन दिया है कि दो दिन के भीतर डॉल्फिन मजदूरों की वार्ता बुलाई जायेगी और एक एक करके सभी कम्पनियों के मजदूरों के मसलों का समाधान वार्ता के माध्यम से यह कमेटी कराएगी।

यदि समस्याओ का इस बीच समाधान ना किया गया तो श्रमिक संयुक्त मोर्चा अतिशीघ्र बैठक बुलाकर बड़ा कदम उठाने को बाध्य होगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।

सभा को श्रमिक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष दिनेश तिवारी, कार्यकारी अध्यक्ष दलजीत सिंह, भारतीय किसान यूनियन (प्रधान) के जिलाध्यक्ष निरवैर सिंह खालासा, इंकलाबी मजदूर केंद्र के कैलाश भट्ट, मजदूर सहयोग केंद्र के धीरज जोशी, CNG टैम्पू यूनियन अध्यक्ष सुब्रत कुमार विश्वास, भारतीय मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष गणेश मेहरा, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की अध्यक्ष बिन्दू गुप्ता, डॉल्फिन मजदूर संगठन के अध्यक्ष ललित कुमार, लुकास टी वी एस यूनियन महामंत्री बसंत गोस्वामी, इंटरार्क यूनियन पंतनगर के महामंत्री सौरभ कुमार, इंटरार्क यूनियन किच्छा अध्यक्ष हृदेश कुमार, करोलिया यूनियन अध्यक्ष हरेन्द्र, पारले यूनियन अध्यक्ष प्रमोद तिवारी, नेस्ले कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह, यजाकि यूनियन महामंत्री रविन्द्र कुमार, भगवती/माईक्रोमैक्स यूनियन महामंत्री ठाकुर सिंह, नेस्ले मजदूर संघ के कार्यकारी अध्यक्ष और भारतीय मजदूर संघ के जिलामंत्री दीपेंद्र भट्ट ने और साथ ही रॉकेट रिद्धि सिद्धि, सनसेरा, ऑटोलाइन, हैंकल आदि यूनियनों के साथियों ने भी सम्बोधित किया। पदयात्रा में करीब 1000 महिलाएं, मजदूर और किसान साथी शामिल थे।

भूली-बिसरी ख़बरे