करनाल में पुलिसिया बर्बरता के बाद एक किसान की मौत, विरोध में प्रदर्शन हुआ तेज

पीएम जलियाँवाला बाग के कार्यक्रम कर रहे थे और करनाल में किसानों के खून से लाल कर दिया गया। विरोध में प्रदर्शन तेज हो गया। ट्विटर पर #करनाल_DM_सस्पेंड_करो हैशटैग ट्रेंड हो रहा है।
रंग लाएगी किसान की शहादत
हरियाणा के करनाल जिले में आंदोलनकारी किसानों पर शनिवार को हुए पुलिस की बर्बरता व लाठीचार्ज के बाद एक किसान की शहादत हो गई। शहीद किसान भी प्रदर्शन में शामिल था और पुलिस की पिटाई का शिकार भी हुआ। रात को इसकी मौत हो गई।

मृतक किसान सुशील काजल (50) करनाल जिले के रायपुर जाटान गांव के है। वे कई महीनों से किसान आंदोलन में हिस्सा ले रहे थे।
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने रविवार को ट्वीट कर कहा, ‘भाई सुशील काजल जो डेढ़ एकड़ के किसान थे, नौ महीने से आंदोलन में अपनी हिस्सेदारी दे रहे थे। कल (शनिवार) करनाल टोल प्लाजा पर पुलिस ने जो लाठियां चलाई थीं, उनको बहुत चोट आई थीं और रात को हार्ट फेल होने के कारण शरीर त्याग कर भगवान को प्यारे हो गए। किसान कौम इनके बलिदान की सदा आभारी रहेगी।‘
एसडीएम ने दिया सिर फोड़ने का आदेश, किसानों के गिरे खून
उल्लेखनीय है कि शनिवार को हरियाणा के करनाल के बस्तारा टोल प्लाजा पर पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे किसानों पर बराबर तरीके से लठियाँ बरसाईं थीं, जिसमें 36 से ज्यादा किसान घायल हो गए थे। पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में ले लिया था।

प्रदर्शनकारी किसानों पर पुलिस के लाठीचार्ज के बाद करनाल के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) आयुष सिन्हा का एक वीडियो सामने आया, जिसमें वह पुलिसकर्मियों को प्रदर्शनकारियों की पिटाई के निर्देश देते दिखाई दिए। इस वीडियो में एसडीएम द्वारा प्रदर्शनकारियों का सिर फोड़ने का पुलिसकर्मियों को निर्देश देते सुना जा सकता है।
घटना के बाद से ही पुलिसिया बर्बरता की तस्वीरें – खून से लथपथ पुरुषों और सिर पर गंभीर चोट वाली तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित होने लगे। पुलिस की इस कार्रवाई की निंदा करते हुए किसानों ने राजमार्ग और टोल प्लाजा ब्लॉक कर दिए थे।

विरोध में किसानों ने व्यापक प्रदर्शन, लगाया जाम
मुख्यमंत्री एमएल खट्टर के नेतृत्व में राज्य स्तरीय बैठक का विरोध कर रहे साथी किसानों के खिलाफ पुलिस की ‘क्रूर’ कार्रवाई के विरोध में उग्र किसानों ने कल दोपहर पूरे हरियाणा में कई सड़कों को जाम कर दिया।
करनाल में नेशनल हाईवे को हरियाणा से जोड़ने वाले सारे प्रमुख राजमार्ग बंद हो गए हैं। यमुना नगर में पंचकूला- रुड़की राजमार्ग जाम, ढासा बॉर्डर पर दिल्ली-हरियाणा के बीच आवागमन बंद, फतेहाबाद-चंडीगढ़ सड़क बंद, दिल्ली-हिसार हाईवे बंद, भिवानी में कितलाना टोल जाम, कुरूक्षेत्र-शाहाबाद रोड जाम, पंजाब-हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर जाम, रोहतक-पानीपत हाईवे बंद हुए।

किसानों ने पड़ोसी राज्यों में भी सड़कें अवरुद्ध करने की चेतावनी दी, जिसकी वजह से वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से ले जाया गया। बाद में करनाल में हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों को रिहा करने के बाद राजमार्गों को दोबारा खोला गया।
बीकेयू (उगराहन) के प्रमुख जोगिंदर उगराहन ने कहा कि पंजाब में भी किसान दो घंटे के लिए सड़कों और राजमार्गों को अवरुद्ध करेंगे।
किसान की मौत के बाद विरोध और तेज
हरियाणा पुलिस की बर्बरता और एक किसान की शहादत के बाद जगह, जगह पिरोध प्रदर्शन, चक्का जाम, पुतला दहन आदि के साथ जबरदस्त विरोध जारी है। गाजीपुर बार्डर सहित सभी किसान मोर्चों के अलावा हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड आदि में विरोध प्रदर्शन की खबरें हैं।

करनाल में किसानों के प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों के सिर फोड़ देने का फरमान सुनाने वाले करनाल SDM आयुष सिन्हा को बर्खास्त किए जाने मांग की जा रही है और इस दौरान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर #करनाल_DM_सस्पेंड_करो हैशटैग ट्रेंड हो रहा है।

हरियाणा
इस घटना के बाद हरियाणा में जगह-लोग सड़कों पर उतार गए। करुक्षेत्र सहित अन्य जगहों के किसान सड़कों पर उतर आए। गुस्साए किसानों ने दिल्ली-अमृतसर राजमार्ग सहित कुरुक्षेत्र में कई सड़कों पर जाम लगा दिया। इसी तरह शंभू टोल प्लाजा पर भी जाम की स्थिति पैदा हो गई है।

किसानों ने फतेहाबाद में लघु सचिवालय पर रोष प्रदर्शन किया। प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का पुतला फूंकते हुए जमकर नारेबाजी भी की। किसानों ने लाठीचार्ज में घायल किसान की मौत पर दुख जताया और कहा कि उनकी शहादत को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा।
पंजाब
हरियाणा के करनाल में किसानों पर लाठीचार्ज के कारण पूरे पंजाब में किसानों में गुस्सा है। उन्होंने जगह-जगह धरना प्रदर्शन करके अपना विरोध जाहिर किया है। इस दमन के विरोध में किसानों ने पंजाब के जालंधर, लुधियाना, पटियाला और बठिंडा में नाराज किसान प्रदर्शन किया।

किसान समूहों ने जालंधर-दिल्ली राजमार्ग को दो घंटे (दोपहर से 2 बजे) के लिए अवरुद्ध की। एसकेएम जालंधर के पीएपी चौक पर भी विरोध प्रदर्शन किया और इस दौरान अमृतसर और लुधियाना की ओर जाने वाले रास्ते बंद हुए।
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने अमृतसर में रविवार दोपहर 12 बजे भंडारी पुल पर जाम लगा दिया। किसानों के प्रदर्शन के कारण जालंधर और लुधियाना दोनों स्थानों पर वाहनों की कई किमी लंबी कतार लग गई
किसानों की मांग है कि हरियाणा में किसानों पर अत्याचार करने वाले पुलिस अधिकारी सस्पेंड किए जाएं। तीनों कृषि कानूनों को रद किया जाए। सरकार बिजली एक्ट संशोधित को भी वापस ले और किसानों के ऊपर संघर्षों के दौरान जितने भी मामले दर्ज हुए हैं, वे सभी रद हों।
नूंह में किसानों की हुई महापंचायत
करनाल जिले के घरौंदा टोल प्लाजा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर हरियाणा पुलिस के लाठीचार्ज के एक दिन बाद नूंह में किसानों ने महापंचायत का आयोजन किया। संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ नेता समेत कई किसान समूह कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए एकजुट हुए।

महापंचायत में डॉ दर्शन पाल, राकेश टिकैत और बलबीर सिंह राजजेवाल और स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव भी शामिल रहे।
नेताओं ने जताया विरोध
किसान नेताओं ने कहा कि यह विडम्बना है कि प्रधानमंत्री मोदी आज जब जलियाँवाला बाग के कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं, ठीक उसी समय हरियाणा के करनाल में बसताड़ा टोल प्लाज़ा को किसानों के खून से लाल कर दिया गया।
किसान नेता राकेश टिकैत ने इसपर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि इस तरह किसानों पर लाठीचार्ज करके सरकार क्या साबित करना चाह रही है? इस घटना से जाहिर होता है कि देश में सरकारी तालिबानों का कब्ज़ा हो चुका है।
नेताओं ने कहा कि 5 सितंबर मुजफ्फरनगर में होने वाली महापंचायत से ध्यान भटकाने के लिए सरकार षड्यंत्र रच रही है देशभर के किसान पूर्ण रूप से तैयार रहें। एसकेएम के फैसले का पालन करें।