गुजरात अम्बुजा मज़दूरों ने शुरू किया बेमियादी धरना

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8 माह से अन्याय के ख़िलाफ़ संघर्षरत हैं मज़दूर

सितारगंज (उत्तराखंड)। गुजरात अम्बूजा एक्सपोर्ट लिमिटेड सितारगंज के विगत आठ माह से गेटबन्दी क़े शिकार श्रमिकों द्वारा एक सप्ताह पूर्व दी गई सूचना एवं कोविट -19 के गाइडलाइन को ध्यान में रखकर 7 सितम्बर से नगरपालिका परिसर, सितारगंज में अनिश्चितकालीन धरना चालू किया और कार्यबहाली की माँग बुलंद की।

मज़दूरों द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार धरना विगत 01/07/2020 को रुद्रपुर कलेक्ट भवन में वार्ता का उलंघन करने वाले गुजरात अंबुजा प्रबन्धन के खिलाफ प्रतिरोध है। श्रमिकों ने बताया कि उक्त सहमति में स्पस्ट रूप से सहायक श्रमायुक्त, अपर जिलाधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक, कारखाना प्रबंधक, एचआर हेड एवं श्रमिक पक्ष सहमत थे की सभी श्रमिकों की कार्यबहाली कर दी जाएगी। सम्मानजनक वेतन समझौता किया जाएगा।

जबकि प्रबन्धन द्वारा अभी तक 112 श्रमिकों की ही कार्यबहाली की गयी, 91 श्रमिकों मै से 22 श्रमिको की घरेलू जाँच की औपचारिकता पूर्ण करने क़े बाद भी उनकी कार्यबहाली के स्थान पर कारण बताओ नोटिस दिए जा रहे है। श्रमिकों को डराया धमकाया जा रहा है। उन्हें धरना प्रदर्शन करने पर नौकरी से निकाल देने की धमकी दी जा रही है। प्रबन्धन साफ़ कहता है कि उसके पास पैसा इतना है कि तुम्हारी कोई नही सुनेगा।

https://mehnatkash.in/2020/08/31/gujarat-ambuja-workers-protest-at-shram-bhavan/

श्रमिकों का कहना है कि प्रबन्धन अगर नही मानता है तो आन्दोलन में महिला बच्चों के साथ सामजिक संगठनो, मजदूर संगठनों के साथ मिलकर प्रदेश व्यापी आन्दोलन बनाया जाएगा तथा प्रबन्धन के गैरकानूनी कृत्यों का खुलासा किया जाएगा। अगर सुनवाई न हुई तो आन्दोलन चरणबद्ध तरीके से बढ़ता ही जाएगा।

धरने मै उपस्थित कैलाश चन्द पाण्डे, गौतम शर्मा, हरीश सत्वाल, रामजीत सिंह, रवींद्र यादव, चन्द्रशेखर पाण्डे , हरेंद्र बोरा, रमेश तिवारी, चन्द सिंह, राम नरेश, राम बहादुर, शिवशंकर, मेहेन्द्र यादव, कन्हईया लाल, संतोष कुमार आदि शामिल थे।

श्रमिकों की माँगें-

  1. दिनांक 01/07/2020 को हुई सहमति का पालन करवाया जाय।
  2. सभी श्रमिकों की कार्यबहाली की जाए।
  3. श्रम पर्वतन अधिकारी खटीमा द्वारा जबरिया समझौता प्रपत्र मै दबाव बनाने डराने धमकाने वाले आधीकारी की चल अचल सम्पति की जाँच हो।
  4. आडियो कीलीप की फारेसीक जाँच हो।

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