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मार्च 2021 तक हो जाएगा बीपीसीएल का निजीकरण

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) का मार्च 2021 तक प्राइवेटाइजेशन हो जाएगा। कंपनी के एक एक्जीक्यूटिव ने यह अनुमान जताया है। एक्जीक्यूटिव का कहना है कि प्राइवेटाइजेशन को देखते हुए कंपनी ने वित्त वर्ष 2021 के लिए कैपेक्स लक्ष्य को 12,500 करोड़ रुपए से घटाकर 8000 करोड़ रुपए कर दिया है।

एक्जीक्यूटिव का कहना है पिछले साल के मुकाबले इस साल अगस्त में बिक्री 90 फीसदी के स्तर तक पहुंच गई है। बीपीसीएल वित्त वर्ष 2021 में 1000 से ज्यादा पेट्रोल पंप लगाने की योजना बना रही है। बीपीसीएल को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) स्टैंडअलोन प्रॉफिट 2076.17 करोड़ रुपए का मुनाफा रहा है। एक साल पहले समान अवधि में कंपनी का मुनाफा 1075.12 करोड़ रुपए रहा था।

बीपीसीएल की खरीदारी के लिए 30 सितंबर तक निविदा जमा की जा सकती है। सरकार ने 30 जुलाई को तीसरी बार निविदा जमा करने की आखिरी तारीख बढ़ाई थी। सरकार ने बीपीसीएल के लिए पहली बार 7 मार्च को बोलियां मंगाई थी। तब निविदा जमा करने की अंतिम तारीख 2 मई रखी गई थी। बाद में इसे बढ़ाकर 31 जुलाई कर दिया था।

सरकार ने बीपीसीएल में अपनी पूरी हिस्सेदारी के रणनीतिक विनिवेश का प्रस्ताव किया है। सरकार के पास कंपनी के 114.91 करोड़ शेयर हैं जो 52.98 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है। इसके अलावा रणनीतिक खरीदार को कंपनी का प्रबंधन नियंत्रण भी स्थानांतरित किया जाएगा। हालांकि, इसमें नुमालीगढ़ रिफाइनरी की 61.65 प्रतिशत हिस्सेदारी शामिल नहीं है। नुमालीगढ़ रिफाइनरी में हिस्सेदारी की बिक्री सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं गैस कंपनी को की जाएगी।

बीपीसीएल के पास देश की तेल रिफाइनरी क्षमता का 14% हिस्सा है और ईंधन बाजार में एक चौथाई हिस्सेदारी है। बीपीसीएल देश में चार रिफाइनरी चलाती हैं। बीपीसीएल की रिफाइनरी मुंबई, कोच्चि, बीना और नुमालीगढ़ में हैं। इनकी कुल एक्सट्रैक्शन क्षमता 3.83 करोड़ टन सालाना है।

देशभर में बीपीसीएल के कुल 15,177 पेट्रोल पंप और 6,011 एलपीजी वितरक एजेंसियां हैं। इसके अलावा उसके 51 एलपीजी बॉटलिंग संयंत्र भी हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के बजट में विनिवेश से 2.1 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है और इसे पूरा करने के लिए बीपीसीएल का निजीकरण जरूरी है।

दैनिक भास्कर से साभार

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