प्रतिरोध की जनतांत्रिक आवाजों पर हो रहे दमन के ख़िलाफ़ देश-विदेश में आवाज़ बुलंद
सीएए विरोधी आन्दोलन के कार्यकर्ताओं के दमन, फर्जी मुक़दमों, गिरफ्तारियों के विरोध में और सत्ता संरक्षित दिल्ली दंगों के असल दंगाइयों को मोदी सरकार द्वारा बचाए जाने के ख़िलाफ़ पूरे देश में विरोध के स्वर बुलंद हुए। करीब 200 संगठनों के हस्ताक्षर से 3 जून के प्रदर्शन #SabYaadRakhaJayega हैशटैग के साथ प्रदर्शन हुए।
‘सब याद रखा जाएगा’ का आयोजन ‘सीएए-विरोधी कार्यकर्ताओं के दमन के ख़िलाफ़ आवामी एकता’ के आह्वान पर किया गया। कोरोना महामारी और लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए लोगों ने फिसिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए प्लेकार्ड के जरिये एकजुटता प्रदर्शन के साथ अपना विरोध व्यक्त किया।

सोशल मिडिया पर भी देशव्यापी प्रतिवाद हुआ। #SabYaadRakhaJayega (सब याद रखा जाएगा) ट्विटर पर भारत में सबसे ज़्यादा पॉपुलर टॉपिक बन गया। इससे संबंधित अब 50 हज़ार से ज़्यादा ट्विट हुए और यह लगातार प्रमुख ट्रेंड बना रहा।
लगातार दमन से उठे प्रतिरोध के स्वर
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छात्रों, महिलाओं, न्यायप्रिय जनता और मज़दूर संगठनों ने कहा कि गत दो महीनों में दिल्ली पुलिस ने जामिया की छात्रा सफूरा जरगर, मीरां हैदर, आसिफ इकबाल तन्हा, जेएनयू की छात्राएं नताशा नरवाल और देवांगना कलिता व इशरत जहां, खालिद सैफ़ी, गुलफिशा फातिमा, शर्जील इमाम,शिफा उर रहमान जैसे कार्यकर्ता और अन्य सैकड़ों मुस्लिम युवाओं को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें से कुछ पर संशोधित यूएपीए के तहत कार्रवाई चलाई जा रही है।
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यह दमन गत वर्ष दिसंबर में देश भर में सीएए-एनआरसी के खिलाफ उभरे व्यापक विरोध प्रदर्शनों को दंडित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। स्पष्ट है कि अभी गिरफ्तारियों का सिलसिला खत्म नहीं हुआ है और इस लंबी सूची में अन्य कई लोकतांत्रिक कार्यकर्ताओं के नाम जोड़े जाने की संभावना है।
इसके विपरीत शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ खुलेआम हिंसा भड़काने वाले असल गुनाहगार शासक दल के कपिल मिश्रा, परवेश वर्मा और अनुराग ठाकुर जैसे खुलेआम घूम रहे हैं।

सरकार का विरोध करने वाली प्रत्येक आवाज़ को बर्बर दमन और काले कानूनों के सहारे चुप कराना चाहती है। पहले भी सरकार ने भीमा कोरेगांव मामले के बहाने कई लोकतांत्रिक-अधिकार कार्यकर्ताओं और शिक्षाविदों को फर्जी मुकदमे घढ़कर अपनी गिरफ्त में लिया है और उनके खिलाफ कार्रवाही चला रही है।
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इसी तरह असम में सीएए-विरोधी कार्यकर्ता अखिल गोगोई को यूएपीए के तहत आरोपित किया गया है, और बिट्टू सोनोवाल, मानस कुंअर, धज्जो कुंअर और कई अन्य आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर प्रताड़ित किया जा रहा है।
प्रतिरोध की प्रमुख माँगें
जगह-जगह के प्रदर्शन में माँग उठी कि- सीएए- विरोधी आंदोलन के सभी कार्यकर्ताओं को रिहा करो! प्रतिवाद की लोकतांत्रिक आवाजों का दमन करने के बजाय प्रवासी श्रमिकों और मेहनतकश जनता की दुर्दशा पर तत्काल ध्यान दो! दिल्ली हिंसा के असली अपराधियों को गिरफ्तार करो! सभी राजनीतिक कैदियों को रिहा करो! सीएए-एनआरसी-एनपीआर को रद्द करो! काला कानून यूएपीए को ख़त्म करो!
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करीब 200 संगठनो का आह्वान
देशव्यापी विरोध प्रदर्शन में जेएनयू छात्रसंघ, आइसा, एसएफआई, एआईएसएफ, एआईडीएसओ,बीएएसओ, पछास, क्रन्तिकारी नौजवान सभा, आईएमके, जन संघर्ष मंच हरियाणा, मज़दूर सहयोग केंद्र, टीयुसीआई, आईएफटीयु सरव्हारा, ग्रामीण मज़दूर यूनियन, एमकेपी, पीड़ीएसएफ, पीड़ीवाईएफ, विमुक्त, अंबेडरकर पेरियार फुले स्टडी सर्किल पुणे, बीएएसएफ, लोकमंच, अनहद, ऐपवा, रिहाई मंच, समाजवादी जन परिषद, एचआरएनएल, यूनाइटेड ओबीसी फोरम, एक्टू, उत्तराखंड महिला मंच, पिंजरा तोड़ समेत करीब 200 संगठन शामिल रहे।

प्रतिरोध की कुछ झलकियाँ
गुडगाँव। सामाजिक न्याय के लिए संघर्षरत विद्यार्थियों के ऊपर दमन व गिरप्तारी के खिलाफ आज गुडगाँव में विरोध प्रदर्शन हुआ व डीसी, गुरुग्राम के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सोंपा गया हैं| कार्यक्रम में मारुती सुज़ुकी वर्कर्स यूनियन-मानेसर, मारुती सुजुकी पवारट्रेन एम्प्लोईस यूनियन, क्रांतिकारी नौजवान सभा, मजदूर सहयोग केंद्र (गुडगाँव), संग्रामी मजदूर यूनियन, इंकलाबी मजदूर केंद्र, INTUC , AIDYO, AIUTUC, श्रीराम इंजनियरिंग मजदूर यूनियन ने भागेदारी की।

कैथल। जन संघर्ष मंच हरियाणा, निर्माणकार्य मजदूर मिस्त्री यूनियन, मनरेगा मजदूर यूनियन, एसओएसडी, मजदूर सहयोग केंद्र, जन कल्याण सोसाइटी हरियाणा आदि संगठनों ने प्रदर्शन किया।

कुरुक्षेत्र। जन संघर्ष मंच हरियाणा, निर्माणकार्य मजदूर मिस्त्री यूनियन, मनरेगा मजदूर यूनियन द्वारा कुरुक्षेत्र में प्रदर्शन-

जींद। जन संघर्ष मंच, हरियाणा रानी का तलब, जींद में प्रदर्शन किया, जिसमे अन्य संगठनों ने भागेदारी की।

मज़दूर सहयोग केंद्र, कैंथल…

गोहाना: जन संघर्ष मंच हरियाणा और समतामूलक महिला संगठन द्वारा गोहाना में प्रदर्शन-

फरीदाबाद : इंकलाबी मजदूर केंद्र, औद्योगिक ठेका मजदूर यूनियन एवं परिवर्तनकामी छात्र संगठन ने जोरदार प्रदर्शन किया-

भुवनेश्वर। उड़ीसा में टीयूसीआई, घरयी महिला श्रमिक यूनियन व अन्य संगठनो ने विरोध प्रदर्शन किया।

पश्चिम बंगाल, मज़दूर क्रांति परिषद (एमकेपी), स्ट्रगलिंग वर्कर्स कोओर्डिनेशन कमेटी (एसडब्लूसीसी) द्वारा प्रदर्शन-

जादवपुर, कोलकाता में प्रदर्शन करते विभिन्न संगठन-

दमदम, कोलकाता में श्रमजीवी नारी मंच और अन्य संगठनों द्वारा प्रदर्शन-

गरियाहाट पश्चिम बंगाल में प्रदर्शन-

बर्धमान : इफ्टू सर्वहारा, पीड़ीवाईएफ द्वारा पश्चिम बर्धमान, हरिपुर में रैली-

लाली गुरास का दार्जलिंग में प्रदर्शन-

हनुमानगढ़ (राजस्थान): क्रांतिकारी नौजवान सभा की ओर से भादरा जिला हनुमानगढ़ में प्रदर्शन-

बरेली में पछास, इंक़लाबी मज़दूर केंद्र व क्रालोस का संयुक्त प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा-

एपवा, आइसा, बीसीएम द्वारा वाराणसी में प्रदर्शन-

भगतसिंह छात्र मोर्चा का प्रदर्शन-

प्रोग्रेसिव स्टूडेंट फ्रंट (पीएसएफ) का एक दिवसीय भूख हड़ताल-

रामनगर (उत्तराखंड) में इंकलाबी मजदूर केंद्र, परिवर्तनकामी छात्र संगठन व प्रगतिशील महिला एकता केंद्र के कार्यकर्ताओं ने रानीखेत रोड पर तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया-

देहरादून: में विरोध प्रदर्शन में उत्तराखण्ड महिला मंच तथा अखिल भारतीय बिभिन्न प्रतिभागी छात्र, महिला,एवम मजदूर संगठनों की इकाइयों एवम क्षेत्रिय विभिन्न जन संगठनों के कार्यकर्ता भी यथा स्थिति अपने अपने स्तर पर/सामूहिक रूप से बिरोध प्रदर्शन किया गया।

ग्रामीण मजदूर यूनियन, बिहार द्वारा प्रदर्शन-

इफ्टू सर्वहारा पटना के भिन्न मज़दूर चौकों पर प्रदर्शन।

इफ्टू सर्वहारा, पीड़ीएसएफ, पीड़ीवाईएफ, विमुक्त द्वारा पटना, बिहार के भिन्न मज़दूर बस्तियों और मज़दूर चौकों पर विरोध प्रदर्शन-

पटना में ‘विमुक्ता’ स्त्री मुक्ति संगठन
जन अभियान, बिहार, (बिहार में कार्यरत दस जनतांत्रिक एवं क्रांतिकारी संगठनों के साझा मंच) के तत्वावधान में श्रीकृष्ण विज्ञान केन्द्र, गांधी मैदान, पटना में विरोध प्रदर्शन का आयोजन-

इफ्टू सर्वहारा दिल्ली के भरत विहार में महिला मज़दूरों द्वारा प्रदर्शन-

1977 में नियोगी जी के नेतृत्व में दल्लीराजहरा माइंस के 10 हजार मजदूरों ने आंदोलन किया जिसमें सखलेचा सरकार ने बर्बर गोली चालन किया था, जिसमें 2-3 जून को 11 मजदूर सांथी शहीद हुए थे। मजदूरों ने ऐतिहासिक जीत हासिल की थी।

11 मजदूरों के शहादत दिवस पर छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा, मजदूर कार्यकर्ता समिति, प्रगतिशील सीमेन्ट श्रमिक संघ ने प्रदर्शन कर नारा लगाया और श्रद्धाजंलि दिया, शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियो को लगातार गिरफ्तार किया जा रहा है उसका पुरजोर विरोध किया गया।
इसके साथ ही कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, केरला, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, पंजाब, असम, झारखंड सहित देश के लगभग सभी राज्यों से प्रतिरोध की खबरें हैं।
विदेशों में भी प्रदर्शन

देश के बाहर अंतर्राष्ट्रीय सोलिडरिटी प्रकट करते हुए विरोध प्रदर्शन हुए।

विदेशों में पुर्तगाल, बार्सिलोना, निकारागुआ, ग्रीस, लन्दन सहित अन्य देशों में प्रदर्शन हुए, दमन का विरोध हुआ और राजनैतिक बंदियों की रिहाई की माँग हुई।
