कोरोना : 1 डॉलर का वाल्ब 11 हजार डॉलर का नोटिस!

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पूँजीवाद को मरीजों की जान से ज्यादा मुनाफे का है लालच

कोविड-19 के मरीजों से भरे इटली के एक अस्पताल के पास इलाज के लिए जरूरी एक खास किस्म के वाल्व की कमी थी। सप्लाई करने वाली कंपनी भी असमर्थता जता रही थी। एक छोटी स्थानीय कंपनी ने दो वालंटियर नौजवान क्रिश्चियन फ्रांकासी और अलेसांद्रो रेमिओली के साथ अपना 3डी प्रिंटर अस्पताल भेजा। पर वाल्व बनाने वाली कंपनी ने पेटेंट के नाम पर वाल्व का ब्लूप्रिंट देने से इंकार कर दिया। पर ये नौजवान भी कम नहीं थे। उन्होंने उपलब्ध वाल्व की सारी नापजोख की और 3डी प्रिंटर को प्रोग्राम कर वाल्व बना ही दिये और कई मरीजों की जान बचा ली।

अब वाल्व सप्लाई करने वाली कंपनी इन नौजवानों पर उसकी बौद्धिक संपदा चुराने का मुकदमा दायर करने की धमकी दे रही है। आखिर बात क्या है? बात ये है कि ऐसे बनाये गए वाल्व की लागत 1 डॉलर ही आई जबकि वह कंपनी इसे 11 हजार डॉलर की कीमत पर अस्पताल को बेचती थी।ये है पूँजीवादी कंपनियों की लूट, और दूसरी ओर हैं क्यूबा के डॉक्टर जो इटली से इंग्लैंड तक सबकी मदद कर रहे हैं। पर पूँजीवाद सफल बताया जाता है और समाजवाद असफल!

हमें तो असफल समाजवाद ही चाहिये, ऐसी सफलता का क्या करना?

Mukesh Aseem की वाल से

 

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