जबरन 16 घंटे काम कराने से इन्टरार्क के मज़दूर का निधन; संघर्ष के बाद ₹20 लाख मुआवजा तय

आक्रोश : प्रबंधन ने श्रमिक को बी के बाद रात्रि पाली में जबरिया रोक लिया। लगातार 16 घन्टे कार्य के दौरान सुबह करीब 5.30 बजे अचानक वे बेहोश हुए और अस्पताल में मृत घोषित हुए।
रुद्रपुर (उत्तराखंड)। औद्योगिक क्षेत्र सिडकुल, पंतनगर स्थित इन्टरार्क बिल्डिंग प्रोडक्ट लिमिटेड में जबरिया 16 घंटे काम कराने के दौरान श्रमिक दुर्योधन शर्मा की दुखद मौत हो गयी। घटना से फैक्ट्री में हड़कम्प मच गया। जानकारी मिलने पर मृतक के परिजनों में भी कोहराम मच गया।
सूचना मिलने पर जिला अस्पताल पहुंचे आक्रोशित श्रमिकों का दिनभर लगातार संघर्ष चलता रहा। इस बीच नगर विधायक, सहायक श्रम आयुक्त, पुलिस अधिकारी भी पहुंचे। फिर भी प्रबंधन की हठधर्मिता बनी रही। अंततः 20 लाख रुपए के मुआवजे के समझौते पर मामला शांत हुआ। शोकाकुल मज़दूर और परिजन साथी की अंतिम क्रिया में लग गए।

जबरिया कराया 16 घंटे काम
दुर्योधन शर्मा पुत्र उमा शंकर शर्मा इन्टरार्क बिल्डिस प्रोडक्ट लिमिटेड, सेक्टर 2, प्लाट नम्बर 14 सिडकुल पंतनगर में कार्यरत थे। गोपालगंज, बिहार के रहने वाले 48 साल के दुर्योधन वर्तमान में दरियागंज रुद्रपुर रहते थे। साथी दुर्योधन की चार बेटियां हैं, जिसमें सबसे बड़ी बेटी 18 वर्ष की और सबसे छोटी बेटी 10 वर्ष की है।
कल 21 दिसंबर को वे दोपहर 2-10 बजे बी शिफ्ट ड्यूटी पर थे। लेकिन प्रबंधन ने उन्हें नाइट शिफ्ट रात (10 से 6) में जबरन ओवरटाइम (लगातार 16 घन्टे कार्य) पर रोक लिया था। आज सुबह वे लगभग 5.30 बजे ड्यूटी के दौरान अचानक बेहोश हो गए। आनन-फानन में उन्हें स्थानीय मेडिसिटी, गौतम हास्पिटल, फिर सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
श्रमिकों में आक्रोश, किया प्रदर्शन, ₹20 लाख मुआवजा
मृत्यु की सूचना पर जिला अस्पताल पहुंचे इन्टरार्क मज़दूर संगठन के साथी व परिजनों के साथ प्रबंधन की मनमानी से आक्रोशित श्रमिकों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया और कम्पनी के खिलाफ कार्यवाही व मुआवजे की मांग करने लगे। आंदोलित श्रमिकों ने न्याय मिलने तक शव का पंचनामा कराने से मना कर दिया। इसी दौरान नगर विधायक शिव अरोरा, सहायक श्रम आयुक्त मीनाक्षी भट्ट, प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ पुलिस भी पहुँच गई। उधर श्रमिक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष दिनेश तिवारी, सिड़कुल के विभिन्न यूनियनें और भारी संख्या में मज़दूर भी जुट गए।
उधर प्रबंध लगातार अपनी हठधर्मिता पर अड़ा रहा, जिससे मज़दूरों में आक्रोश बढ़ता गया। मज़दूर नेताओं और विधायक की प्रबंधन से काफी नोक-झोंक भी हुई। ऐसे में पूरे दिन प्रदर्शन जारी रहा। अंततः मज़दूरों के बढ़ते आक्रोश के बीच विधायक शिव अरोरा की मध्यस्थता में कम्पनी प्रबधन से मौखिक सहमति बनी।
समझौते के तहत मृतक के परिजन को कम्पनी 20 लाख रूपये देगी, वही मृत्यु का मुआवजा जो होंगा वो अलग से प्रशासन की रिपोर्ट के आधार पर बाद में मिलेगा। फिलहाल तत्काल एक लाख रुपए दाह संस्कार के लिए प्रबंधन ने दे भी दिया है।
ज्ञात हो कि इन्टरार्क कंपनी का ऊधम सिंह नगर में पंतनगर व किच्छा में दो प्लांट हैं। यहाँ प्रबंधन की मनमानियाँ और ज़्यादतियाँ लगातार बढ़ती जा रही हैं। कई मज़दूर निलंबित और बर्खास्त चल रहे हैं। प्रबंधन प्रशासन की मध्यस्थता में हुए पूर्व समझौतों को भी लागू नहीं कर रहा है। उल्टे मज़दूरों पर मनमाने काम का दबाव लगातार बढ़ाता जा रहा है। साथी दुर्योधन के मौत की घटना उसी का परिणाम है।