पंतनगर: हेंकल इंडिया में मांग पत्र का विवाद; प्रबंधन ने यूनियन महामंत्री कमल पांडे का किया गेट बंद

हेंकल मज़दूर संघ के अनुसार प्रबंधन ने माँगपत्र को उलझाने और प्लांट में हुई दुर्घटना की सूचना उच्च प्रबंधन को देने के कारण महामंत्री कमाल पांडे का प्रतिशोधवश गेट बंद किया है।
पंतनगर (उत्तराखंड)। मांग पत्र पर विवाद के दौरान यूनियन प्रतिनिधियों को फर्जी आरोपों में फसाने की और मांग पत्र को उलझाने की तकनीक प्रबंधन का अचूक हथियार बन चुका है। ताजा विवाद में हेंकल एड़हेसिवस टेक्नोलॉजिस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड सिडकुल पंतनगर के प्रबंधन ने यूनियन के महामंत्री कमल पांडे का फर्जी आरोप में गेट बंद कर दिया है और आरोप पत्र सहित निलंबन पत्र जारी किया है।
मजेदार बात यह है कि 29/08/2024 के कथित निलंबन पत्र में ना तो निलंबन कि किसी अवधि का जिक्र है और ना ही इस दौरान किसी प्रक्रिया के पालन करने की बात है। प्रबंधन ने तत्काल प्रभाव से गेट बंदी कर दी, लेकिन इससे पूर्व कमाल पांडे को न तो कोई नोटिस दिया, ना ही स्पष्टीकरण मांगा।
हेंकल मजदूर संघ के अनुसार प्रबंधन ने यूनियन के माँगपत्र को उलझाने के लिए और प्लांट में हुई दुर्घटना की सूचना उच्च प्रबंधन को देने के कारण महामंत्री कमाल पांडे का प्रतिशोधवश गेट बंद किया है।
इस घटना के बाद हेंकल के मजदूरों के भीतर आक्रोश व्याप्त है और यूनियन ने 18 सितंबर से शांतिपूर्ण वैधानिक आंदोलन का नोटिस दे दिया है। यूनियन द्वारा दिए गए नोटिस के तत्काल बाद श्रम विभाग सक्रिय हो गया और सहायक श्रमयुक्त उधम सिंह नगर ने आंदोलन के नोटिस पर वार्ता बुला ली।
13 सितंबर को वार्ता का पहला दौरा हुआ। स्पष्ट है कि मजदूर आंदोलन की राह पर न जाए यह वार्ता इसके लिए बुलाई गई। जबकि कमल पांडे वैधानिक रूप से संरक्षित कर्मकार हैं और गेटबंदी से पूर्व प्रबंधन ने श्रम विभाग से अनुमति लेना तो दूर इसकी सूचना तक नहीं दी है।
क्या है पूरा मामला
हेंकल मजदूर संघ द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार हेंकल के पंतनगर प्लांट में दिनांक 25/04/2024 को श्रमिक अश्वनी कृष्णली की एक गार्ड बायपास करने से दुर्घटना हुई थी। हेंकल कंपनी के नियम के अनुसार इस घटना की सूचना यूनियन की ओर से कमल पांडे ने हेंकल स्पीकअप पोर्टल पर डाली थी जो कि एक स्मार्ट प्लेटफार्म है। साथ ही शीर्ष प्रबंधन को भी पत्र भेजा था। इसपर कॉरपोरेट स्तर पर जांच भी हुई थी।
हालांकि इस शिकायत की सूचना गुप्त होती है, लेकिन इसकी जानकारी स्थानीय प्रबंधन- एचआर शिवेंद्र शाही और प्लांट हेड महेश सिंह को लग गई। ऐसे में स्थानीय प्रबंधन ने बदले की भावना से अन्य मामले को बनाकर व फसाकर तत्काल बिना स्पष्टीकरण मांगे सस्पेंड कर दिया।
कमल पांडे पर सुरक्षा मानक के उल्लंघन का आरोप है। उनको दिए गए नोटिस में विभिन्न तिथियों को एचएमए मशीन पर गार्ड गार्ड में चढ़कर मशीन में एक साइड से दूसरी साइड जाने का कथित आरोप है।
कमल पांडे के मुताबिक इमरजेंसी सिचुएशन में रिवर्क जेनरेशन रोकने तथा मशीन ब्रेकडाउन को रोकने के लिए हमे ऐसा करना पड़ता हैं क्योंकि वहा पर कोई प्लेटफार्म नही बना है। यह प्रथा 15 साल से चली आ रही हैं। दूसरा रास्ता लंबा होने के कारण रिवर्क जेनरेशन तथा मशीन ब्रेकडाउन को तत्काल नही रोका जा सकता। प्लेटफार्म के लिए कई बार मेनेजमेंट से बोला गया लेकिन इसमें आज तक कोई कारवाई नही की गई और इसे अनदेखा कर प्लांट चलवाया जा रहा है। मौका मिलते ही प्रबंधन ने इसे ही आरोप बना दिया।
उनका कहना है कि गार्डलेस मशीन पर हमारे किसी साथी की अंगुली कटती हैं तो रूद्रपुर प्रबंधन सेफ्टी इश्यू नही बनाते क्योंकि इसमे प्रबंधन की गलती होती है। और दूसरी मशीन पर रूटीन प्रैक्टिस में कार्य होता रहता है, जिसे सेफ्टी इश्यू बना रहे हैं, जो कि किसी भी रूप में जायज नहीं है। एचआर ने कहा है कि अश्वनी के एलटीसी केस के बारे में ऊपर मेल किया है तो कार्यवाही होगी।
यूनियन संघर्ष की तैयारी में
यूनियन का कहना है कि जबसे यूनियन बनी है, प्रबंधन कई साथियों को ऐसे ही फँसाकर निकाल चुका है, जिनका केस अभी लेबर कोर्ट में चल रहा है। अबतक 3 संरक्षित कर्मकारों सहित कई श्रमिक निकाले जा चुके हैं। वर्तमान में इस प्लांट में महज 24 स्थाई श्रमिक बचे हैं।
यूनियन ने इसे प्रतिशोधात्मक कार्यवाही बताते हुए कहा कि प्रबंधन हमारे संगठन के महामंत्री है पर दोष सिद्ध करने के लिए कार्यवाही शुरू कर रहा है जो कि जानबूझकर किया जा रहा एक षड्यंत्र मात्र है और यह उन्हें टर्मिनेट करने तथा संगठन तोड़ने की कार्यवाही है जिसकी यूनियन घोर निन्दा करती है।
किसी भी वरिष्ठ ने मशीन में होने वाली दिक्कत (माल फसने और उसे निकाले जाने की कार्यप्रणाली) को 15 साल से कभी संज्ञान में नही लिया, जो व्यवस्था है वह आज भी ऐसी ही चली आ रही है। इस मामले में सिर्फ महामंत्री को दोषारोपित करना और उसके लिए कार्यवाही शुरू करना गलत है। माँगपत्र पर वार्ताओं के दौरान बदले की भावना से उठाए जाने वाले इस कदम का संगठन घोर विरोध करता है और करेगा।
यूनियन ने कहा कि महामंत्री श्री कमल पांडेय को निलंबित कर दोषी ठहराए जाने के कुत्सित प्रयास से समस्त श्रमिक आक्रोशित हैं और अपने कार्यक्रम के अनुसार आंदोलन के लिए कृत संकल्प हैं। यही संगठन को बनाए रखने के लिए एकमात्र विकल्प है।
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