लुधियाणा: औद्योगिक मज़दूर संगठनों द्वारा मज़दूर पंचायत सफलतापूर्वक संपन्न

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लुधियाणा (पंजाब)। लुधियाणा के मज़दूर संगठनों कारखाना मजदूर यूनियन और टेक्सटाइल-हौज़री कामगार यूनियन द्वारा 1 सितंबर को डॉ. अम्बेडकर धर्मशाला, जमालपुर चौक, चंडीगढ़ रोड, लुधियाणा में मज़दूर-पंचायत का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पहुँचे मज़दूरों और संगठनों के नेताओं ने मज़दूरों के हालातों और कारखानों में होने वाली धक्केशाही के बारे में बात की।

वक्ताओं ने कहा कि मज़दूरों को बहुत बुरे हालातों का सामना करना पड़ रहा है। महँगाई दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, लेकिन आमदनी में कोई वृद्धि नहीं हो रही। मालिक वेतन/पीस-रेट बढ़ाने के बजाय मशीनों को बढ़ाकर काम का बोझ दोगुना कर रहे हैं। कारखानों में श्रम-कानून लागू नहीं बल्कि मालिक भी मज़दूरों के संघर्षो द्वारा हासिल की गई सुविधाओं में भी कटौती कर रहे हैं।

मालिक बेहिसाब मुनाफा कमा रहे हैं और दूसरी तरफ मज़दूर बुरे हालातों में जीने को मज़बूर हैं। सरकार और श्रम-विभाग खुलेआम मालिकों के पक्ष में हैं। कारखानों में हादसों से सुरक्षा के प्रबंध नहीं हैं।

पंचायत में मजदूरों की माँगों को लेकर एक माँग-पत्र पेश किया गया। विचार-चर्चा के बाद एक और माँग बढ़ाकर माँग-पत्र पर सहमति दी गई। फैसला लिया गया कि माँग-पत्र को सरकार और पूँजीपतियों के सामने रखा जाएगा। यह भी फैसला लिया गया कि आने वाले बुधवार को यह माँग-पत्र डीसी लुधियाणा को सौंपा जाएगा।

पंचायत को कारखाना मजदूर यूनियन के अध्यक्ष लखविंदर, टेक्सटाइल-हौज़री कामगार यूनियन के अध्यक्ष जगदीश, नौजवान भारत सभा के नेता तरण और यूनियन के अन्य नेताओं, कार्यकर्ताओं, सदस्यों ने अपने विचार पेश किए।

माँगपत्र में शामिल मांगें-

  1. मासिक न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये प्रति माह तय किया जाए, पीस रेट/दिहाड़ी इसी हिसाब से तय हो,
  2. कमरतोड़ महँगाई पर लगाम लगाई जाए,
  3. स्त्री मज़दूरों को बराबर काम के लिए पुरुष मज़दूरों के बराबर वेतन/पीस रेट/दिहाड़ी मिले,
  4. मालिकों की ओर से मज़दूरों के वेतन, ई.पी.एफ आदि के पैसे दबाने के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो,
  5. कारखानों में ई.एस.आई., ई.पी.एफ., बोनस, पहचान पत्र, पक्का हाज़री कार्ड और रजिस्टर, वेतन पर्ची (पे स्लिप) आदि सारे क़ानूनी श्रम अधिकार लागू किए जाएँ,
  6. कारखानों में पीने के साफ़ पानी, साफ़-सफ़ाई का पूरा प्रबन्ध हो,
  7. मज़दूरों के क़ानूनी श्रम अधिकार लागू न करने वाले मालिकों को सख्त सजाएँ मिलें,
  8. ई.पी.एफ. और ई.एस.आई. की वेतन सीमा बढ़ाई जाए,
  9. कारखानों में हादसों से मज़दूरों की सुरक्षा के पूर्ण प्रबंध हों, हादसा होने पर इलाज और उचित मुआवजे की गारण्टी हो,
  10. सभी मज़दूरों को पक्के रोजगार की गारण्टी हो,
  11. मज़दूर विरोधी ठेकेदारी प्रथा को पूरी तरह से खत्म किया जाए,
  12. बेरोजगारी की हालत में बेरोजगारी भत्ता मिले,
  13. मजदूरों के रिहायशी इलाकों में सरकारी अस्पतालों-डिस्पेंसरियों, स्कूलों को ज़रूरी संख्या में खोले जाएँ, जो पहले से मौजूद हैं उनकी हालत सुधारी जाए, साफ़-सफ़ाई, बिजली, पानी, आदि सुविधाओं का पुख्ता प्रबन्ध हो,
  14. मज़दूरों के राशन कार्ड, वोटर कार्ड आदि बनाए जाएँ,
  15. बुढ़ापा पेंशन लागू हो,
  16. मज़दूरों-मेहनतकशों के साथ आए दिन होने वाली लूट-छीना-झपटी की घटनाओं को रोकने के लिए सख्ती से कार्रवाई की जाए, लोगों के जान-माल की सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए जाएँ,
  17. सभी मज़दूरों को रविवार के दिन सप्ताहिक छुट्टी दी जाए।

पंचायत में कारखाना मज़दूर यूनियन के सदस्य रमेश और नौजवान भारत सभा द्वारा क्रांतिकारी गीत पेश किए गए। कार्यक्रम के अंत में इलाके में पैदल मार्च किया गया।